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धमतरी: पुराने भवन में संचालित हो रहा शहरी स्वास्थ्य केंद्र, सुविधाओं के लिए फंड की दरकार

शहर में स्थित स्वास्थ्य केंद्र आज भी पुराने भवन में संचालित हो रहा है. भवन की हालत इतनी खराब है कि यहां कभी भी कोई बड़ा हादसा हो सकता है. वहीं जिम्मेदार नया भवन बनाने का दावा कर रहे हैं.

Urban health center operating in old building
धमतरी का शहरी स्वास्थ्य केंद्र
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Published : Nov 28, 2020, 10:07 PM IST

Updated : Dec 2, 2020, 8:43 PM IST

धमतरी: जिले का एकमात्र शहरी स्वास्थ्य केंद्र आज भी पुराने भवन में संचालित हो रहा है. ये भवन शहर के घनी आबादी के बीच मौजूद है. जहां शहर की एक बड़ी आबादी अपना इलाज कराने पहुंचती है. भवन की हालत इतनी जर्जर है कि यहां कभी कोई अनहोनी हो सकती है. फिलहाल स्वास्थ्य विभाग के उच्चाधिकारी नए भवन के लिए हरसंभव प्रयास किए जाने के साथ अस्पताल का कायाकल्प कराने का दावा कर रहे हैं.

धमतरी का शहरी स्वास्थ्य केंद्र

शहर के इतवारी बाजार स्थित इस अस्पताल को बने करीब 80 साल से ज्यादा हो गए हैं. तब इसका इस्तेमाल स्थानीय अस्पताल के रूप में किया जाता था. लेकिन शहर में आबादी बढ़ने के बाद से इसे शहरी स्वास्थ्य केंद्र बना दिया गया. जहां रोजाना करीब 70 से 80 मरीज इलाज कराने पहुंचते है.

संविदा पर हैं कर्मचारी

इस स्वास्थ्य केंद्र में करीब 24 कर्मचारी हैं. इनमें से 3 डॉक्टर,3 नर्से, 13 एनएम और लैब टेक्नीशियन, सहित 4 चपरासी हैं. इस हिसाब से यहां पर्याप्त कर्मचारी है. लेकिन अभी भी पद रिक्त हैं. मसलन यहां क्लर्क नहीं है और न ही डाटा ऑपरेटर. इसके अलावा एक नियमित डॉक्टर को छोड़कर बाकी सभी कर्मचारी संविदा पर हैं. वहीं इसके जरिए शहर में करीब 103 मितानिन अपनी सेवाएं भी दे रही हैं.

पढ़ें: खैरागढ़: मास्क नहीं लगाने वालों से वसूला जा रहा जुर्माना और सड़क पर हो रही कोरोना जांच

नहीं है कोविड टेस्ट की सुविधा

कोरोना महामारी ने चिकित्सा प्रणाली को सबसे बड़ी चुनौती दी है. ऐसे इस केंद्र में महज कुछ ही आमूलचूल बदलाव किए गए हैं. सुविधा के नाम पर नई दवाई वितरण केंद्र बनाए गए हैं. इसके साथ ही अस्पताल आने-जाने वाले रास्ते को दुरुस्त किया गया है. साथ ही हैंडवॉश की सुविधा सहित डॉक्टरों की सुरक्षा के लिए पॉलीथिन लगाया है. लेकिन अभी भी कोविड-19 टेस्ट की यहां कोई सुविधा नहीं है. ऐसे में यहां की टेस्टिंग और सैंपल दूसरे जगहों में भेजा जाता है. खपरैलनुमा पुराने भवन होने की वजह से यहां जान का खतरा है. जिसे विभाग की मदद से दुरुस्त करने की तैयारी की जा रही है.

रिपेयरिंग हो जाए तो कई लोगों को मिलेगा फायदा

करीब 6 बेड वाले इस शहरी स्वास्थ्य केंद्र में वो तमाम सुविधाएं उपलब्ध हैं जिनकी जरुरत एक अस्पताल में होती है. मरीजों का कहना है कि हर समय यहां डॉक्टर उपलब्ध रहते हैं. उनका इलाज करते हैं, साथ ही उन्हें नि:शुल्क दवाई भी देते हैं. स्थानीय लोगों का मानना है कि अगर इसे रिपेयरिंग या नया भवन बना दिया जाए, तो शहर की एक बड़ी आबादी को इसका फायदा मिलेगा.

धमतरी: जिले का एकमात्र शहरी स्वास्थ्य केंद्र आज भी पुराने भवन में संचालित हो रहा है. ये भवन शहर के घनी आबादी के बीच मौजूद है. जहां शहर की एक बड़ी आबादी अपना इलाज कराने पहुंचती है. भवन की हालत इतनी जर्जर है कि यहां कभी कोई अनहोनी हो सकती है. फिलहाल स्वास्थ्य विभाग के उच्चाधिकारी नए भवन के लिए हरसंभव प्रयास किए जाने के साथ अस्पताल का कायाकल्प कराने का दावा कर रहे हैं.

धमतरी का शहरी स्वास्थ्य केंद्र

शहर के इतवारी बाजार स्थित इस अस्पताल को बने करीब 80 साल से ज्यादा हो गए हैं. तब इसका इस्तेमाल स्थानीय अस्पताल के रूप में किया जाता था. लेकिन शहर में आबादी बढ़ने के बाद से इसे शहरी स्वास्थ्य केंद्र बना दिया गया. जहां रोजाना करीब 70 से 80 मरीज इलाज कराने पहुंचते है.

संविदा पर हैं कर्मचारी

इस स्वास्थ्य केंद्र में करीब 24 कर्मचारी हैं. इनमें से 3 डॉक्टर,3 नर्से, 13 एनएम और लैब टेक्नीशियन, सहित 4 चपरासी हैं. इस हिसाब से यहां पर्याप्त कर्मचारी है. लेकिन अभी भी पद रिक्त हैं. मसलन यहां क्लर्क नहीं है और न ही डाटा ऑपरेटर. इसके अलावा एक नियमित डॉक्टर को छोड़कर बाकी सभी कर्मचारी संविदा पर हैं. वहीं इसके जरिए शहर में करीब 103 मितानिन अपनी सेवाएं भी दे रही हैं.

पढ़ें: खैरागढ़: मास्क नहीं लगाने वालों से वसूला जा रहा जुर्माना और सड़क पर हो रही कोरोना जांच

नहीं है कोविड टेस्ट की सुविधा

कोरोना महामारी ने चिकित्सा प्रणाली को सबसे बड़ी चुनौती दी है. ऐसे इस केंद्र में महज कुछ ही आमूलचूल बदलाव किए गए हैं. सुविधा के नाम पर नई दवाई वितरण केंद्र बनाए गए हैं. इसके साथ ही अस्पताल आने-जाने वाले रास्ते को दुरुस्त किया गया है. साथ ही हैंडवॉश की सुविधा सहित डॉक्टरों की सुरक्षा के लिए पॉलीथिन लगाया है. लेकिन अभी भी कोविड-19 टेस्ट की यहां कोई सुविधा नहीं है. ऐसे में यहां की टेस्टिंग और सैंपल दूसरे जगहों में भेजा जाता है. खपरैलनुमा पुराने भवन होने की वजह से यहां जान का खतरा है. जिसे विभाग की मदद से दुरुस्त करने की तैयारी की जा रही है.

रिपेयरिंग हो जाए तो कई लोगों को मिलेगा फायदा

करीब 6 बेड वाले इस शहरी स्वास्थ्य केंद्र में वो तमाम सुविधाएं उपलब्ध हैं जिनकी जरुरत एक अस्पताल में होती है. मरीजों का कहना है कि हर समय यहां डॉक्टर उपलब्ध रहते हैं. उनका इलाज करते हैं, साथ ही उन्हें नि:शुल्क दवाई भी देते हैं. स्थानीय लोगों का मानना है कि अगर इसे रिपेयरिंग या नया भवन बना दिया जाए, तो शहर की एक बड़ी आबादी को इसका फायदा मिलेगा.

Last Updated : Dec 2, 2020, 8:43 PM IST
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