धमतरी: राज्य शासन के निर्देश पर धमतरी जिले के सभी धान खरीदी केंद्रों में समर्थन मूल्य पर धान की खरीदी हो गई है. लेकिन धान के उठाव की स्थिति खरीदी के पहले दिन से जिस तरह बनी थी वह आज भी जस के तस बनी हुई है. लिहाजा जिले के धान खरीदी केंद्रों में अभी भी भारी मात्रा में धान जाम पड़ा हुआ है. ऐसे में धान सूखने से जिले की समितियों को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है.
दरअसल जिले में चालू खरीफ विपणन वर्ष में समर्थन मूल्य पर धान खरीदी प्रक्रिया पूरी हो गई है. जिले में इस साल 1 लाख 9 हजार 174 पंजीकृत किसानों से धान की खरीदी की गई है. चालू खरीफ विपणन वर्ष में 89 खरीदी केंद्रों से समर्थन मूल्य पर धान की खरीदी की गई है. किसानों से 8 अरब 2 करोड़ 93 लाख रुपए के मूल्य का 42 लाख 76 हजार 480 क्विंटल धान खरीदा गया है. जो पिछले साल के 1 लाख 3 हजार किसानों से खरीदे गए धान से ढाई प्रतिशत ज्यादा है.
22 लाख क्विंटल धान जाम
समर्थन मूल्य में धान खरीदने के बाद भी जिले के उपार्जन केंद्रों से धान का उठाव की रफ्तार कम है. जिले के उपार्जन केंद्रों से अभी तक 21 लाख क्विंटल धान का उठाव किया गया है. लेकिन इन खरीदी केंद्रों में अभी भी 22 क्विंटल धान जाम है. ऐसे में उठाव नहीं होने से समितियों को भारी बहुत सारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. समितियों को धान सूखने का डर है. वहीं उन्हें सुरक्षित करने के लिए अतिरिक्त खर्च भी करने पड़ रहे है.
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धान सूखने का डर
प्रबंधकों का कहना है कि शासन प्रशासन से धान परिवहन और अन्य मांगों के संबंध में लगातार प्रयास किया गया. उसके बाद भी आज तक उनकी मांग को पूरा करने ध्यान नहीं दिया गया. जिले में बहुतायत मात्रा में धान जाम पड़ा हुआ है. धान सूखने के कगार पर है.
मार्च तक हो जाएगा उठाव
प्रशासन का कहना है कि जिले में धान का उठाव किया जा रहा है. धान खरीदी लेट होने से उठाव में देरी हुई है. धान के उठाव के नए बारदाने कमी है. शासन से 3 हजार गठान की मांग की गई है. जल्दी उठाव में तेजी आएगी. जिला विपणन अधिकारी का कहना है कि सीएमआर जमा करने में दिक्कतें हो रही है. उच्च अधिकारियों को इसकी जानकारी भेजी गई है. आने वाले दिनों में यह समस्या खत्म हो जाएगी. उन्होंने बताया कि 4 से 5 हजार मैट्रिक टन धान का उठाव रोजाना किया जा रहा है. उम्मीद है कि 31 मार्च तक धान की उठाओ की प्रक्रिया पूरी हो जाएगी.