धमतरी: दुनियाभर में हर साल 8 मार्च को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस मनाया जाता है, जिसका उद्देश्य महिलाओं के अधिकारों के साथ विश्व शांति को बढ़ावा देना है. इस अवसर पर हम आपको एक ऐसी बच्ची से मिलावाएंगे जिसने छोटी सी उम्र में ही सभी को अपनी सुरीली आवाज का दिवाना बना लिया है.
धमतरी के डोंगरडुला नगर की रहने वाली आरु साहू ने छत्तीसगढ़ी गीतों को एक नई पहचान दी है. आरु साहू ने 11 साल की उम्र में कई बड़े मुकाम हासिल किए हैं. नन्हीं बच्ची ने छत्तीसगढ़ी में कई ऐसे गीत गाए हैं, जो कि सोशल मीडिया पर तहलका मचा दिया है. आरु की इस मधुर आवाज को सोशल मीडिया पर खूब सराहा जा रहा है.
परिवार का बैक सपोर्ट होना जरूरी
छत्तीसगढ़ी गीतों को आवाज देने वाली आरु साहू बताती हैं, कि जब वह छोटी थी तब से ही उसने गाना गाना शुरू किया था. आरु बताती हैं कि, उन्होंने स्कूल में एक प्रतियोगिता में हिस्सा लिया था, जिसमें उसे प्रथम स्थान मिला'. आरु कहती हैं कि 'उन्हें यह मुकाम परिवारवालों की वजह से मिला है क्योंकि किसी मुकाम तक पहुंचने के लिए परिवार का बैक सपोर्ट होना बहुत जरूरी है'.
छत्तीसगढ़ी गाने में नहीं था इंट्रेस्ट
आरु बताती हैं कि 'पिता शीतकुमार उनके गाने सेलेक्ट करते हैं, जिन पर वह प्रैक्टिस करती हैं और मां पूर्णिमा साहू उसे गाने की प्रैक्टिस कराती हैं'. आरु बताती हैं कि 'छत्तीसगढ़ी गाने को वे पसंद नहीं करती थी, लेकिन अब छत्तीसगढ़ी गाना गाने में उन्हें इंटरेस्ट आने लगा है. वहीं आरु ने अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर ETV भारत के माध्यम से विश्व की सभी महिलाओं को मैसेज दिया है कि हमेशा कोशिश करती रहना चाहिए, जब तक कि सफलता न मिले'.
समाज के लिए प्रेरणा है आरु साहू
बता दें कि आरु की आवाज प्रदेश की कोने-कोने तक पहुंच गई है और कई मंचों में आरु अपने कार्यक्रम की प्रस्तुति भी दे चुकी हैं. गायकी के लिए उन्हें कई सम्मान से भी नवाजा जा चुका है. नन्ही आरु ने न सिर्फ प्रदेश का मान बढ़ाया है बल्कि समाज के लिए भी वह एक प्रेरणा बनी है.