धमतरी: महानदी में रेत का भंडार होने के बाद भी जिले में लोग रेत की किल्लत से जूझ रहे हैं. उल्टा जिले के रेत की सप्लाई दूसरे राज्यों में की जा रही है. रोजाना जिले से ट्रकों में ये रेत भरकर महाराष्ट्र सहित अन्य राज्यों में जा रही है. जहां रेत ऊंची कीमतों में बिक रही है. ऐसे में जिले के निर्माण कार्यो में पूरी तरह से ब्रेक लग गया है.
प्रदेश सहित जिले में 15 जून से रेत खदाने बंद है. रेत की किल्लत न हो इसके लिए जिले में करीब 19 से ज्यादा ठेकेदारों को रेत डंप करने के लिए लाइसेंस दिया गया है. जिसके बाद ठेकेदारों ने नदी के किनारे में बड़ी मात्रा में रेत डंप किया है. अब ठेकेदारों पर उस रेत को मनमाने दाम पर बेचने का आरोप है. कायदे से जिलेवासियों को रेत उचित दर पर मिलना चाहिए लेकिन ये रेत यहां के लोगों को उपलब्ध कराने के बजाए दूसरे जिलों और राज्यों में इसकी सप्लाई हो रही है. जिसकी वजह को ज्यादा पैसे देकर रेत लेना पड़ रहा है.
प्रशासन के नाक के नीचे धड़ल्ले से हो रहा मुरुम खनन, जिम्मेदार मौन
माफिया को हो रहा फायदा
इधर महानदी के किनारे रेत डंपिंग के नाम पर हो रहे परिवहन और कालाबाजारी पर खनिज विभाग और जिला परिवहन विभाग मौन है. इस अवैध काम से शासन को करोड़ों रुपये के राजस्व का नुकसान हो रहा है. रेत के अवैध परिवहन को रोकने के लिए खनिज विभाग और जिला प्रशासन के पास फुर्सत ही नहीं है. जिसका फायदा सीधे-सीधे रेत माफिया उठा रहे हैं.
नहीं हो रही कोई कार्रवाई
खनिज विभाग और जिला प्रशासन रेत की कीमत निर्धारित करने की ओर कोई ध्यान नहीं दे रहे हैं और न ही दूसरे राज्यों में हो रहे परिवहन को लेकर कोई कार्रवाई की जा रही है. ऐसे में इसका खामियाजा स्थानीय लोगों को भुगतना पड़ रहा है.