धमतरी: राजनांदगांव मनगटा के जंगल से भटककर बाघ अब कांकेर पहुंचा गया है. बाघ धमतरी जिले के सीतानदी टाइगर रिजर्व से महज 8 किलोमीटर की दूरी पर मौजूद है. वन विभाग की टीम 20 कैमरों से बाघ के हर मूवमेंट पर नजर रख रही है, वहीं तीनों जिलों के जंगली क्षेत्र में अलर्ट जारी कर दिया गया है. दरअसल यहां बाघ के होने के सबूत मिले हैं और कहा जा रहा है कि लंबे अरसे के बाद इस इलाके में बाघ के पंजों के निशान मिले हैं. अधिकारियों के मुताबिक ये वही बाघ है, जो राजनांदगांव और बालोद जिले में भी देखा गया था और अब ये कांकेर के रास्ते धमतरी के सीतानदी रिजर्व फारेस्ट तक पहुंच गया है.
वन विभाग के अधिकारीयों को रिजर्व फारेस्ट के कोर एरिया में ये निशान मिले हैं, जिसे नापने के बाद दावा किया जा रहा है कि ये एक नर बाघ के पंजे हैं, जिसकी उम्र लगभग 8 साल है. बता दें, कि सीतानदी वन एरिया लगभग 1860 वर्ग हेक्टेयर में फैला हुआ है जिसमें 800 वर्ग हेक्टेयर कोर एरिया है यहां पंजों के निशान मिलने के बाद वन विभाग ने इस कोर एरिया को CCTV कैमरे की निगरानी में डाल दिया है.
कंट्रोल रूम से बाघ पर रखी जा रही है नजर
जंगल कुल 8 कैमरे अलग-अलग स्थानों पर लगाए गए हैं, सभी कैमरों के फुटेज को कार्यालय के कंट्रोल रूम में बैठ कर देखा जा सकता है. सीतानदी-उदंती टाइगर रिजर्व को बाघ के लिए मध्य भारत का सर्वोत्तम रहवास क्षेत्र माना गया है. इस कारण 15 साल पहले टाइगर रिजर्व का दर्जा मिला था. करीब 15 साल पहले यहां बाघ के जोड़े भी मौजूद थे अब भटका हुआ बाघ एक बार फिर यहां पहुंच गया है. .गौरतलब है कि काफी पहले इस इलाके में 4 बाघ होने के प्रमाण मिले थे लेकिन बीच में बाघ यहां से लगभग गायब हो गए थे अब कई साल बाद फिर से किसी बाघ ने इस इलाके को अपनाया है जो अच्छी खबर है.