धमतरी: छत्तीसगढ़ के आदिवासी विशेष रूप से अपने संस्कृति और परंपरा के लिए जाने जाते हैं. आदिवासियों की एक परंपरा है नवाखाई, जिसे आदिवासियों के के साथ दिगर समाज के लोग भी मनाते हैं. नवाखाई परंपरा आदिवासियों की मुख्य त्योहार माना जाता है. इस दिन आदिवासी समाज के लोग नए कपड़े पहनकर अपने इष्ट देव की पूजा करते हैं, वहीं नए फसल आने पर उन्हें भेंट के साथ नए चावल और दूध का भोग लगाकर सुख समृद्धि की कामना करते हैं.
धमतरी के मुजगहन गांव में नवाखाई की अपनी एक अलग ही परंपरा है. यहां दशहरे के दिन सभी आदिवासी परिवार एक जगह एकत्र होते हैं और अपने इष्टदेव की पूजा कर उन्हें चावल का भोग लगाते हैं.
इस दौरान आदिवासी परिवार ठाकुर देव और बुढ़ादेव मंदिर में पूजा करते हैं. वहीं एक दूसरे को गुलाल लगाकर बधाई भी देते हैं. घर पहुंचने पर महिलाएं पुरुषों का स्वागत करती है और घर में अपने कुल देवी देवताओं की पूजा कर सभी नए अन्न ग्रहण करते हैं.