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सीतानदी के पास दिखे बाघ के पंजों के निशान, ग्रामीणों में दहशत

बाघ भटककर अब धमतरी से 8 किलोमीटर दूर पहुंच गया है, वहीं वन विभाग की टीम 8 कैमरों की मदद से बाघ के हर मूवमेंट पर नजर रख रही है.

Stray tiger from Rajnandgaon reached Sitanadi area
मिले बाघ के पंजे के निशान
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Published : Feb 1, 2020, 2:23 PM IST

धमतरी: राजनांदगांव मनगटा के जंगल से भटककर बाघ अब कांकेर पहुंचा गया है. बाघ धमतरी जिले के सीतानदी टाइगर रिजर्व से महज 8 किलोमीटर की दूरी पर मौजूद है. वन विभाग की टीम 20 कैमरों से बाघ के हर मूवमेंट पर नजर रख रही है, वहीं तीनों जिलों के जंगली क्षेत्र में अलर्ट जारी कर दिया गया है. दरअसल यहां बाघ के होने के सबूत मिले हैं और कहा जा रहा है कि लंबे अरसे के बाद इस इलाके में बाघ के पंजों के निशान मिले हैं. अधिकारियों के मुताबिक ये वही बाघ है, जो राजनांदगांव और बालोद जिले में भी देखा गया था और अब ये कांकेर के रास्ते धमतरी के सीतानदी रिजर्व फारेस्ट तक पहुंच गया है.

राजनांदगांव से भटका बाघ सीतानदी क्षेत्र पहुंचा

वन विभाग के अधिकारीयों को रिजर्व फारेस्ट के कोर एरिया में ये निशान मिले हैं, जिसे नापने के बाद दावा किया जा रहा है कि ये एक नर बाघ के पंजे हैं, जिसकी उम्र लगभग 8 साल है. बता दें, कि सीतानदी वन एरिया लगभग 1860 वर्ग हेक्टेयर में फैला हुआ है जिसमें 800 वर्ग हेक्टेयर कोर एरिया है यहां पंजों के निशान मिलने के बाद वन विभाग ने इस कोर एरिया को CCTV कैमरे की निगरानी में डाल दिया है.

कंट्रोल रूम से बाघ पर रखी जा रही है नजर
जंगल कुल 8 कैमरे अलग-अलग स्थानों पर लगाए गए हैं, सभी कैमरों के फुटेज को कार्यालय के कंट्रोल रूम में बैठ कर देखा जा सकता है. सीतानदी-उदंती टाइगर रिजर्व को बाघ के लिए मध्य भारत का सर्वोत्तम रहवास क्षेत्र माना गया है. इस कारण 15 साल पहले टाइगर रिजर्व का दर्जा मिला था. करीब 15 साल पहले यहां बाघ के जोड़े भी मौजूद थे अब भटका हुआ बाघ एक बार फिर यहां पहुंच गया है. .गौरतलब है कि काफी पहले इस इलाके में 4 बाघ होने के प्रमाण मिले थे लेकिन बीच में बाघ यहां से लगभग गायब हो गए थे अब कई साल बाद फिर से किसी बाघ ने इस इलाके को अपनाया है जो अच्छी खबर है.

धमतरी: राजनांदगांव मनगटा के जंगल से भटककर बाघ अब कांकेर पहुंचा गया है. बाघ धमतरी जिले के सीतानदी टाइगर रिजर्व से महज 8 किलोमीटर की दूरी पर मौजूद है. वन विभाग की टीम 20 कैमरों से बाघ के हर मूवमेंट पर नजर रख रही है, वहीं तीनों जिलों के जंगली क्षेत्र में अलर्ट जारी कर दिया गया है. दरअसल यहां बाघ के होने के सबूत मिले हैं और कहा जा रहा है कि लंबे अरसे के बाद इस इलाके में बाघ के पंजों के निशान मिले हैं. अधिकारियों के मुताबिक ये वही बाघ है, जो राजनांदगांव और बालोद जिले में भी देखा गया था और अब ये कांकेर के रास्ते धमतरी के सीतानदी रिजर्व फारेस्ट तक पहुंच गया है.

राजनांदगांव से भटका बाघ सीतानदी क्षेत्र पहुंचा

वन विभाग के अधिकारीयों को रिजर्व फारेस्ट के कोर एरिया में ये निशान मिले हैं, जिसे नापने के बाद दावा किया जा रहा है कि ये एक नर बाघ के पंजे हैं, जिसकी उम्र लगभग 8 साल है. बता दें, कि सीतानदी वन एरिया लगभग 1860 वर्ग हेक्टेयर में फैला हुआ है जिसमें 800 वर्ग हेक्टेयर कोर एरिया है यहां पंजों के निशान मिलने के बाद वन विभाग ने इस कोर एरिया को CCTV कैमरे की निगरानी में डाल दिया है.

कंट्रोल रूम से बाघ पर रखी जा रही है नजर
जंगल कुल 8 कैमरे अलग-अलग स्थानों पर लगाए गए हैं, सभी कैमरों के फुटेज को कार्यालय के कंट्रोल रूम में बैठ कर देखा जा सकता है. सीतानदी-उदंती टाइगर रिजर्व को बाघ के लिए मध्य भारत का सर्वोत्तम रहवास क्षेत्र माना गया है. इस कारण 15 साल पहले टाइगर रिजर्व का दर्जा मिला था. करीब 15 साल पहले यहां बाघ के जोड़े भी मौजूद थे अब भटका हुआ बाघ एक बार फिर यहां पहुंच गया है. .गौरतलब है कि काफी पहले इस इलाके में 4 बाघ होने के प्रमाण मिले थे लेकिन बीच में बाघ यहां से लगभग गायब हो गए थे अब कई साल बाद फिर से किसी बाघ ने इस इलाके को अपनाया है जो अच्छी खबर है.

Intro:राजनांदगांव के मनगटा के जंगल से भटककर कांकेर पहुंचा बाघ अब धमतरी जिले के सीतानदी से महज 8 किमी दूर है सीतानदी-उदंती टाइगर रिजर्व कांकेर, धमतरी, गरियाबंद जिले से लगा है लिहाजा वन विभाग की टीम 20 कैमरों से बाघ के हर मूवमेंट पर नजर रख रही है वही तीनों जिलों के जंगली क्षेत्र में अलर्ट जारी किया गया है दरअसल यहां बाघ होने के सबूत मिले है और कहा जा रहा है कि काफी लंबे अरसे के बाद इस इलाके में बाघ के पंजो के निशान मिले है.

Body:अधिकारियो के मुताबिक ये वही बाघ है जो राजनांदगांव और बालोद जिले में भी देखा गया था और अब ये कांकेर के रास्ते धमतरी के सीतानदी रिजर्व फारेस्ट तक पहुंचा है.वनविभाग के अधिकारीयो को रिजर्व फारेस्ट के कोर एरिया में ये निशान मिले है जिसे नापने के बाद दावा किया जा रहा है कि ये एक नर बाघ के पंजे है जिसकी उम्र लगभग 8 साल है.

बता दे कि सीतानदी लगभग 1860 वर्ग हेक्टेयर में फैला हुआ है जिसमें 800 वर्ग हेक्टेयर कोर एरिया है यहां पंजो के निशान मिलने के बाद वनविभाग ने इस कोर एरिया को सीसीटीवी कैमरे की निगरानी में डाल दिया है इसके लिये कुल 8 कैमरे विशेष स्थानो पर लगाए गए है जिससे बाघ के मूवमेंट को देखा और ज्यादा समझा जा सके.इसके अलावा कैमरे लगने से जंगल में शिकारियो की निगरानी भी की जा सकेगी.सभी कैमरो के फुटेज को कार्यालय के कंट्रोल रूम में बैठ कर देखा जा सकता है.

सीतानदी-उदंती टाइगर रिजर्व को बाघ के लिए मध्य भारत का सर्वोत्तम रहवास क्षेत्र माना गया है इस कारण 15 साल पहले टाइगर रिजर्व का दर्जा मिला.करीब 15 साल पहले यहां बाघ के जोड़े भी मौजूद थे अब भटका हुआ बाघ एक बार फिर यहां पहुंच रहा है इसलिए अफसर उनकी हर गतिविधियों पर नजर रखे है.

अधिकारियों की माने तो एक महीने से भटक रहा बाघ सीतानदी-उदंती टाइगर रिजर्व से करीब 8 किमी दूर है 3 जिलों के वन अफसर सहित टाइगर रिजर्व का अमला पल-पल की खबर ले रहा है जंगल में लगे 20 कैमरों से निगरानी हो रही है वही बाघ के पंजे कक्ष क्रमांक 102 में मिले है इसलिए बाघ के सीतानदी टाइगर रिजर्व में प्रवेश करने की उम्मीद अब बढ़ गई है.

Conclusion:गौरतलब है कि काफी पहले इस इलाके में 4 बाघ होने के प्रमाण मिले थे लेकिन बीच में बाघ यहां से लगभग गायब हो गए थे अब कई साल बाद फिर से किसी बाघ ने इस इलाके को अपनाया है जो अच्छी खबर है.

बाईट_के एल निर्मलकर, प्रभारी डीएफओ, धमतरी

रामेश्वर मरकाम,ईटीवी भारत,धमतरी
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