दुर्ग: राजस्थान के कोटा में छत्तीसगढ के पढ़ रहे छात्रों को राज्य शासन के निर्देशानुसार वापस लाने की प्रक्रिया की जा रही है. इसके तहत दुर्ग में लाए जाने वाले कोटा के स्टूडेंट्स को क्वॉरेंटाइन करने के लिए जिले में भिलाई और दुर्ग के दो स्थानों पर क्वॉरेंटाइन सेंटर बनाया गया है, जहां पर कोटा से आए स्टूडेंट्स को क्वॉरेंटाइन किया जाएगा.
क्वॉरेंटाइन सेंटर के लिए भिलाई के रूंगटा कॉलेज और दुर्ग के विज्ञान विकास केंद्र का चयन किया गया है. भिलाई में छात्रों को ठहराया जाएगा, तो वहीं दुर्ग के विज्ञान विकास केंद्र आदिम जाति कल्याण विभाग के हॉस्टल में छात्राओं को रुकवाया जाएगा. इन दोनों ही जगहों का मंगलवार को जिला और पुलिस प्रशासन के अधिकारियों ने निरीक्षण किया है.
473 छात्र-छात्राओं को किया जाएगा क्वॉरेंटाइन
बता दें कि दोनों क्वॉरेंटाइन सेंटर में सूरजपुर, सरगुजा, कोरिया जिले के कुल 473 छात्र-छात्राएं क्वॉरेंटाइन किए जाएंगे. वहीं कोटा से आ रहे स्टूडेंट्स 28 अप्रैल की रात या सुबह तक दुर्ग पहुंच जाएंगे.
सुरक्षा के मद्देनजर गृह जिले में नहीं भेजे जाएंगे स्टूडेंट्स
बता दें कि कोटा राजस्थान से लौटने वाले छात्र-छात्राओं को फिलहाल अपने गृह जिले में नहीं भेजा जाएगा. शासन ने यह निर्णय सुरक्षा के मद्देनजर लिया है. कोटा से वापस लौटने वाले छात्र-छात्राओं को उनके गृह जिले के अनुसार निर्धारित जिले में बनाए गए हॉस्टल में रहना होगा. संभाग की बात की जाए, तो सरगुजा, सूरजपुर और कोरिया जिले के छात्र-छात्राओं को दुर्ग में रुकवाया जाएगा, जबकि बलरामपुर जिले के स्टूडेंट्स बेमेतरा जिले में और जशपुर जिले के स्टूडेंट्स को रायगढ़ में रुकवाया जाएगा. शासन ने यह फैसला इसलिए लिया है ताकि कोरोना वायरस के खिलाफ जंग में चूक न हो जाए, लेकिन शासन के इस निर्णय से छात्र-छात्राओं और परिजनों में मायूसी है.
14 दिनों तक क्वॉरेंटाइन में रहेंगे स्टूडेंट्स
दरअसल राजस्थान के कोटा में फंसे हुए छात्र-छात्राओं को वापस लाने के लिए केंद्र से अनुमति मिलने के बाद राज्य शासन ने नोडल अधिकारियों की नियुक्ति कर बसों को रवाना किया था. कोटा से आने वाले छात्रों को 14 दिनों तक क्वॉरेंटाइन सेंटर में रखने के लिए जिला प्रशासन ने भी अपने स्तर पर तैयारियां की थीं. इसके लिए क्वॉरेंटाइन सेंटर का निर्माण तीन हॉस्टल में किया गया था. सोमवार की देर शाम या रात तक सभी छात्र अपने-अपने गृह जिले में पहुंच जाते, लेकिन शासन ने एक नया आदेश जारी किया है जिसके तहत छात्र-छत्राओं को उनके गृह जिले में नहीं भेजा जाएगा.
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संभाग के हिसाब से होगी रहने की व्यवस्था
सरगुजा संभाग की बात की जाए, तो यहां से 630 छात्र-छात्राएं और परिजन कोटा से विभिन्न बसों में रवाना हुए थे, लेकिन अब संभाग के विभिन्न जिलों के स्टूडेंट्स को अलग-अलग जिलों में रखने का आदेश संचालक स्वास्थ्य सेवाएं ने जारी किए हैं. जारी आदेश के मुताबिक अब सरगुजा, सूरजपुर और कोरिया जिले के 473 छात्र-छात्राओं को दुर्ग में रुकवाया जाएगा.
यहां होगी छात्र-छात्राओं के रुकने की व्यवस्था
तीनों जिलों के छात्रों के लिए नोडल अधिकारी डिप्टी कलेक्टर पंचभाई को नियुक्त किया गया है. इसके साथ ही तीनों जिलों की छात्राओं को विज्ञान विकास केंद्र में जबकि छात्रों को रूंगटा कॉलेज में रुकवाया जाएगा. इसके साथ ही बलरामपुर जिले के छात्र-छात्राएं बेमेतरा में धमतरी, गरियाबंद, बलौदाबाजार के छात्र-छात्राओं के साथ रुकेंगे.
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जिले के अधिकारियों को दिए गए निर्देश
धमतरी के एलन स्कूल में और बेमेतरा शासकीय महाविद्यालय में छात्रों को रुकवाया जाएगा. यहां इनके लिए नोडल अधिकारी डिप्टी कलेक्टर बी संदीप होंगे. इसके साथ ही जशपुर जिले के छात्र-छात्राएं रायगढ़ में रहेंगे. जशपुर के छात्रों को तेजस्विनी हॉस्टल, पोस्ट मैट्रिक कर्मचारी हॉस्टल और छात्राओं को प्री मैट्रिक एसटी कन्या छात्रावास और प्री मैट्रिक एससी कन्या छात्रावास में रखा जाएगा.
यहां इनके नोडल अधिकारी युगल किशोर उरवाशा होंगे. सभी स्टूडेंट्स को 14 दिनों के लिए यहां क्वॉरेंटाइन सेंटर में रखा जाएगा, जिसके तहत सभी हॉस्टल में डॉक्टरों और मेडिकल टीम की नियुक्ति की गई है. शासन ने यह निर्णय इसलिए लिया है, ताकि बच्चों को क्वॉरेंटाइन किया जा सके. इसके साथ ही शासन ने उनके रुकने, खाने की पूरी व्यवस्था करने के निर्देश जिला अधिकारियों को दिए हैं, ताकि छात्रों को किसी भी तरह की कोई परेशानी नहीं हो.