ETV Bharat / state

फसलों को बचाने के लिए गंगरेल बांध से छोड़ा गया पानी

पानी की कमी से फसलों को हो रहे नुकसान के चलते प्रशासन ने गंगरेल बांध का पानी खेतों में छोड़ दिया है. किसानों की मांग पर प्रशासन ने पानी छोड़ा है. पानी छोड़े जाने से किसानों के चेहरों पर मुस्कान है.

फसलों को बचाने के लिए गंगरेल बांध से छोड़ा गया पानी
author img

By

Published : Sep 24, 2019, 3:51 PM IST

धमतरी: फसलों को हो रहे नुकसान के चलते गंगरेल बांध से लगभग 7000 क्युसेक पानी रुद्री बैराज में छोड़ा जा रहा है. ये पानी मुख्य नहर के जरिए उन जिलों में भेजा जाएगा जहां कि फसल पानी की कमी के चलते बर्बाद हो रही है. बता दें कि धमतरी में इस साल कम बारिश हुई हैं, जिससे गंगरेल बांध में जल भराव कम हुआ था. बीते साल सितंबर तक बांध 80 फीसदी से ज्यादा भर चुका था.

फसलों को बचाने के लिए गंगरेल बांध से छोड़ा गया पानी

सूख चुके हैं किसानों के खेत
सप्ताहभर से बारिश थम गई है. ज्यादा धूप पड़ने के कारण खेतों में जो बारिश का पानी भरा था वो तेजी से सूखने लगा है. कुछ किसानों के खेत पूरी तरह से सूख चुके हैं. जिससे खेतों में सिंचाई के लिए पानी की सख्त जरूरत है. खेतों में छोड़ने के बाद बचा पानी भिलाई इस्पात संयंत्र के लिए और राजधानी सहित धमतरी में पेयजल के लिए संरक्षित रखा जाएगा.

किसानों की मांग पक छोड़ा गया पानी
किसानों की मांग पर उनके फसल को बचाने के लिए जिला प्रशासन के आदेशानुसार गंगरेल बांध से सिंचाई के लिए पानी छोड़ा जा रहा है. ये पानी मुख्य नहर से सहायक नहरों में होते हुए धमतरी, कुरूद और अन्य जिलों के किसानों के खेतों तक पहुंचाया जाएगा. सिंचाई के लिए पानी छोड़े जाने से नहर-नाली के आस-पास के किसानों के चेहरों पर मुस्कान लौट आई है, क्योंकि अब उनकी फसल बांध के पानी से तैयार हो जाएगी.

धमतरी: फसलों को हो रहे नुकसान के चलते गंगरेल बांध से लगभग 7000 क्युसेक पानी रुद्री बैराज में छोड़ा जा रहा है. ये पानी मुख्य नहर के जरिए उन जिलों में भेजा जाएगा जहां कि फसल पानी की कमी के चलते बर्बाद हो रही है. बता दें कि धमतरी में इस साल कम बारिश हुई हैं, जिससे गंगरेल बांध में जल भराव कम हुआ था. बीते साल सितंबर तक बांध 80 फीसदी से ज्यादा भर चुका था.

फसलों को बचाने के लिए गंगरेल बांध से छोड़ा गया पानी

सूख चुके हैं किसानों के खेत
सप्ताहभर से बारिश थम गई है. ज्यादा धूप पड़ने के कारण खेतों में जो बारिश का पानी भरा था वो तेजी से सूखने लगा है. कुछ किसानों के खेत पूरी तरह से सूख चुके हैं. जिससे खेतों में सिंचाई के लिए पानी की सख्त जरूरत है. खेतों में छोड़ने के बाद बचा पानी भिलाई इस्पात संयंत्र के लिए और राजधानी सहित धमतरी में पेयजल के लिए संरक्षित रखा जाएगा.

किसानों की मांग पक छोड़ा गया पानी
किसानों की मांग पर उनके फसल को बचाने के लिए जिला प्रशासन के आदेशानुसार गंगरेल बांध से सिंचाई के लिए पानी छोड़ा जा रहा है. ये पानी मुख्य नहर से सहायक नहरों में होते हुए धमतरी, कुरूद और अन्य जिलों के किसानों के खेतों तक पहुंचाया जाएगा. सिंचाई के लिए पानी छोड़े जाने से नहर-नाली के आस-पास के किसानों के चेहरों पर मुस्कान लौट आई है, क्योंकि अब उनकी फसल बांध के पानी से तैयार हो जाएगी.

Intro:धमतरी में गंगरेल बांध के गेट से लगभग 7000 क्युसेक पानी रूद्री बैराज में छोड़ा जा रहा है.बैराज से ये पानी मुख्य नहर के जरिये उन जिलो में भेजा जाएगा.जहां फसल पानी की कमी से खतरे में है.बता दें कि धमतरी में वर्षा इस साल काफी कमजोर रही है.बीते साल सितम्बर तक सभी बांध 80 फीसदी से ज्यादा भर चुका था.वहीं इस साल गंगरेल बांध स्थिति बेहद कमजोर है.
Body:क्वांर माह शुरू होने के साथ पिछले सप्ताहभर से बारिश थम गई है आसमान में तेज धूप खिलने लगा है.किसी तरह बारिश होने की आसार नहीं दिख रही है धूप अधिक पड़ने के कारण खेतों में बारिश से भरा पानी तेजी से सूखने लगा है.कुछ किसानों के खेत पूरी तरह से सूख चुके हैं, जिसे सिंचाई पानी की सख्त जरूरत है.किसानों की मांग पर उनके धान फसल को बचाने के लिए जिला प्रशासन के आदेशानुसार गंगरेल बांध से सिंचाई पानी छोड़ा जा रहा है.यह पानी मुख्य नहर से सहायक नहरों में होते हुए धमतरी, कुरूद और अन्य जिलों के किसानों के खेतों तक पहुंचेगी.सिंचाई पानी छोड़े जाने से नहर-नाली के आसपास खेती-किसानी करने वाले किसानों के चेहरों में मुस्कान लौट आई है क्योंकि अब उनके धान फसल बांध के पानी से तैयार हो जाएंगे.

Conclusion:इसके बाद बचा पानी भिलाई इस्पात संयंत्र के लिये और राजधानी सहित धमतरी में पे्यजल के लिये संरक्षित रखा जाएगा.वहीं हर साल लगभग 60 मिलियन घन मीटर पानी वाष्प बन कर उड़ता है.बहरहाल जिला प्रशासन का कहना है कि किसानो की मांग के चलते बांध से पानी छोड़ा गया है.

बाईट_रजत बंसल,कलेक्टर धमतरी

रामेश्वर मरकाम,ईटीवी भारत,धमतरी
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.