दुर्ग: कोरोना की दूसरी लहर ने दुर्ग वासियों को झकझोर कर रख दिया है. दूसरी लहर ने कई लोगों को निगल लिया है. ऐसे में अब प्रशासन ने थर्ड वेव के आने की आशंका को देखते हुए तैयारी शुरू कर दी है. इस बात की भी चर्चा है कि थर्ड वेव में बच्चे भी गंभीर संक्रमण का शिकार हो सकते हैं. यदि ऐसा हुआ तो उनके इलाज के लिए पुख्ता व्यवस्था होनी चाहिए. ऐसे में दुर्ग कलेक्टर डॉ. सर्वेश्वर नरेंद्र भूरे ने कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में सरकारी और निजी अस्पतालों के मैनेजमेंट से चर्चा की. साथ ही अस्पताल में व्यवस्था बढ़ाने पर जोर दिया.
बच्चों में इम्यूनिटी अच्छी, खतरा कम
बैठक में विशेषज्ञ डॉक्टरों ने कहा कि बच्चों में इम्यूनिटी अच्छी होती है. इसलिए इस बात की आशंका कम है कि थर्ड वेव आने पर वे बड़ी संख्या में प्रभावित हों. सहायक कलेक्टर हेमंत नंदनवार ने कहा कि हमें सभी परिस्थितियों के लिए तैयार रहना चाहिए. यदि इस तरह की कोई परिस्थिति आती है तो उससे निपटने के लिए सरकारी और प्राइवेट हास्पिटल में पूरी व्यवस्था होनी चाहिए.
चंदूलाल में 25 बेड चाइल्ड ICU
अपर कलेक्टर बीबी पंचभाई ने कहा कि जिला प्रशासन ने कोरोना की तीसरी लहर को लेकर तैयारियां शुरू कर दी है. चंदूलाल चंद्राकर हॉस्पिटल में 25 बेड चाइल्ड आईसीयू बनाया जा रहा है. 35 स्टाफ नर्स को पीडियाट्रिक आईसीयू स्टाफ नर्स की ट्रेनिंग दी जा रही है. चाइल्ड ट्रीटमेंट से संबंधित गाइडलाइन के मुताबिक यहां इंफ्रास्ट्रक्चर अपडेट किया जा रहा है. प्राइवेट हॉस्पिटल को भी गाइडलाइन से अवगत करा दिया जाएगा.
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ऑक्सीजन बेड की व्यवस्था रखें: CMHO
बैठक में सीएमएचओ डॉ. गंभीर सिंह ठाकुर ने कहा कि बच्चे भी तीन आयु वर्ग के होंगे. नवजात से लेकर 6 वर्ष, 6 से 10 और इसके बाद किशोर बच्चे. छोटे बच्चों के लिए ऑक्सीजन बेड की जरूरत होगी. जिससे उन्हें ऑक्सीजन सपोर्ट देने में किसी तरह की असुविधा न हो. वेंटिलेटर बेड्स को बच्चों के मुताबिक एडजस्ट करना होगा. नवजात शिशुओं के लिए एचएफएनसी (हाई फ्लो नैसल कैन्युला) HFNC की जरूरत होगी. CMHO ने कहा कि सभी हॉस्पिटल इसके लिए तैयारियां कर लें. सबसे बड़ी जरूरत आईसीयू स्टाफ पीडियाट्रिक नर्स की होगी. आईसीयू स्टाफ नर्स को इसके मुताबिक प्रशिक्षित कर लें साथ ही ट्रेनिंग भी दे दें.
हर अस्पताल में चस्पा होगा प्रोटोकाल
बैठक में बच्चों के मेडिसीन प्लान के संबंध में गाइडलाइन हर अस्पताल में चस्पा किए जाने के सुझाव भी दिए गए. वरिष्ठ शिशु रोग विशेषज्ञों ने बताया कि बच्चों के लिए रेमडेसिविर आदि डोज का प्लान और सभी दवाओं की खुराक के प्लान हर अस्पताल में चस्पा होने चाहिए. इसके लिए प्रशिक्षण बेहद जरूरी है. मेडिकल ऑफिसर डॉ. सुगम सावंत ने बताया कि इसके लिए तैयारियां प्रशासन द्वारा की जा रही है. सिविल सर्जन डॉ. बाल किशोर ने जिला अस्पताल में चाइल्ड केयर के लिए की गई तैयारियों के बारे में जानकारी दी.