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बस्तर में नहीं होना चाहिए जबरिया धर्मांतरण: संतराम नेताम

छत्तीसगढ़ विधानसभा उपाध्यक्ष संतराम नेताम शनिवार को रायपुर से केशकाल जाते हुए कुछ देर धमतरी रेस्ट हाउस में रुके. Chhattisgarh Assembly Deputy Speaker in Dhamtari जहां कांग्रेसियों ने उनका स्वागत किया. santram netam statement on conversion विधानसभा उपाध्यक्ष ने नक्सलवाद के बाद धर्मांतरण को बड़ी समस्या बताया. Forced conversion जबरिया धर्मांतरण का विरोध करते इस पर रोक लगाने की बात कही.

Santram Netam
धर्मांतरण पर संतराम नेताम का बयान
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Published : Jan 8, 2023, 11:31 AM IST

Updated : Jan 8, 2023, 12:11 PM IST

धर्मांतरण पर संतराम नेताम का बयान

धमतरी: रेस्ट हाउस में शनिवार को छत्तीसगढ़ विधानसभा के नवनिर्वाचित उपाध्यक्ष संतराम नेताम ने धर्मांतरण सहित आरक्षण मुद्दे पर मीडिया से चर्चा की. Chhattisgarh Legislative Assembly रायपुर से केशकाल जाने के दौरान विस उपाध्यक्ष कुछ समय धमतरी रुके थे. Forced conversion जबरिया धर्मांतरण को गलत बताया और इस मुद्दे पर प्रदेश की शांति व्यवस्था बिगाड़ने वालों पर कार्रवाई के लिए सरकार से आग्रह किया.

धर्मांतरण मुद्दे पर माहौल बिगाड़ने वालों पर कार्रवाई: विधानसभा उपाध्यक्ष ने कहा कि "बस्तर में सड़कें बन गई हैं. टावर लग गए हैं. कैंप खुल गए हैं. इसलिये नक्सलवाद पीछे जा रहा है. अब धर्मांतरण समस्या बन रही है. जबरिया धर्मांतरण नहीं होना चाहिए. धर्मांतरण का हम विरोध करते हैं, जबरिया हो तो हम कार्रवाई भी कराएंंगे. इस पर राजनीति ठीक नहीं है. इस मुद्दे पर कुछ असामाजिक तत्व लोगों को भड़काने का काम कर रहे हैं, सरकार ऐसे लोगों पर कार्रवाई करे."

धर्मांतरण पर राजनीति, रमन सिंह के आरोपों पर सीएम बघेल का पलटवार

बेस्ट विधायक अवार्ड के लिए जताया सभी का आभार: संतराम नेताम ने कहा कि "शीतकालीन सत्र में बेस्ट विधायक का अवार्ड मिला, जिसके लिये वे सभी का धन्यवाद देते हैं. इसके अलावा उन्हें विधानसभा उपाध्यक्ष चुनने के लिये सभी ने एक स्वर से समर्थन दिया. 2013 से विधायक हैं। पहली बार विपक्ष में रहे, तब भी जनहित के मुद्दों को लेकर कार्य करते रहे, बाद में सत्ता पक्ष में आए. इसलिये दोनों पक्षों का उन्हें अनुभव है. अब संवैधानिक पद मिला है." उन्होंने एक प्रश्न के जवाब में विपक्ष के बारे में कहा कि "उन्होंने भी बेहतरिन ढंग से अपनी भूमिका निभाते हुए आईना दिखाने का काम किया और विपक्ष का धर्म निभाया."Chhattisgarh Best MLA Award

आरक्षण लागू न होने से रुक गईं भर्तियां: छत्तीसगढ़ में आरक्षण विधेयक के मुद्दे पर विधानसभा उपाध्यक्ष ने कहा कि "जितना अधिकार सबका है, उन्हें मिलना चाहिए. राज्यपाल को विधेयक पर हस्ताक्षर करना चाहिए या लौटा देना चाहिए या फिर राष्ट्रपति के पास भेज देना चाहिए. मामले में विकल्प होना चाहिए. पूरा प्रदेश देख रहा है कि आरक्षण के कारण नियुक्तियां रुक गई हैं. कुछ न कुछ हल निकलना चाहिए.

धर्मांतरण पर संतराम नेताम का बयान

धमतरी: रेस्ट हाउस में शनिवार को छत्तीसगढ़ विधानसभा के नवनिर्वाचित उपाध्यक्ष संतराम नेताम ने धर्मांतरण सहित आरक्षण मुद्दे पर मीडिया से चर्चा की. Chhattisgarh Legislative Assembly रायपुर से केशकाल जाने के दौरान विस उपाध्यक्ष कुछ समय धमतरी रुके थे. Forced conversion जबरिया धर्मांतरण को गलत बताया और इस मुद्दे पर प्रदेश की शांति व्यवस्था बिगाड़ने वालों पर कार्रवाई के लिए सरकार से आग्रह किया.

धर्मांतरण मुद्दे पर माहौल बिगाड़ने वालों पर कार्रवाई: विधानसभा उपाध्यक्ष ने कहा कि "बस्तर में सड़कें बन गई हैं. टावर लग गए हैं. कैंप खुल गए हैं. इसलिये नक्सलवाद पीछे जा रहा है. अब धर्मांतरण समस्या बन रही है. जबरिया धर्मांतरण नहीं होना चाहिए. धर्मांतरण का हम विरोध करते हैं, जबरिया हो तो हम कार्रवाई भी कराएंंगे. इस पर राजनीति ठीक नहीं है. इस मुद्दे पर कुछ असामाजिक तत्व लोगों को भड़काने का काम कर रहे हैं, सरकार ऐसे लोगों पर कार्रवाई करे."

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बेस्ट विधायक अवार्ड के लिए जताया सभी का आभार: संतराम नेताम ने कहा कि "शीतकालीन सत्र में बेस्ट विधायक का अवार्ड मिला, जिसके लिये वे सभी का धन्यवाद देते हैं. इसके अलावा उन्हें विधानसभा उपाध्यक्ष चुनने के लिये सभी ने एक स्वर से समर्थन दिया. 2013 से विधायक हैं। पहली बार विपक्ष में रहे, तब भी जनहित के मुद्दों को लेकर कार्य करते रहे, बाद में सत्ता पक्ष में आए. इसलिये दोनों पक्षों का उन्हें अनुभव है. अब संवैधानिक पद मिला है." उन्होंने एक प्रश्न के जवाब में विपक्ष के बारे में कहा कि "उन्होंने भी बेहतरिन ढंग से अपनी भूमिका निभाते हुए आईना दिखाने का काम किया और विपक्ष का धर्म निभाया."Chhattisgarh Best MLA Award

आरक्षण लागू न होने से रुक गईं भर्तियां: छत्तीसगढ़ में आरक्षण विधेयक के मुद्दे पर विधानसभा उपाध्यक्ष ने कहा कि "जितना अधिकार सबका है, उन्हें मिलना चाहिए. राज्यपाल को विधेयक पर हस्ताक्षर करना चाहिए या लौटा देना चाहिए या फिर राष्ट्रपति के पास भेज देना चाहिए. मामले में विकल्प होना चाहिए. पूरा प्रदेश देख रहा है कि आरक्षण के कारण नियुक्तियां रुक गई हैं. कुछ न कुछ हल निकलना चाहिए.

Last Updated : Jan 8, 2023, 12:11 PM IST
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