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धमतरी: CAA और NRC के खिलाफ आंदोलन की तैयारी में आदिवासी

अनुसूचित जनजाति शासकीय सेवक विकास संघ और सर्व आदिवासी समाज ने होली मिलन समारोह का आयोजन किया. मिलन समारोह में देश में CAA और NRC को लेकर भी चर्चा हुई.

Tribals will protest against CAA and NRC in dhamtari
NRC के खिलाफ आंदोलन की तैयारी
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Published : Mar 16, 2020, 8:57 PM IST

Updated : Mar 16, 2020, 9:06 PM IST

धमतरी: अनुसूचित जनजाति शासकीय सेवक विकास संघ और सर्व आदिवासी समाज ने होली मिलन समारोह का आयोजन किया. मौके पर समाज के नवनिर्वाचित जनप्रतिनिधियों का सम्मान और वीर भवन का उद्घाटन किया गया. होली मिलन समारोह में आदिवासी समाज ने बैठक में CAA और NRC के खिलाफ धरना प्रदर्शन करने की रणनीति बनाई है.

CAA और NRC के खिलाफ आंदोलन की तैयारी में आदिवासी

इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि गोंडवाना गोंड महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष और कांकेर विधायक शिशुपाल सोरी भी पहुंचे थे, जिन्होंने समाज के पदाधिकारियों को संबोधन में कहा है कि 'एनआरसी और सीएए आदिवासी समाज के लिए घातक है'.

'नागरिकों ने सरकार को चुनकर दिल्ली में भेजा'

शिशुपाल सोरी ने कहा कि 'देश के नागरिकों ने सरकार को चुनकर दिल्ली भेजा है, लेकिन इस कानून के आने के बाद यहीं सरकार एनआरसी और सीएए के माध्यम से देश के नागरिक कौन हैं और कौन नहीं, इसका चुनाव करेगी. यहां के मूल निवासियों को बताना होगा कि हमारे दादा का जन्म स्थान कहां है. हमारे दादा का जन्म कब हुआ. अगर नहीं बता पाएं, तो नागरिकता साबित नहीं कर पाएंगे. ऐसे में जेल से भी बड़ी यातना झेलनी पड़ेगी'.

आदिवासियों ने आंदोलन का लिया फैसला

बहरहाल, सीएए और एनआरसी समेत 22 मुद्दों को लेकर चरणबद्ध आंदोलन करने का फैसला लिया गया है. आंदोलन की रूपरेखा पहले ही बना ली गई है. इसके तहत भारत बंद का आह्वान भी किया जाएगा.

धमतरी: अनुसूचित जनजाति शासकीय सेवक विकास संघ और सर्व आदिवासी समाज ने होली मिलन समारोह का आयोजन किया. मौके पर समाज के नवनिर्वाचित जनप्रतिनिधियों का सम्मान और वीर भवन का उद्घाटन किया गया. होली मिलन समारोह में आदिवासी समाज ने बैठक में CAA और NRC के खिलाफ धरना प्रदर्शन करने की रणनीति बनाई है.

CAA और NRC के खिलाफ आंदोलन की तैयारी में आदिवासी

इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि गोंडवाना गोंड महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष और कांकेर विधायक शिशुपाल सोरी भी पहुंचे थे, जिन्होंने समाज के पदाधिकारियों को संबोधन में कहा है कि 'एनआरसी और सीएए आदिवासी समाज के लिए घातक है'.

'नागरिकों ने सरकार को चुनकर दिल्ली में भेजा'

शिशुपाल सोरी ने कहा कि 'देश के नागरिकों ने सरकार को चुनकर दिल्ली भेजा है, लेकिन इस कानून के आने के बाद यहीं सरकार एनआरसी और सीएए के माध्यम से देश के नागरिक कौन हैं और कौन नहीं, इसका चुनाव करेगी. यहां के मूल निवासियों को बताना होगा कि हमारे दादा का जन्म स्थान कहां है. हमारे दादा का जन्म कब हुआ. अगर नहीं बता पाएं, तो नागरिकता साबित नहीं कर पाएंगे. ऐसे में जेल से भी बड़ी यातना झेलनी पड़ेगी'.

आदिवासियों ने आंदोलन का लिया फैसला

बहरहाल, सीएए और एनआरसी समेत 22 मुद्दों को लेकर चरणबद्ध आंदोलन करने का फैसला लिया गया है. आंदोलन की रूपरेखा पहले ही बना ली गई है. इसके तहत भारत बंद का आह्वान भी किया जाएगा.

Last Updated : Mar 16, 2020, 9:06 PM IST
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