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Asthi Kalash Waiting For Moksh : रामनगर मुक्तिधाम में मुक्ति के इंतजार में हैं अस्थि कलश, प्रबंधन ने अस्थियां ले जाने की आखिरी अपील की - Asthi Kalash Waiting For Moksh

Asthi Kalash Waiting For Salvation भिलाई के रामनगर मुक्तिधाम में पिछले 22 साल से कई लोगों के अस्थि कलश मुक्ति का इंतजार कर रहे हैं. परिजनों ने रीति रिवाज से अंतिम संस्कार तो कर दिया. लेकिन अस्थियों को विसर्जन करने के लिए नहीं ले गए.लिहाजा अब न्यूज पेपर के माध्यम से मुक्तिधाम और निगम प्रबंधन ने परिवार से अस्थि कलशों को ले जाने की अपील की है.

Asthi Kalash Waiting For Salvation
रामनगर मुक्तिधाम में मुक्ति के इंतजार में अस्थि कलश
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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Sep 12, 2023, 5:36 PM IST

Updated : Sep 13, 2023, 12:07 AM IST

20 साल से ज्यादा पुरानी अस्थियों को मुक्ति का इंतजार

भिलाई : इंसान के मरने के बाद विधि विधान से उसके शव का परिजन अंतिम संस्कार करते हैं. अंतिम क्रिया के बाद मृत आत्मा की शांति के लिए अस्थि को इकट्ठा करके गंगा या फिर किसी पवित्र नदी में विसर्जित करने का नियम है. लेकिन भिलाई के रामनगर मुक्तिधाम में कई अस्थि कलशों को अब भी मुक्ति का इंतजार है. मुक्तिधाम के अस्थि कलश कक्ष में कई लोगों के अस्थि कलश रखें हुए हैं.जिसे उनके परिजन नहीं ले गए.ऐसे में अब लगातार इकट्ठा हो रहे अस्थि कलश मुक्तिधाम प्रबंधन के लिए मुसीबत बनते जा रहे हैं.

20 सालों से अस्थियों को मुक्ति का इंतजार : मुक्तिधाम प्रबंधन की माने तो मृत्यु के बाद कई लोग अंतिम संस्कार तो कर देते हैं,लेकिन आर्थिक तंगी के कारण अस्थि कलश को विसर्जित नहीं करते.कई बार परिजनों से संपर्क करके उनसे अस्थि कलश ले जाने के लिए अपील की गई है.लेकिन किसी ने भी दिलचस्पी नहीं दिखाई.रामनगर मुक्तिधाम में 24 अस्थि कलशों को विसर्जित नहीं किया गया है.जिसके कारण अब अस्थि कलश की अलमारी भी भर चुकी है.

''साल 2008 से लोगों की अस्थियां मुक्तिधाम के अस्थि कलश कक्ष में रखी हुई हैं. कुछ अस्थि कलशों में नाम है,कुछ में तारीख डली हुई है.17 अस्थि कलशों में किसी का नाम नहीं है. 2008 से अस्थि कलश की योजना निगम ने शुरु की थी,लेकिन कुछ अस्थियां उससे पहले की भी हैं.'' कृष्ण देशमुख, केयर टेकर रामनगर मुक्तिधाम

मुक्तिधाम प्रबंधन ने की अपील : मुक्तिधाम प्रबंधन ने लोगों से अपील की है कि जिनके भी नाम और पते उनके पास दर्ज हैं,वो आएं और अस्थि कलश को ले जाएं.क्योंकि स्वयं सेवी संस्था ने अस्थि कलशों के विसर्जन करने को लेकर आवेदन दिए हैं.वहीं निगम भी अब अस्थियों को विसर्जित करने की बात कह रहा है.

निगम ने जारी की चेतावनी : इस परेशानी को देखते हुए अब निगम प्रशासन आगे आया है. भिलाई निगम ने इस बारे में अब चेतावनी पत्र जारी किया है.जिसमें परिजनों से अपील की गई है कि वो रामनगर मुक्तिधाम आकर अपने परिचित के अस्थियों को ले जाएं.नहीं तो आने वाले दिनों में निगम खुद ही अस्थियों को समाजसेवी संगठन के माध्यम से विसर्जित करवा देगा.

'' 20-22 साल से अस्थियां रामनगर मुक्तिधाम में रखीं हैं.इस बारे में समाजसेवी संस्था ने आवेदन दिया है,कि वो विधिविधान से अस्थियों को विसर्जित करना चाहती है.लेकिन समाचार पत्रों के माध्यम से ऐसे लोगों से अपील की गई है जिन्हें जानकारी नहीं है और उनके परिजनों की अस्थियां मुक्तिधाम में रखी हैं'' शरद दुबे, जनसंपर्क अधिकारी, भिलाई नगर निगम

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परिजनों से अस्थि कलश ले जाने की अंतिम अपील : अमूमन ऐसा होता है कि अंतिम संस्कार के बाद परिवार के लोग तीन दिनों के अंदर अस्थियों को इकट्ठा करके ले जाते हैं.इसके बाद विधि विधान से उनका विसर्जन करते हैं.ताकि मृत आत्मा को शांति मिले.लेकिन रामनगर मुक्तिधाम में 24 अस्थि कलशों को लेकर किसी के परिजन या परिवार ने दिलचस्पी नहीं दिखाई.लिहाजा मुक्तिधाम प्रबंधन ने इंसानियत का धर्म निभाते हुए अस्थि कलशों को सुरक्षित रखा है.लेकिन अब जब अस्थि कलश का अंबार लगने लगा,तो प्रबंधन ने पुराने अस्थि कलशों को जल्द से जल्द परिजनों से ले जाने की अपील की है. यदि फिर भी परिजन नहीं आए तो तय समय के बाद समाजसेवी संगठन के माध्यम से अस्थि कलश विसर्जित कर दिए जाएंगे.

20 साल से ज्यादा पुरानी अस्थियों को मुक्ति का इंतजार

भिलाई : इंसान के मरने के बाद विधि विधान से उसके शव का परिजन अंतिम संस्कार करते हैं. अंतिम क्रिया के बाद मृत आत्मा की शांति के लिए अस्थि को इकट्ठा करके गंगा या फिर किसी पवित्र नदी में विसर्जित करने का नियम है. लेकिन भिलाई के रामनगर मुक्तिधाम में कई अस्थि कलशों को अब भी मुक्ति का इंतजार है. मुक्तिधाम के अस्थि कलश कक्ष में कई लोगों के अस्थि कलश रखें हुए हैं.जिसे उनके परिजन नहीं ले गए.ऐसे में अब लगातार इकट्ठा हो रहे अस्थि कलश मुक्तिधाम प्रबंधन के लिए मुसीबत बनते जा रहे हैं.

20 सालों से अस्थियों को मुक्ति का इंतजार : मुक्तिधाम प्रबंधन की माने तो मृत्यु के बाद कई लोग अंतिम संस्कार तो कर देते हैं,लेकिन आर्थिक तंगी के कारण अस्थि कलश को विसर्जित नहीं करते.कई बार परिजनों से संपर्क करके उनसे अस्थि कलश ले जाने के लिए अपील की गई है.लेकिन किसी ने भी दिलचस्पी नहीं दिखाई.रामनगर मुक्तिधाम में 24 अस्थि कलशों को विसर्जित नहीं किया गया है.जिसके कारण अब अस्थि कलश की अलमारी भी भर चुकी है.

''साल 2008 से लोगों की अस्थियां मुक्तिधाम के अस्थि कलश कक्ष में रखी हुई हैं. कुछ अस्थि कलशों में नाम है,कुछ में तारीख डली हुई है.17 अस्थि कलशों में किसी का नाम नहीं है. 2008 से अस्थि कलश की योजना निगम ने शुरु की थी,लेकिन कुछ अस्थियां उससे पहले की भी हैं.'' कृष्ण देशमुख, केयर टेकर रामनगर मुक्तिधाम

मुक्तिधाम प्रबंधन ने की अपील : मुक्तिधाम प्रबंधन ने लोगों से अपील की है कि जिनके भी नाम और पते उनके पास दर्ज हैं,वो आएं और अस्थि कलश को ले जाएं.क्योंकि स्वयं सेवी संस्था ने अस्थि कलशों के विसर्जन करने को लेकर आवेदन दिए हैं.वहीं निगम भी अब अस्थियों को विसर्जित करने की बात कह रहा है.

निगम ने जारी की चेतावनी : इस परेशानी को देखते हुए अब निगम प्रशासन आगे आया है. भिलाई निगम ने इस बारे में अब चेतावनी पत्र जारी किया है.जिसमें परिजनों से अपील की गई है कि वो रामनगर मुक्तिधाम आकर अपने परिचित के अस्थियों को ले जाएं.नहीं तो आने वाले दिनों में निगम खुद ही अस्थियों को समाजसेवी संगठन के माध्यम से विसर्जित करवा देगा.

'' 20-22 साल से अस्थियां रामनगर मुक्तिधाम में रखीं हैं.इस बारे में समाजसेवी संस्था ने आवेदन दिया है,कि वो विधिविधान से अस्थियों को विसर्जित करना चाहती है.लेकिन समाचार पत्रों के माध्यम से ऐसे लोगों से अपील की गई है जिन्हें जानकारी नहीं है और उनके परिजनों की अस्थियां मुक्तिधाम में रखी हैं'' शरद दुबे, जनसंपर्क अधिकारी, भिलाई नगर निगम

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Last Updated : Sep 13, 2023, 12:07 AM IST
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