धमतरी: धमतरी नगर निगम में करीब साल भर बाद सामान्य सभा की बैठक हंगामे की भेंट चढ़ गई. बैठक में चर्चा के लिए लॉटरी सिस्टम से 60 सवाल चुने गए थे लेकिन 3 सवाल के बाद ही हंगामा शुरू हो गया. भाजपा ने महत्वपूर्ण सवालों को समय नहीं देने का आरोप लगाते हुए सभा से वॉक आउट कर दिया. निगम दफ्तर के सामने बैठ कर नारेबाजी करने लगे. इसी बीच करीब 100 की संख्या में स्टेशन पारा के लोग निगम में पहुंच गए और सभा हाल में घुसने की कोशिश करने लगे.
ऐसे में मौके पर पुलिस बुलाने की नौबत आ गई. स्थिति बिगड़ने की आशंका को देखते हुए एडिशनल एसपी, डीएसपी, नायब तहसीलदार और बड़ी संख्या में पुलिस बल भेजा गया और भीड़ को निगम से बाहर निकाला गया. ये भीड़ दरअसल रेलवे की जमीन से विस्थापितों की थी. जिन्हें निगम ने पीएम आवास देने का वादा किया था लेकिन अभी तक निभा नहीं सका. इस मामले में विपक्षी पार्षदों ने सत्ता पक्ष पर बात नहीं सुनने का आरोप लगाया तो सत्ता पक्ष ने विपक्ष पर चर्चा की जगह हंगामा करने का आरोप लगाया है.
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धमतरी निगम सामान्य की बैठक में रेलवे स्टेशन पारा के निवासियों के व्यवस्थापन के मामले, भ्रष्टाचार, शहर में गंदा पानी की सप्लाई, क्लोरीन टेबलेट ,राजस्व वसूली के मुद्दे को लेकर भाजपा पार्षदों ने सत्तापक्ष को घेरा. हंगामा करते हुए विपक्षी पार्षद सदन से बाहर चले गए. जिसके कारण बैठक समाप्त हो गई.
वहीं विपक्ष का कहना है कि शहर हित में एक भी एजेंडा सदन में नहीं रखा गया था. सामान्य सभा की बैठक में जाति प्रमाण पत्र का एजेंडा पास हुआ. जिसके तहत अब नगर निगम में भी जाति प्रमाण पत्र बनेगा. वही सदन में हंगामा को लेकर महापौर ने कहा कि विपक्ष के पास कोई मुद्दा नहीं है. जिसके कारण से भाजपा पार्षद शहर विकास में कोई बात नहीं करना चाहता. जबकि हम उनके सभी सवालों का जवाब देने के लिए तैयार थे.
बहरहाल नगर निगम के इस सामान्य सभा बैठक में 60 सवालों में से सिर्फ 4 सवाल ही हो पाए, जिसके बाद पूरा बैठक हंगामे का भेंट चढ़ गया. विपक्षी पार्षदों ने बैठक के दौरान जमकर नारेबाजी की और भ्रष्टाचार सहित विभिन्न मुद्दों के पोस्टर सदन के अंदर लेकर पहुंच गए थे. हालांकि सभापति ने उन्हें 10 मिनट के लिए निलंबित किया था.