धमतरी: जिले में गुरुवार को 110 गांव के लोगों ने चक्काजाम कर सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया. दरअसल, भारत माला सड़क परियोजना के लिए अधिग्रहित जमीन से प्रभावित किसानों को मुआवजा राशि नहीं मिली है. इससे किसानों में खासा नाराजगी है. किसानों ने अपनी तीन सूत्रीय मांगों को लेकर सामुदायिक वन संसाधन संघर्ष समिति के बैनरतले केरेगांव में प्रदर्शन किया. इसके बाद घंटों चक्काजाम किया.
दरअसल, परिवर्तित 110 राजस्व ग्रामों को भू-स्वामित्व का अधिकार, सिक्स लेन सड़क का मुआवजा देने सहित अन्य मांगों को लेकर सामुदायिक वन संसाधन संघर्ष समिति ने केरेगांव में चक्काजाम कर दिया. इससे करीब 2 घंटे तक नगरी-धमतरी मार्ग में आवागमन प्रभावित रहा. दोनों छोर में वाहनों की लंबी कतार लगी रही.
किसानों को नहीं मिली है मुआवजा राशि: इस दौरान सामुदायिक वन संसाधन संघर्ष समिति के अध्यक्ष बंशीलाल सोरी के नेतृत्व में क्षेत्र के ग्रामीणों ने केरेगांव तिराहे पर प्रदर्शन किया. उन्होंने कहा कि,"भारत माला परियोजना से प्रभावित किसानों को मुआवजा राशि तीन दिनों के भीतर दिया जाए. कुल 110 गांवों के किसानों की ओर से सहकारी समितियों में वर्ष 2022-23 में धान बेचा गया था. जिसकी राशि अभी तक किसानों को नहीं मिली है. परिवर्तित ग्रामों को पूरी तरह से भू-स्वामित्व का अधिकार दिया जाए."
जिले में नगरी, धमतरी, मगरलोड तहसील में ब्रिटिश शासनकाल के समय में 87 वनग्रामों का स्थापना किया गया था. यहां रह रहे ग्रामीण अपने कब्जे की जमीन में कृषि और वन विभाग का काम करते थे. सरकार ने उन्हें साल 1977 में अस्थायी पट्टा 15 सालों के लिए दिया था. इसका नवीनीकरण समय-समय पर किया जा रहा है. हालांकि अब राजस्व संबंधी कामों में परेशानी आ रही है. -मायाराम नागवंशी, संयोजक, राजस्व परिवर्तित वनग्राम संघर्ष समिति, धमतरी
बता दें कि राज्य सरकार ने आदिवासी बाहुल्य नगरी ब्लॉक के 110 वनग्रामों को राजस्व ग्राम का दर्जा तो दे दिया है, लेकिन अब तक उन्हें भू-स्वामित्व का अधिकार नहीं दिया है. इसके विरोध में केरेगांव तिराहा में चक्काजाम कर ग्रामीणों ने जमकर हल्ला बोला.