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Dhamtari latest news : भारतमाला प्रोजेक्ट के लिए हजारों पेड़ों की बलि, जिला प्रशासन बेखबर

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Published : Feb 8, 2023, 2:21 PM IST

छत्तीसगढ़ के धमतरी जिले के कुरुद इलाके में भारतमाला प्रोजेक्ट सड़क बना रहे ठेकेदार ने बिना अनुमति के 1 हजार से ज्यादा पेड़ों की बलि दे दी है. हैरानी की बात ये है कि इतने सारे पेड़ काटने के बाद चोरों ने हाथ भी साफ कर दिया है. वन विभाग ने इस मामले में एक ट्रक लकड़ी और जेसीबी जब्त किया .तब पूरे मामले का खुलासा हुआ. लेकिन इस बार में ना कुरुद एसडीएम को खबर लगी ना ही जिला प्रशासन को.

Dhamtari latest news
भारतमाला प्रोजेक्ट के लिए पेड़ों की बलि

धमतरी : केंद्र सरकार की भारतमाला प्रोजेक्ट के तहत कई सड़कें बन रही है. इनमें से एक सड़क धमतरी जिले के कुरुद इलाके से गुजर रही है. जो राजधानी रायपुर को विशाखापटनम से जोड़ेगी. सड़क निर्माण का काम ठेके पर दिया गया है. जिन गांवों से होकर सड़क गुजरेगी वहां रास्ते में आने वाले बड़े छोटे पेड़ों और वृक्षों को भी हटाना होता है. इसके लिए भी अलग से अनुमति की जरूरत होती है. अगर पेड़ वन भूमि पर है तो वन विभाग अनुमति देता है. अगर राजस्व की भूमि पर हो तो कलेक्टर से अनुमति लेनी होती है.

वनविभाग की निगरानी में ही कटते पेड़ : अनुमति कही से भी लिया जाए. पेड़ों को काटने या उखाड़ने का काम वन विभाग अपनी निगरानी में करवाता है. उनका हिसाब भी रखता है. धमतरी डीएफओ मयंक पांडेय ने बताया कि ''धमतरी कलेक्टर ने वनविभाग को इन पेड़ों को काटने की अनुमति भी दे रखी थी. लेकिन इस से पहले की वनविभाग अपनी कार्रवाई शुरू करता. कुरुद इलाके में इन तमाम कायदों को दरकिनार रख कर. ठेकेदार ने 1 हजार 77 पेड़ पर अपनी जेसीबी लगवा कर उखड़वा दिए. उखड़े हुए पेड़ों को मौके पर ही छोड़ दिया. वो पेड़ अब वहां नहीं है. या तो उन्हें बेच दिया गया है या वो चोरी हो गए.''


कैसे खुला मामला :वन विभाग ने यहां की लकड़ी के अवैध परिवहन के मामले को पकड़ा. क्योंकि सारी गड़बड़ी राजस्व की जमीन पर हुई है. इसलिए वन विभाग ने अपने स्तर की कार्रवाई के बाद सारे डिटेल सहित दसतावेज कुरुद एसडीएम को सौंप दिया है. इसकी जांच और कार्रवाई का जिम्मा राजस्व विभाग का है. लेकिन 1 हजार से ज्यादा पेड़ जेसीबी लगाकर खुले आम उखाड़ दिए गए. लेकिन जिला प्रशासन को इसकी भनक तक नहीं लगी.

ये भी पढ़ें-चेले ने गुरु की हत्या के बाद पिया खून,सिद्धी पाने के लिए रचा षड़यंत्र


सवालों से बच रहे हैं अधिकारी : अब इस मामले में कुरुद के राजस्व अधिकारी सवालों का सामना करने से बच रहे हैंं. आने वाले दिनों में देखना होगा कि राजस्व विभाग कब तक इस मामले की जांच करके क्या कार्रवाई करता है. गायब हुए पेड़ों की रिकवरी किससे की जाती है और किस अधिकारी को जिम्मेदार माना जाता है.

धमतरी : केंद्र सरकार की भारतमाला प्रोजेक्ट के तहत कई सड़कें बन रही है. इनमें से एक सड़क धमतरी जिले के कुरुद इलाके से गुजर रही है. जो राजधानी रायपुर को विशाखापटनम से जोड़ेगी. सड़क निर्माण का काम ठेके पर दिया गया है. जिन गांवों से होकर सड़क गुजरेगी वहां रास्ते में आने वाले बड़े छोटे पेड़ों और वृक्षों को भी हटाना होता है. इसके लिए भी अलग से अनुमति की जरूरत होती है. अगर पेड़ वन भूमि पर है तो वन विभाग अनुमति देता है. अगर राजस्व की भूमि पर हो तो कलेक्टर से अनुमति लेनी होती है.

वनविभाग की निगरानी में ही कटते पेड़ : अनुमति कही से भी लिया जाए. पेड़ों को काटने या उखाड़ने का काम वन विभाग अपनी निगरानी में करवाता है. उनका हिसाब भी रखता है. धमतरी डीएफओ मयंक पांडेय ने बताया कि ''धमतरी कलेक्टर ने वनविभाग को इन पेड़ों को काटने की अनुमति भी दे रखी थी. लेकिन इस से पहले की वनविभाग अपनी कार्रवाई शुरू करता. कुरुद इलाके में इन तमाम कायदों को दरकिनार रख कर. ठेकेदार ने 1 हजार 77 पेड़ पर अपनी जेसीबी लगवा कर उखड़वा दिए. उखड़े हुए पेड़ों को मौके पर ही छोड़ दिया. वो पेड़ अब वहां नहीं है. या तो उन्हें बेच दिया गया है या वो चोरी हो गए.''


कैसे खुला मामला :वन विभाग ने यहां की लकड़ी के अवैध परिवहन के मामले को पकड़ा. क्योंकि सारी गड़बड़ी राजस्व की जमीन पर हुई है. इसलिए वन विभाग ने अपने स्तर की कार्रवाई के बाद सारे डिटेल सहित दसतावेज कुरुद एसडीएम को सौंप दिया है. इसकी जांच और कार्रवाई का जिम्मा राजस्व विभाग का है. लेकिन 1 हजार से ज्यादा पेड़ जेसीबी लगाकर खुले आम उखाड़ दिए गए. लेकिन जिला प्रशासन को इसकी भनक तक नहीं लगी.

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सवालों से बच रहे हैं अधिकारी : अब इस मामले में कुरुद के राजस्व अधिकारी सवालों का सामना करने से बच रहे हैंं. आने वाले दिनों में देखना होगा कि राजस्व विभाग कब तक इस मामले की जांच करके क्या कार्रवाई करता है. गायब हुए पेड़ों की रिकवरी किससे की जाती है और किस अधिकारी को जिम्मेदार माना जाता है.

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