ETV Bharat / state

SPECIAL: आत्मनिर्भर बन रहीं गांव की महिलाएं, पसीने की सिंचाई से बंजर जमीन पर उगाई सब्जियां

author img

By

Published : Sep 4, 2020, 2:13 PM IST

कोरोना काल में जहां अधिकांश लोग रोजी-रोटी की समस्या और आर्थिक मंदी से जूझ रहे हैं, वहीं स्वसहायता समूह की ये महिलाएं बंजर जमीन पर सुगंधित फूल खिलाकर और ताजी सब्जियां उगाकर अपनी जिंदगी को नई दिशा दे रही हैं और पीएम मोदी के आत्मनिर्भर भारत के सपने को पूरा कर रही हैं.

self dependent by cultivation
आत्मनिर्भर बन रही गांव की महिलाएं

धमतरी: जिला प्रशासन के सहयोग से स्वयंसहायता समूह की महिलाएं बंजर जमीन पर सब्जियां उगा रही हैं. महिला समूह इस अनुपयोगी जमीन को खेती के लिए तैयार कर भिंडी, बरबटी, गिल्की और लौकी सहित अन्य सब्जियों की खेती कर रही हैं. इससे न सिर्फ महिलाओं को रोजगार मिल रहा है, बल्कि उसे बेचकर ये महिलाएं आत्मनिर्भर भी बन रही हैं.

जिला मुख्यालय से 3 किलोमीटर दूर भटगांव और सोरम की महिलाओं ने 12 एकड़ बंजर भूमि को खेती-बाड़ी लायक बनाकर सामूहिक खेती करना शुरू किया. यहां उद्यानिकी विभाग से अनुदान पर ज्योति महिला स्वसहायता समूह और जय भवानी महिला स्वसहायता समूह की महिलाओं ने करीब 2 एकड़ रकबे में फलदार पौधों के साथ विभिन्न प्रकार की सब्जियां उगाई हैं. इससे महिलाओं की अच्छी आमदनी हो रही है, वहीं उन्हें रोजगार भी मिल रहा है.

आत्मनिर्भर बन रही गांव की महिलाएं

महिलाओं को मिला रोजगार

ग्रामीण उद्यानिकी विस्तार अधिकारी कल्याणी नागराज ने बताया कि हाल ही में यहां पहली बार सब्जी की तोड़ाई की गई. जिसमें 20 किलो बरबटी और 25 किलो गिल्की का उत्पादन हुआ. इसे महिलाओं ने 50 रु और 40 रु प्रति किलो के हिसाब से मंडी में बेचा है. इन सब्जियों से करीबन 1 हजार 650 रुपए की आमदनी हुई है. धमतरी कलेक्टर जेपी मौर्य ने कहा कि इस पहल से महिलाओं को रोजगार मिल रहा है. उन्होंने आने वाले दिनों में सब्जियों के भरपूर उत्पादन की उम्मीद जताई है.

पढ़ें: SPECIAL: कोरोना काल में सोशल मीडिया बना वरदान, वीडियो देख महिलाएं बना रहीं डेकोरेटिव आइटम्स

महिलाओं ने जताई आत्मनिर्भर बनने की खुशी

महिलाएं बताती हैं कि वे पहले खेती के साथ मजदूरी का काम करती थीं, लेकिन जिला प्रशासन के सहयोग से स्वयं सहायता समूह की महिलाएं सामूहिक खेती के साथ सब्जियां उगा रही हैं और इससे वे बेहद ही खुश हैं.उन्हें उम्मीद है कि इससे उनके जीवन में बदलाव आएगा.

पढ़ें: SPECIAL: कोरोना काल में डेयरी व्यवसाय बेहाल, पशुपालकों ने पशु बेच दिए तो कई दुकानों पर भी लगे ताले


ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मिलेगी मजबूती

सामूहिक खेती के तहत स्वयं सहायता समूह की महिलाओं ने करीब 12 एकड़ में से 6 एकड़ में लेमन ग्रास के 55 हजार पौधे लगाए हैं. 4 एकड़ में सेब, बेर और नींबू के पौधे लगाए गए हैं. इसके अलावा यहां गिलोय के 113, एलोवेरा के 1200, काली मिर्च के 100 पौधे सहित गेंदा के 4000 और पुदीना के 300 पौधे लगाए गए हैं. इस पहल से जहां ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी, वहीं महिलाओं को नियमित रूप से रोजगार भी मिलेगा.

धमतरी: जिला प्रशासन के सहयोग से स्वयंसहायता समूह की महिलाएं बंजर जमीन पर सब्जियां उगा रही हैं. महिला समूह इस अनुपयोगी जमीन को खेती के लिए तैयार कर भिंडी, बरबटी, गिल्की और लौकी सहित अन्य सब्जियों की खेती कर रही हैं. इससे न सिर्फ महिलाओं को रोजगार मिल रहा है, बल्कि उसे बेचकर ये महिलाएं आत्मनिर्भर भी बन रही हैं.

जिला मुख्यालय से 3 किलोमीटर दूर भटगांव और सोरम की महिलाओं ने 12 एकड़ बंजर भूमि को खेती-बाड़ी लायक बनाकर सामूहिक खेती करना शुरू किया. यहां उद्यानिकी विभाग से अनुदान पर ज्योति महिला स्वसहायता समूह और जय भवानी महिला स्वसहायता समूह की महिलाओं ने करीब 2 एकड़ रकबे में फलदार पौधों के साथ विभिन्न प्रकार की सब्जियां उगाई हैं. इससे महिलाओं की अच्छी आमदनी हो रही है, वहीं उन्हें रोजगार भी मिल रहा है.

आत्मनिर्भर बन रही गांव की महिलाएं

महिलाओं को मिला रोजगार

ग्रामीण उद्यानिकी विस्तार अधिकारी कल्याणी नागराज ने बताया कि हाल ही में यहां पहली बार सब्जी की तोड़ाई की गई. जिसमें 20 किलो बरबटी और 25 किलो गिल्की का उत्पादन हुआ. इसे महिलाओं ने 50 रु और 40 रु प्रति किलो के हिसाब से मंडी में बेचा है. इन सब्जियों से करीबन 1 हजार 650 रुपए की आमदनी हुई है. धमतरी कलेक्टर जेपी मौर्य ने कहा कि इस पहल से महिलाओं को रोजगार मिल रहा है. उन्होंने आने वाले दिनों में सब्जियों के भरपूर उत्पादन की उम्मीद जताई है.

पढ़ें: SPECIAL: कोरोना काल में सोशल मीडिया बना वरदान, वीडियो देख महिलाएं बना रहीं डेकोरेटिव आइटम्स

महिलाओं ने जताई आत्मनिर्भर बनने की खुशी

महिलाएं बताती हैं कि वे पहले खेती के साथ मजदूरी का काम करती थीं, लेकिन जिला प्रशासन के सहयोग से स्वयं सहायता समूह की महिलाएं सामूहिक खेती के साथ सब्जियां उगा रही हैं और इससे वे बेहद ही खुश हैं.उन्हें उम्मीद है कि इससे उनके जीवन में बदलाव आएगा.

पढ़ें: SPECIAL: कोरोना काल में डेयरी व्यवसाय बेहाल, पशुपालकों ने पशु बेच दिए तो कई दुकानों पर भी लगे ताले


ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मिलेगी मजबूती

सामूहिक खेती के तहत स्वयं सहायता समूह की महिलाओं ने करीब 12 एकड़ में से 6 एकड़ में लेमन ग्रास के 55 हजार पौधे लगाए हैं. 4 एकड़ में सेब, बेर और नींबू के पौधे लगाए गए हैं. इसके अलावा यहां गिलोय के 113, एलोवेरा के 1200, काली मिर्च के 100 पौधे सहित गेंदा के 4000 और पुदीना के 300 पौधे लगाए गए हैं. इस पहल से जहां ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी, वहीं महिलाओं को नियमित रूप से रोजगार भी मिलेगा.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.