धमतरी: वैसे तो सरकार छत्तीसगढ़ के विकसित होने के तमाम दावे और वादे करती है, लेकिन धमतरी जिले के बुडरा गांव सरकार के तमाम दावे की पोल खोलने के लिए काफी है. इस गांव को देखकर ऐसा लगता है कि, सरकार की कोई भी योजना इस गांव के लिए नहीं बनी है. जिला मुख्यालय से करीब 100 किलोमीटर की दूरी पर बसा गांव बुडरा में बिजली, पानी, सड़क, शिक्षा, स्वास्थ्य जैसी कोई भी मूलभूत सुविधाएं नहीं है.
बुडरा गांव चारों ओर से नदी-नालों से घिरा हुआ है. सड़क नहीं होने के कारण बारिश के दिनों में यह गांव टापू में तब्दील हो जाता है. इस गांव में जाने के लिए एक मात्र रास्ता अंग्रेजों के बनाये लड़की का पुल है, जो अब अपनी अंतिम सांसे गिन रहा है. पुल में लगा लकड़ी जगह-जगह से सड़ चुकी है. जिसे बदलने के लिए प्रशासन किसी बड़े हादसे का इंतजार कर रहा है. गांव के लोग बताते हैं कि, गांव में पुल को लेकर उन्होंने विधायक, सांसद से लेकर अफसरों से न जाने कितनी बार मिले हैं, लेकिन आज तक किसी ने इस इसपर सुध नहीं ली.
नक्सल प्रभावित इलाके में बसा गांव बुडरा में बिजली और पानी तक की व्यवस्था नहीं है. ग्रामीण बताते हैं कि, ऐसे में रात उन्हें अंधेरे और नक्सलियों के खौफ में ही गुजारनी पड़ती है. गांव में न तो अस्पताल है और न ही कोई स्कूल. लोगों को इलाज के लिए कई किलोमीटर का सफर करना पड़ता है. कई बार तो ग्रामीण रास्ते में दम तोड़ देते हैं. वहीं बच्चों को पढ़ाई के लिए भी लंबी दूरी तय करना पड़ता है.