भिलाई: पुरानी भिलाई थाना क्षेत्र में सुपारी किलिंग का मामला सामने आया है. हथखोज हैवी इंडस्ट्रियल एरिया में मुरूम खदान में पुलिस ने एक लाश बरामद होने के बाद पुलिस ने 1 जून को हत्या का अपराध दर्ज कर एक आरोपी को गिरफ्तार किया. आरोपी की निशानदेही पर सोमवार को पुलिस ने बाकी के दोनों आरोपियों को नागपुर से गिरफ्तार किया है.
पैसों के लेन देन को लेकर था विवाद: मृतक ओम प्रकाश साहू और आशीष तिवारी के बीच पैसों के लेन देन को लेकर विवाद था. 31 मई की शाम आशीष ने ओम प्रकाश साहू को फोन करके अपने घर बुलाया. इसके बाद पैसों को लेकर दोनों के बीच विवाद हुआ. विवाद इतना बढ़ गया की आशीष और उसके अन्य दोस्तों ने मिलकर प्रकाश के साथ जमकर मारपीट की और गला दबाकर उसकी हत्या कर दी. जिसके बाद लाश को ठिकाने लगाने के लिए सभी आरोपियों ने जिस स्कूटी से ओम प्रकाश आया था, उसी से उसके शव को बांधकर हथखोज के मुरूम खदान में फेंक दिया.
आरी से काट डाले थे पैर: बॉडी को डिस्पोज करने के लिए आरोपियों ने बकायदा दुकान से आरी भी खरीदी और मृतक के पैर को काट दिया. 1 जून की सुबह मृतक की पत्नी के पास अज्ञात व्यक्ति का फोन आया था और ओम प्रकाश साहू को छोड़ने के एवज में 30 लाख रुपयों की मांग की गई. ओम प्रकाश की पत्नी की शिकायत पर पुलिस तफ्सीश शुरू की तो आशीष तिवारी पर शक हुआ. हिरासत में लेकर पूछताछ करने पर हत्या का खुलासा होने के साथ ही इसमें रजनीश पांडेय और अनुज तिवारी के भी शामिल होने की बात सामने आई. दोनों फरार चल रहे थे, जिन्हें सोमवार को नागपुर रेलवे स्टेशन से पुलिस टीम ने धर दबोचा.
"हत्या सिर्फ उधारी रुपयों को लेकर की गई थी लेकिन आरोपियों ने इसे महादेव ऑनलाइन सट्टे से जोड़कर पुलिस जांच को भटकाने का प्रयास किया. इसके कारण सट्टा किंग मोहम्मद सद्दाम का नाम भी आरोपियों ने मामले में जोड़ दिया गया, लेकिन जांच में उससे जुड़ा कोई लिंक नहीं मिला और न ही सुपारी किलिंग की कोई बात सामने आई." -शलभ सिन्हा, एसपी दुर्ग
Bhilai News: फैशन डिजाइनर युवती के खुदकुशी मामले में आरोपी गिरफ्तार |
Durg News: भिलाई में मकान का सौदा कर महिला से ठगी |
Bhilai Crime : भिलाई में फांसी लगाकर खुदकुशी की दो घटनाएं |
जेल में हुई थी आशीष और ओम प्रकाश की पहचान: आरोपी आशीष तिवारी पहले भी लूट के मामले में जेल की सजा काट चुका है. वहीं ओम प्रकाश साहू भी इसी दौरान NDPS के मामले में जेल में बंद था. इसी दौरान दोनों की जान पहचान हुई. जब दोनों जेल में थे तो सद्दाम भी वहां आया था. इसलिए आरोपियों ने पुलिस को गुमराह करने के लिए केस से सद्दाम का भी नाम जोड़ा था.