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कोरोना का खतरा: नगरी में बिना सुरक्षा मजदूरों से कराया जा रहा काम

नगरी विकासखंड में काष्ठगार के अधिकारी धारा 144 का खुलेआम उल्लंघन कर रहे हैं. अधिकारी बिना सुरक्षा के मजदूरों को काम करा रहे हैं.

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नियमों की अनदेखी
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Published : Mar 24, 2020, 9:05 PM IST

Updated : Mar 24, 2020, 10:17 PM IST

नगरी/धमतरी: कोरोना वायरस के संक्रमण को देखते हुए छत्तीसगढ़ में 31 मार्च तक लॉकडाउन है. सभी जिला और ब्लॉक मुख्यालयों में धारा 144 लगाई गई है, जिससे लोगों की गतिविधियां सीमित रहे. ऐसे में धमतरी जिला के नगरी विकासखंड में काष्ठगार के अधिकारी धारा 144 का खुलेआम उल्लंघन कर रहे हैं.

बिना सुरक्षा मजदूरों से कराया जा रहा काम

काष्ठगार के अधिकारी धारा 144 लगने के बाद भी 85 मजदूरों की जान जोखिम में डालकर उनसे समूह में काम करवा रहे हैं. मजदूरों को बकायदा वन विभाग की गाड़ियों में भरकर जंगल ले जाया जा रहा है और जंगल से लकड़ी ढुलाई और काष्ठागार में रखे अव्यवस्थित लकड़ी को व्यवस्थित करने का काम करवाया जा रहा है.

सावधानी के लिए इन मजदूरों के पास न मास्क है न सेनिटाइजर. जब मजदूरों से बात की गई तो उन्होंने भी कोरोना के खतरे को लेकर अपनी चिंता जताते हुए अधिकारियों की मनमानी को दोषी ठहराया. रेंजर ने माना कि 'उनकी जान को खतरा है, लेकिन उनके ऊपर उच्चाधिकारी हैं, जिनकी ओर से कार्यालय में किसी भी प्रकार से लिखित आदेश नहीं आया है'.

'मास्क की व्यवस्था की जा रही है'

रेंजर का कहना है कि 'मास्क की व्यवस्था की जा रही है, लेकिन पर्याप्त संख्या में मास्क नहीं मिल रहे हैं'.

नगरी/धमतरी: कोरोना वायरस के संक्रमण को देखते हुए छत्तीसगढ़ में 31 मार्च तक लॉकडाउन है. सभी जिला और ब्लॉक मुख्यालयों में धारा 144 लगाई गई है, जिससे लोगों की गतिविधियां सीमित रहे. ऐसे में धमतरी जिला के नगरी विकासखंड में काष्ठगार के अधिकारी धारा 144 का खुलेआम उल्लंघन कर रहे हैं.

बिना सुरक्षा मजदूरों से कराया जा रहा काम

काष्ठगार के अधिकारी धारा 144 लगने के बाद भी 85 मजदूरों की जान जोखिम में डालकर उनसे समूह में काम करवा रहे हैं. मजदूरों को बकायदा वन विभाग की गाड़ियों में भरकर जंगल ले जाया जा रहा है और जंगल से लकड़ी ढुलाई और काष्ठागार में रखे अव्यवस्थित लकड़ी को व्यवस्थित करने का काम करवाया जा रहा है.

सावधानी के लिए इन मजदूरों के पास न मास्क है न सेनिटाइजर. जब मजदूरों से बात की गई तो उन्होंने भी कोरोना के खतरे को लेकर अपनी चिंता जताते हुए अधिकारियों की मनमानी को दोषी ठहराया. रेंजर ने माना कि 'उनकी जान को खतरा है, लेकिन उनके ऊपर उच्चाधिकारी हैं, जिनकी ओर से कार्यालय में किसी भी प्रकार से लिखित आदेश नहीं आया है'.

'मास्क की व्यवस्था की जा रही है'

रेंजर का कहना है कि 'मास्क की व्यवस्था की जा रही है, लेकिन पर्याप्त संख्या में मास्क नहीं मिल रहे हैं'.

Last Updated : Mar 24, 2020, 10:17 PM IST
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