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धमतरी: भूमि अधिग्रहण के विरोध में उठी आवाज, लोगों ने कहा 'नहीं देंगे जमीन'

उद्योग विकास में सबसे अहम भूमिका निभाते है. सरकार भी इसी कारण उद्योगों को बढ़ावा देती है. लेकिन धमतरी शहर का उद्योग नगर विवादों के जाल से निकल ही नहीं पा रहा है.

भूमि अधिग्रहण को लेकर लोगों का विरोध
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Published : Jul 25, 2019, 8:31 PM IST

धमतरी: शहर के लिए शासन की ओर से अधिग्रहित जमीन एक बार फिर विवादों में फंसती नजर आ रही है. शहर से लगे ग्राम पंचायत श्यामतराई के सभी लोग इसके विरोध में खड़े हो गए हैं. वहीं प्रशासन अपने इरादों पर अडिग नजर आ रही है.

भूमि अधिग्रहण को लेकर लोगों का विरोध
धमतरी में राईसमिल सबसे बड़ा उद्योग है. यह अब शहर के लोगों की जीवन शैली प्रभावित कर रही है. ऐसे में बहुत जरूरी है कि, उद्योगों के लिए अलग इलाका और अलग जमीन तय हो, ताकि शहर और उद्योगों का विकास आपस में न उलझ जाए. 55 एकड़ जमीन पहले भी अधिग्रहित करीब दस साल पहले शहर से लगे नेशनल हाईवे के किनारे श्यामतराई में 10 एकड़ जमीन लघु उद्योगों के लिए तय की गई थी. उस वक्त भी खासा विवाद हुआ था. विरोध में एकजुट गांवअब जब सरकार ने जमीन अधिग्रहित कर ली है, तो पूरा गांव इसके विरोध में एकजुट हो गया है. गांववालों का कहना है कि 'पहले भी सरकार ने अलग-अलग योजनाओं के लिए गांव की 55 एकड़ जमीन अधिग्रहित कर ली थी. 'प्रशासन ने पहले ही अधिग्रहित की जमीन'गांववालों का कहना है कि उनकी जमीन प्रशासन की ओर से पहले ही अधिग्रहित की जा चुकी है. ऐसे में अब उनके पास कुछ ही जमीन गुजारे के लिए बची है और अगर सरकार इसे भी अधिग्रहित कर लेगी तो उनके पास रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो जाएगा.

धमतरी: शहर के लिए शासन की ओर से अधिग्रहित जमीन एक बार फिर विवादों में फंसती नजर आ रही है. शहर से लगे ग्राम पंचायत श्यामतराई के सभी लोग इसके विरोध में खड़े हो गए हैं. वहीं प्रशासन अपने इरादों पर अडिग नजर आ रही है.

भूमि अधिग्रहण को लेकर लोगों का विरोध
धमतरी में राईसमिल सबसे बड़ा उद्योग है. यह अब शहर के लोगों की जीवन शैली प्रभावित कर रही है. ऐसे में बहुत जरूरी है कि, उद्योगों के लिए अलग इलाका और अलग जमीन तय हो, ताकि शहर और उद्योगों का विकास आपस में न उलझ जाए. 55 एकड़ जमीन पहले भी अधिग्रहित करीब दस साल पहले शहर से लगे नेशनल हाईवे के किनारे श्यामतराई में 10 एकड़ जमीन लघु उद्योगों के लिए तय की गई थी. उस वक्त भी खासा विवाद हुआ था. विरोध में एकजुट गांवअब जब सरकार ने जमीन अधिग्रहित कर ली है, तो पूरा गांव इसके विरोध में एकजुट हो गया है. गांववालों का कहना है कि 'पहले भी सरकार ने अलग-अलग योजनाओं के लिए गांव की 55 एकड़ जमीन अधिग्रहित कर ली थी. 'प्रशासन ने पहले ही अधिग्रहित की जमीन'गांववालों का कहना है कि उनकी जमीन प्रशासन की ओर से पहले ही अधिग्रहित की जा चुकी है. ऐसे में अब उनके पास कुछ ही जमीन गुजारे के लिए बची है और अगर सरकार इसे भी अधिग्रहित कर लेगी तो उनके पास रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो जाएगा.
Intro:धमतरी शहर के लिये शासन द्वारा अधिग्रहित जमीन फिर विवादों में फंसती नजर आ रही है..शहर से लगे ग्राम पंचायत श्यामतराई के सभी लोग इसके विरोध में खड़े हो गए है.इधर प्रशासन ने वहीं उद्योग नगर बनाने के अपने इरादे पर अडिग नजर आ रहा है.Body:उद्योग विकास में सबसे अहम भूमिका निभाते है.सरकार भी इसी कारण उद्योगो को बढ़ावा देती है क्योंकि उद्योग से न सिर्फ राजस्व में बढ़ोतरी होती है बल्कि रोजगार की समस्या भी दूर होती है.यही कारण है कि बढ़ते हुए शहरो के आस पास उद्योगों के लिये अलग से जमीन आरक्षित की जाती है लेकिन धमतरी शहर का उद्योग नगर विवादो के जाल से निकल ही नहीं पा रहा है धमतरी में राईसमिल उद्योग सबसे बड़ा उद्योग है.आज फैलते शहरी इलाके के कारण ज्यादातर राईस मील शहरी बसाहट के बीच आ चुके है.ऐसे में बेदह जरूरी है कि उद्योगो के लिये अलग इलाका और अलग जमीन तय हो ताकि शहर और उद्योगो का विकास आपस में न उलझ जाए.दशक भर पहले शहर से लगे और एनएच के किनारे श्यामतराई में 10 एकड़ जमीन लघु विद्योगो के लिये तय की गई थी. उस वक्त भी काफी विवाद हुआ था और अब जब सरकार ने जमीन अधिग्रहित कर ली है तो पूरा गांव इसके विरोध में एकजुट हो गया है.गांव वालो का तर्क है कि पहले ही सरकार ने विभिन्न योजनाओं के लिये गांव की 55 एकड़ जमीन अधिग्रहित कर ली है.अब गांव के पास देने के लिये जमीन नहीं है लेकिन जिला प्रशासन अपने फैसले से पीछे हटने के इरादे में नहीं है.

Conclusion:दोनो पक्ष अगर अड़े रहे तो धमतरी में लघु उद्योग का भविष्य अधर में अटक जाएगा.जरूरी है कि इस समस्या का कोई सर्व स्वीकार्य हल निकाला जाए.

बाईट...उमेश साहू, सरपंच श्यामतराई
बाईट...लक्ष्मीकान्त साहू,जनपद सदस्य
बाईट...डी आर बंजारे, डिप्टी कलेक्टर, धमतरी

रामेश्वर मरकाम,ईटीवी भारत,धमतरी
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