दुर्ग: छत्तीसगढ़ के दुर्ग में कोरोना का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा है. जिले में शुक्रवार को 1786 नए केस मिलने के बाद कुल मरीजों की संख्या 50 हजार के पार हो गई है. जिले में लॉक डाउन के चौथे दिन सर्वाधिक 21 लोगों की मौत कोरोना से हुई है. बढ़ते कोरोना केस और मौतों का आंकड़ा प्रशासन के लिए चिंता का विषय बना हुआ है. कोरोना मरीजों के साथ ही मौत का आंकड़ा भी कम होने का नाम नहीं ले रहा है. दुर्ग जिले में एक्टिव मरीजों की संख्या 18,374 पहुंच गई है. लगातार बढ़ते केसों की वजह से अस्पतालों में इलाज को लेकर भी दिक्कतें हो रही है. सरकारी अस्पताल के साथ-साथ निजी अस्पतालों में भी जगह की कमी होना बताया जा रहा है.
जिले में 22 सरकारी और निजी अस्पताल
दुर्ग जिले के 22 सरकारी और निजी कोविड-19 अस्पताल है. जहां ना ऑक्सीजन बेड खाली है, ना ही वेंटिलेटर उपलब्ध है. मरीजों की हालत बिगड़ रही है. लगातार मौत के आंकड़े बढ़ रहे हैं. मरीजों को समय पर वेंटिलेटर उपलब्ध नहीं हो पा रहा. जिले में 5 सरकारी और 17 निजी कोविड अस्पतालों में महज 706 ऑक्सीजन बेड है, 89 वेंटिलेटर है. सभी फुल हो चुके हैं.
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1 अप्रैल से अब तक की स्थिति-
- एक अप्रैल- 996 केस-7 मौतें
- दो अप्रैल- 964 केस-7 मौतें
- तीन अप्रैल - 857 केस-10 मौतें
- चार अप्रैल- 995 केस-10 मौतें
- पांच अप्रैल-1169 केस-6 मौतें
- छह अप्रैल- 1838 केस-9 मौतें
- सात अप्रैल-1664 केस-6 मौतें
- आठ अप्रैल- 2132 केस-19 मौतें
- नौ अप्रैल- 1786 केस-21 मौतें
जिले में कोरोना से भयावह स्थिति-
- दुर्ग में लॉकडाउन- 6 से 14 अप्रैल तक
- कोरोना से 870 की मौत
- एक्टिव केस 18374
- दुर्ग में आबादी लगभग 20 लाख
- निजी और शासकीय अस्पतालों में कुल 1483 बेड, 706 ऑक्सीजन बेड और वेंटिलेटर 89
- जिले में 50 से अधिक कंटेनमेंट जोन
- जिले में पेट्रोल पंप, एलपीजी गैस, एटीएम, दवाई दुकानें खुली है
- दुर्ग में दवाईयां पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है
- शहर में चार मुक्तिशाम, जहां रोजाना जल रही लाशें