धमतरी: राज्य में हो रही बेमौसम बारिश इस बार वनोपज के लिए नुकसानदायक साबित हो रही है. धमतरी जिले में इसके कारण इस साल लक्ष्य से कम तेंदूपत्ता का संग्रहण हुआ है. अब तक सिर्फ 17 हजार मानक बोरे तेंदुपत्ता की खरीदी हुई है. जबकि इस साल वन विभाग को खरीदी के लिए 27 हजार मानक बोरे का लक्ष्य मिला था. ऐसे में इस साल तेंदूपत्ता खरीदी का लक्ष्य पूरा नहीं होने की संभावना बढ़ गई है.
करीब एक महीने तक चलने वाले इस काम में वनवासियों को अच्छी खासी आमदनी हो जाती है. लेकिन जिले में बीते कुछ दिनों पहले लगातार हुई बारिश से तेंदूपत्ता संग्रहण और खरीदी प्रभावित हुई है. ऐसे में वनोपज के व्यापार में संकट के बादल छाने लगे हैं. तेंदूपत्ता तोड़ कर जो मजदूर अपने परिवार का भरण पोषण करते थे, उनके सामने भी अब कठिन परिस्थितियां आ गई हैं.
अचानक आई बारिश से रूका संग्रहण
जंगलों में तेंदू के पेड़ में नए पत्ते आना शुरू ही हुए थे, कि इसी समय बारिश और तापमान में अचानक आई गिरावट से तेंदूपत्ता की ग्रोथ रुक गई. जिसके कारण तेंदूपत्ता संग्रहण करने वाले मजदूरों को नुकसान उठाना पड़ रहा है.
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बता दें कि जिले की 26 वन समितियों के जरिए 237 फड़ों में तेंदूपत्ता का संग्रहण किया जा रहा है. इस बार शासन की ओर से 4 हजार रुपए प्रति मानक बोरा के हिसाब से रेट दिया जा रहा है. वहीं इन तेंदूपत्ता संग्रहणकर्ताओं को मजदूरी का भुगतान तत्काल समितियों के माध्यम से किया जा रहा है. इस क्षेत्र के हजारों मजदूर तेंदूपत्ता सीजन में पत्ता संग्रहण कर अपना भरण-पोषण करने का काम हर साल करते हैं. वहीं वनांचल क्षेत्र के वनवासियों के लिए तेंदूपत्ता आय का बेहतर साधन है.