धमतरी: शहर में बीते करीब एक माह में सट्टा कारोबार तेजी से बढ़ा है. पुराने खाईवाल और उनके एजेंट फिर से सक्रिय हो गए हैं, जिसकी वजह से शहर से लेकर ग्रामीण इलाकों में भी इसने अपना पैर पसारना शुरू कर दिया है. जानकारी के मुताबिक शहर के हर मोहल्ले में सट्टा के एजेंट सट्टा-पट्टी लिख रहे हैं. नतीजा रोजाना लाखों रूपए सट्टे के काले कारोबार में लग रहे है.
शहर में सट्टा के कारोबार पर तमाम कोशिशों के बावजूद भी इसे जड़ से खत्म नहीं किया जा सका, इससे जुड़ा कानून बेहद लचर नजर आ रहा है. सट्टे के काले कारोबार में गिरफ्तारी के बाद आसानी से जमानत मिल जाती है, लेकिन एक हकीकत ये भी है कि पुलिस की सख्तियों से सट्टा पर कई बार असरदार ढंग से नियंत्रण भी पाया गया है.
जानकारी के मुताबिक धमतरी में बीते तीन साल में सार्वजनिक जुआ सट्टा अधिनियम के तहत कई कार्रवाई की गई है, जिसमें वर्ष 2017 में कुल 94 मामले दर्ज हुए, 2018 में कुल 75 मामले दर्ज हुए और 2019 में कुल 89 मामले दर्ज हुए जिन पर पुलिस ने कार्रवाई की.
तेजी से फैल रहा सट्टा मटका
बता दें कि सट्टा-पट्टी मामले में पुलिस जितनी सख्त होगी उतना ही सट्टा का काला कोरबार कमजोर होगा, लेकिन धमतरी में बीते एक महीने में जिस तेजी से सट्टा का वायरस फैला है, उससे समझा जा सकता है कि पुलिस हाथ पर हाथ धर के बैठी है. हालांकि पुलिस ने कार्रवाई का दावा किया है, लेकिन धरातल पर उसका कोई असर नहीं दिख रहा है.