धमतरी: फसलों को हो रहे नुकसान के चलते गंगरेल बांध से लगभग 7000 क्युसेक पानी रुद्री बैराज में छोड़ा जा रहा है. ये पानी मुख्य नहर के जरिए उन जिलों में भेजा जाएगा जहां कि फसल पानी की कमी के चलते बर्बाद हो रही है. बता दें कि धमतरी में इस साल कम बारिश हुई हैं, जिससे गंगरेल बांध में जल भराव कम हुआ था. बीते साल सितंबर तक बांध 80 फीसदी से ज्यादा भर चुका था.
सूख चुके हैं किसानों के खेत
सप्ताहभर से बारिश थम गई है. ज्यादा धूप पड़ने के कारण खेतों में जो बारिश का पानी भरा था वो तेजी से सूखने लगा है. कुछ किसानों के खेत पूरी तरह से सूख चुके हैं. जिससे खेतों में सिंचाई के लिए पानी की सख्त जरूरत है. खेतों में छोड़ने के बाद बचा पानी भिलाई इस्पात संयंत्र के लिए और राजधानी सहित धमतरी में पेयजल के लिए संरक्षित रखा जाएगा.
किसानों की मांग पक छोड़ा गया पानी
किसानों की मांग पर उनके फसल को बचाने के लिए जिला प्रशासन के आदेशानुसार गंगरेल बांध से सिंचाई के लिए पानी छोड़ा जा रहा है. ये पानी मुख्य नहर से सहायक नहरों में होते हुए धमतरी, कुरूद और अन्य जिलों के किसानों के खेतों तक पहुंचाया जाएगा. सिंचाई के लिए पानी छोड़े जाने से नहर-नाली के आस-पास के किसानों के चेहरों पर मुस्कान लौट आई है, क्योंकि अब उनकी फसल बांध के पानी से तैयार हो जाएगी.