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छोटी सी सिद्धि ने किया ऐसा काम, जानकर हो जाएंगे हैरान - इंस्पायर अवॉर्ड मानक योजना

महिलाओं के साथ हो रहे घटनाओं को रोकने के मकसद से जिले की एक बिटिया ने नई तकनीक का ईजाद किया है. इस तकनीक की मदद से महिलाएं खुद की सुरक्षा के साथ दूसरों की सुरक्षा भी कर सकती हैं.

जूते और हैंडबैग में सेफ्टी डिवाइस
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Published : Aug 6, 2019, 9:24 PM IST

धमतरी: देश में आए दिन महिलाओं और युवतियों के साथ अत्याचार और रेप जैसी घटनाएं सामने आती रहती हैं. इनमें से कुछ घटनाएं ऐसी भी हैं जिनसे पूरा देश दुखी हो चुका है. महिलाओं के साथ हो रहे इन्हीं घटनाओं को रोकने के मकसद से जिले की एक बिटिया ने नई तकनीक का ईजाद किया है. इस तकनीक की मदद से महिलाएं खुद की सुरक्षा के साथ दूसरों की सुरक्षा भी कर सकती हैं.

महिलाओं की सुरक्षा के लिए डिवाइस

दो डिवाइस को किया डिजाईन
स्थानीय स्कूल की एक छात्रा सिद्धि पांडे ने महिलाओं की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए दो ऐसे डिवाइस तैयार किए हैं, जिसकी मदद से महिलाएं अपनी सुरक्षा कर सकती हैं.

सिद्धि ने पहला डिवाइस एक हैंडबैग में लगाया गया है, जिसका बटन दबाने पर पुलिस की सायरन जैसी आवाज शुरू हो जाती है और इसके साथ ही इस डिवाइस में GPS भी कनेक्ट किया गया है, जिससे घरवाले या पुलिस तत्काल ट्रेस कर सकती है और अपराधियों को तत्काल पकड़ने में कामयाबी हासिल कर सकती है.

दूसरा डिवाइस जूते में फिट किया गया है. जूतों में लगे इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस को चालू करते ही जूते के बाहरी हिस्से में लगे डिजाइनर तारों में करंट जेनेरेट होता है, जिससे बदमाशों को झटके लग सकते हैं और वो महिलाओं को छोड़कर भाग जाएंगे.

जापान में करेगी दोनों डिवाइस का प्रदर्शन
इन दोनों डिवाइस का चयन इंस्पायर अवॉर्ड मानक योजना के तहत पहले जिला स्तर पर किया गया. इसके बाद सभी पड़ाव पार करने पर उसका चयन राष्ट्रीय स्तर पर हुआ है. सिद्धि अब इस डिवाइस का प्रदर्शन आने वाले दिनों में जापान में करेगी.

चयन होने की नहीं थी उम्मीद
छोटी सी सिद्धि बताती हैं कि, दिल्ली में हुए निर्भया कांड ने उन्हें झझकोर कर रख दिया था और तभी से उन्होंने महिलाओं की सुरक्षा को लेकर डिवाइस तैयार करने की ठान ली थी. हालांकि उन्हें उम्मीद नहीं थी, कि उनके इस मॉडल का चयन राष्ट्रीय स्तर पर हो जाएगा, फिर भी उन्होंने कोशिश की और अब इस सफलता से बेहद खुश हैं.

परिवार और टीचर्स हैं खुश
पिता नीरज शर्मा के साथ पूरा परिवार अपनी बेटी की इस कामयाबी से खासे उत्साहित हैं. परिवार ने कभी सोचा भी नहीं था कि, उनकी बेटी इस कामयाबी तक पहुंच पाएगी. वही स्कूल के टीचर भी सिद्धि की इस कामयाबी से बेहद खुश हैं और शुभकामनाएं दे रहे हैं.

पढ़े:ETV भारत की खबर का असर, मातृछाया सदन होगा बच्चे का नया आशियाना

सभी लोगों को सीखने की जरूरत
वाकई अगर कुछ कर गुजरने की चाह हो तो बड़ी से बड़ी मुश्किलें आसानी से पार हो जाती है. छोटी सी सिद्धि ने अपने दिमाग और हुनर से एक मिसाल कायम किया है, जिससे सभी लोगों को सीखने की जरूरत है.

धमतरी: देश में आए दिन महिलाओं और युवतियों के साथ अत्याचार और रेप जैसी घटनाएं सामने आती रहती हैं. इनमें से कुछ घटनाएं ऐसी भी हैं जिनसे पूरा देश दुखी हो चुका है. महिलाओं के साथ हो रहे इन्हीं घटनाओं को रोकने के मकसद से जिले की एक बिटिया ने नई तकनीक का ईजाद किया है. इस तकनीक की मदद से महिलाएं खुद की सुरक्षा के साथ दूसरों की सुरक्षा भी कर सकती हैं.

महिलाओं की सुरक्षा के लिए डिवाइस

दो डिवाइस को किया डिजाईन
स्थानीय स्कूल की एक छात्रा सिद्धि पांडे ने महिलाओं की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए दो ऐसे डिवाइस तैयार किए हैं, जिसकी मदद से महिलाएं अपनी सुरक्षा कर सकती हैं.

सिद्धि ने पहला डिवाइस एक हैंडबैग में लगाया गया है, जिसका बटन दबाने पर पुलिस की सायरन जैसी आवाज शुरू हो जाती है और इसके साथ ही इस डिवाइस में GPS भी कनेक्ट किया गया है, जिससे घरवाले या पुलिस तत्काल ट्रेस कर सकती है और अपराधियों को तत्काल पकड़ने में कामयाबी हासिल कर सकती है.

दूसरा डिवाइस जूते में फिट किया गया है. जूतों में लगे इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस को चालू करते ही जूते के बाहरी हिस्से में लगे डिजाइनर तारों में करंट जेनेरेट होता है, जिससे बदमाशों को झटके लग सकते हैं और वो महिलाओं को छोड़कर भाग जाएंगे.

जापान में करेगी दोनों डिवाइस का प्रदर्शन
इन दोनों डिवाइस का चयन इंस्पायर अवॉर्ड मानक योजना के तहत पहले जिला स्तर पर किया गया. इसके बाद सभी पड़ाव पार करने पर उसका चयन राष्ट्रीय स्तर पर हुआ है. सिद्धि अब इस डिवाइस का प्रदर्शन आने वाले दिनों में जापान में करेगी.

चयन होने की नहीं थी उम्मीद
छोटी सी सिद्धि बताती हैं कि, दिल्ली में हुए निर्भया कांड ने उन्हें झझकोर कर रख दिया था और तभी से उन्होंने महिलाओं की सुरक्षा को लेकर डिवाइस तैयार करने की ठान ली थी. हालांकि उन्हें उम्मीद नहीं थी, कि उनके इस मॉडल का चयन राष्ट्रीय स्तर पर हो जाएगा, फिर भी उन्होंने कोशिश की और अब इस सफलता से बेहद खुश हैं.

परिवार और टीचर्स हैं खुश
पिता नीरज शर्मा के साथ पूरा परिवार अपनी बेटी की इस कामयाबी से खासे उत्साहित हैं. परिवार ने कभी सोचा भी नहीं था कि, उनकी बेटी इस कामयाबी तक पहुंच पाएगी. वही स्कूल के टीचर भी सिद्धि की इस कामयाबी से बेहद खुश हैं और शुभकामनाएं दे रहे हैं.

पढ़े:ETV भारत की खबर का असर, मातृछाया सदन होगा बच्चे का नया आशियाना

सभी लोगों को सीखने की जरूरत
वाकई अगर कुछ कर गुजरने की चाह हो तो बड़ी से बड़ी मुश्किलें आसानी से पार हो जाती है. छोटी सी सिद्धि ने अपने दिमाग और हुनर से एक मिसाल कायम किया है, जिससे सभी लोगों को सीखने की जरूरत है.

Intro:देश में आए दिन महिलाओं और युवतियों के साथ अत्याचार और रेप जैसी घटनाएं सामने आती रहती है.इनमें से कुछ घटनाएं ऐसी भी हैं जिनसे पूरा देश उद्वेलित को उठा था.निर्भया कांड के बाद अब उन्नाव में भी इस तरह की घटनाएं सामने आई है.महिलाओं के साथ हो रहे इन्हीं घटनाओं को रोकने के मकसद से धमतरी के एक बिटिया ने नई तकनीक का ईजाद किया है.इस तकनीक की मदद से महिलाएं खुद की सुरक्षा के साथ दूसरों की सुरक्षा भी कर सकती है.


Body:वंदेमातरम स्कूल की छात्रा सिद्धि पांडे ने महिलाओं की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए दो ऐसे डिवाइस तैयार किया है जिसकी मदद से महिलाएं अपनी सुरक्षा कर सकती है.पहले डिवाइस एक हैंडबैग में लगाया गया है जिसमें मौजूद बटन दबाने पर पुलिस सायरन जैसी आवाजें आनी शुरू हो जाती है.इसके अलावा इस डिवाइस में जीपीएस लोकेशन कनेक्ट किया है जिससे घर या फिर पुलिस तत्काल ट्रेस कर सकती है और अपराधियों को तत्काल पकड़ने में कामयाबी हासिल कर सकती है.दूसरी डिवाइस जूते में फिट किया गया है.जूतों में लगे इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस को चालू करते है जूते के बाहरी हिस्से में करंट प्रभावित होने लगती है जिससे बदमाशों को झटके लग सकते है और महिलाओं को छोड़कर भाग जाएंगे.

सिद्धि पांडे के इस दोनों डिवाइस का चयन इंस्पायर अवॉर्ड मानक योजना के तहत पहले जिला स्तर पर किया गया इसके बाद सभी पड़ाव पार करने पर उसका चयन राष्ट्रीय स्तर पर हुआ है.सिद्धि अब इस डिवाइस के प्रदर्शन आने वाले दिनों में जापान में करेगी. सिद्धि बताती है कि दिल्ली में हुए निर्भया कांड में उन्हें झंझकोर कर रख दिया था और तभी से उन्होंने महिलाओं की सुरक्षा को लेकर डिवाइस तैयार करने की ठान ली थी.हालांकि उन्हें उम्मीद नहीं थी कि उनके इस मॉडल का चयन राष्ट्रीय स्तर पर हो जाएगा फिर भी उन्होंने कोशिश की और अब इस सफलता से बेहद खुश है.

पिता नीरज शर्मा के साथ पूरा परिवार अपनी बेटी इस कामयाबी से खासे उत्साहित हैं परिवार ने कभी कल्पना भी नहीं की थी उनकी बेटी इस कामयाबी तक पहुँच पाएगी.पिता की माने तो आगे भी महिलाओं की सुरक्षा के लिए उनकी बेटी काम करेगी.वही स्कूल के टीचर भी सिद्धि के इस कामयाबी से बेहद खुश है और तारीफ कर रहे है.



Conclusion:बहरहाल कुछ कर गुजरने की चाह हो तो बड़ी से बड़ी मुश्किलें आसानी से पार हो जाती है.सिद्धि ने अपने दिमाग और हुनर से एक मिसाल कायम किया है जिससे सभी लोगो को सीखने की जरूरत है.

बाईट_01 सिद्धि पांडेय,नन्हे वैज्ञानिक
बाईट_02 नीरज शर्मा,पिता
बाईट_03_किरण केंवट,टीचर

रामेश्वर मरकाम,ईटीवी भारत,धमतरी
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