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गांधी जयंती के मौके पर आदिवासी समाज ने किया सत्याग्रह

धमतरी कलेक्टर ने वन अधिकार नियम कानून के तहत ग्राम सभा गंगरेल के नाम पर अंगारमोती मड़ई मेला परिसर का पट्टा प्रदान किया था. अंगारमोती ट्रस्ट और आदिवासी समाज ने इसे अवैध बताया है. गांधी जयंती के मौके पर आदिवासी समाज ने विरोध के तौर पर सत्याग्रह किया है.

Tribal society performed Satyagraha
आदिवासी समाज ने किया सत्याग्रह
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Published : Oct 2, 2020, 10:53 PM IST

धमतरी: अंगारमोती मंदिर परिसर का पट्टा जारी करने का मामला अब विवादों में है.आदिवासी समाज ने इसे अवैध बताया है. साथ ही प्रशासन से पट्टा निरस्त करने की मांग की है. गांधी जयंती के मौके पर आदिवासी समाज ने सत्याग्रह किया है. जिसमें प्रदेश भर से लोग शामिल हुए. मामले में आदिवासी समाज के लोगों ने राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, गृहमंत्री, राज्यपाल, मुख्यमंत्री के नाम कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक को ज्ञापन सौंपा है.

गांधी जयंती के मौके पर आदिवासी समाज ने किया सत्याग्रह

पढ़ें: ग्रामीणों की हत्या को लेकर नक्सलियों में आपसी रंजिश, अपने कमांडर विज्जा मोडियम को उतारा मौत के घाट

दरअसल आरोप है कि बगैर ग्रामसभा आयोजित किए फर्जी ढंग से मां अंगारमोती क्षेत्र का पट्टा जारी किया गया है. बगैर कोरम पूरा किए वन अधिकार नियम कानून को ताक पर रखकर फर्जी ढंग से गंगरेल गांव के लोगों से धोखे से हस्ताक्षर करा कर वन अधिकार पट्टा जारी किया गया है.

पढ़ें: पत्रकार कमल शुक्ला ने किया भूख हड़ताल का एलान, राजधानी में दिनभर चला प्रदर्शन

समाज के पदाधिकारियों का कहना है कि गांधी जयंती पर यह सत्याग्रह कर सरकार का ध्यान इस ओर खींचने की कोशिश की जा रही है. आदि शक्ति मां अंगारमोती क्षेत्र की भूमि को कलेक्टर धमतरी ने ग्राम सभा गंगरेल के नाम पर अंगारमोती मड़ई मेला परिसर का पट्टा प्रदान किया है. जबकि सालों से अंगारमोती देवी मंदिर और परिसर सहित उसमे पूजा अर्चना मड़ई मेला वार्षिक समारोह का संचालन आदिवासी गोड़ समाज विकास समिति और अंगार मोती ट्रस्ट के माध्यम से किया जा रहा है. बहरहाल अंगारमोती ट्रस्ट और आदिवासी समाज ने अंगारमोती मंदिर क्षेत्र की भूमि के पट्टे को गलत ढंग से जारी करने के मामले में प्रशासन के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. वहीं मांग पूरी नहीं होने पर कोर्ट तक जाने की चेतावनी भी दी है.

धमतरी: अंगारमोती मंदिर परिसर का पट्टा जारी करने का मामला अब विवादों में है.आदिवासी समाज ने इसे अवैध बताया है. साथ ही प्रशासन से पट्टा निरस्त करने की मांग की है. गांधी जयंती के मौके पर आदिवासी समाज ने सत्याग्रह किया है. जिसमें प्रदेश भर से लोग शामिल हुए. मामले में आदिवासी समाज के लोगों ने राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, गृहमंत्री, राज्यपाल, मुख्यमंत्री के नाम कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक को ज्ञापन सौंपा है.

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दरअसल आरोप है कि बगैर ग्रामसभा आयोजित किए फर्जी ढंग से मां अंगारमोती क्षेत्र का पट्टा जारी किया गया है. बगैर कोरम पूरा किए वन अधिकार नियम कानून को ताक पर रखकर फर्जी ढंग से गंगरेल गांव के लोगों से धोखे से हस्ताक्षर करा कर वन अधिकार पट्टा जारी किया गया है.

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समाज के पदाधिकारियों का कहना है कि गांधी जयंती पर यह सत्याग्रह कर सरकार का ध्यान इस ओर खींचने की कोशिश की जा रही है. आदि शक्ति मां अंगारमोती क्षेत्र की भूमि को कलेक्टर धमतरी ने ग्राम सभा गंगरेल के नाम पर अंगारमोती मड़ई मेला परिसर का पट्टा प्रदान किया है. जबकि सालों से अंगारमोती देवी मंदिर और परिसर सहित उसमे पूजा अर्चना मड़ई मेला वार्षिक समारोह का संचालन आदिवासी गोड़ समाज विकास समिति और अंगार मोती ट्रस्ट के माध्यम से किया जा रहा है. बहरहाल अंगारमोती ट्रस्ट और आदिवासी समाज ने अंगारमोती मंदिर क्षेत्र की भूमि के पट्टे को गलत ढंग से जारी करने के मामले में प्रशासन के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. वहीं मांग पूरी नहीं होने पर कोर्ट तक जाने की चेतावनी भी दी है.

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