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धमतरी के किसानों की आंदोलन की चेतावनी, जानिए वजह

धमतरी में खाद और यूरिया की कालाबाजारी को लेकर किसानों ने सीएम बघेल के नाम कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा है. किसानों ने मांगें पूरी न होने पर उग्र आंदोलन की चेतावनी दी (Farmers protest against black marketing of fertilizers in Dhamtari ) है.

black marketing of fertilizers
खाद की कालाबाजारी
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Published : Jul 7, 2022, 12:15 PM IST

धमतरी: इन दिनों प्रदेश में यूरिया और खाद की कालाबाजारी का मामला काफी चर्चा में है. इस बीच यूरिया, डीएपी खाद उपलब्ध कराने और कालाबाजारी को रोकने की मांग को लेकर छत्तीसगढ़ किसान यूनियन ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नाम कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा (Farmers protest against black marketing of fertilizers in Dhamtari )है. 5 दिनों के भीतर निराकरण न होने पर किसानों ने उग्र आन्दोलन की चेतावनी दी है.

धमतरी में यूरिया खाद की कालाबाजारी का विरोध

ये मांगें भी हैं शामिल: छत्तीसगढ़ किसान यूनियन ने मुख्यमंत्री से मांग की है कि कृषि उपज मंडी में लग रहा मंडी शुल्क वापस लिया जाये. किसानों को तत्काल यूरिया, डीएपी उपलब्ध कराने के साथ ही खाद पर हो रही कालाबाजारी रोकी जाए. नकली खाद पर भी रोक लगाने और बिजली कटौती बंद करने के साथ लो वोल्टेज की समस्या दूर करने की मांग भी इसमें शामिल है.

किसानों ने गिनाईं समस्याएं: किसानों का कहना है, "कृषि मोटर कभी भी बिजली कटौती की वजह से बंद हो जाते हैं. किसानों को सोसायटियों में जैविक खाद खरीदने की बाध्यता भी खत्म की जाए. 1 नवंबर से समर्थन मूल्य में धान खरीदी की घोषणा की जाए. किसानों का एक मुश्त धान खरीदा जाए. इसके अलावा समर्थन मूल्य के बढ़े हुए दर पर अंतर की राशि बढ़ाए जाने और किसानों को अंतर की राशि एकमुश्त देने की मांग की गई है. राजीव गांधी न्याय योजना से किसानों की प्रति एकड़ 488 रुपए 40 पैसे की गई कटौती राशि को वापस किसानों के खाते में डाला जाए. किसानों को शीघ्र राहत देकर निराकरण नहीं किया गया तो उग्र आंदोलन किया जाएगा. जिसकी जवाबदारी शासन-प्रशासन की रहेगी."

यह भी पढ़ें: कोंडागांव में खाद और यूरिया का अधिक दाम क्यों...जानिए वजह

किसानों की उग्र आंदोलन की चेतावनी: छत्तीसगढ़ किसान यूनियन के प्रदेश संयोजक लीलाराम साहू ने बताया " मंडी शुल्क को पूरे देश में सरकार ने खत्म कर दिया है. लेकिन छत्तीसगढ़ की सरकार ने मंडी शुल्क लगाया है. यह किसानों की जेब से ही जाएगा. प्रदेश में खाद की कालाबाजारी हो रही है. जिस खाद को कोई पूछता भी नहीं था, उसका भी रेट बढ़ा दिया गया है. छत्तीसगढ़ सरकार किसानों को लूट रही है, जिसके लिए किसान आंदोलन करेंगे."

किसान यूनियन जिलाध्यक्ष घना राम साहू ने कहा, "लगातार अभी खेती का काम चल रहा है, लेकिन बिजली कटौती के चलते खेती किसानी में दिक्कतें हो रहीं हैं. किसानों की संपूर्ण उपज की खरीदी होनी चाहिए." वहीं संयुक्त कलेक्टर ऋषिकेश तिवारी का कहना है, "छत्तीसगढ़ किसान यूनियन से आवेदन मिला है. ज्यादातर मांगें प्रदेश स्तर पर हैं, जिसे आगे भेज दिया जाएगा. जिले स्तर पर जो मांग की गई है, उसके लिए प्रशासन द्वारा प्रयास किया जाएगा."

धमतरी: इन दिनों प्रदेश में यूरिया और खाद की कालाबाजारी का मामला काफी चर्चा में है. इस बीच यूरिया, डीएपी खाद उपलब्ध कराने और कालाबाजारी को रोकने की मांग को लेकर छत्तीसगढ़ किसान यूनियन ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नाम कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा (Farmers protest against black marketing of fertilizers in Dhamtari )है. 5 दिनों के भीतर निराकरण न होने पर किसानों ने उग्र आन्दोलन की चेतावनी दी है.

धमतरी में यूरिया खाद की कालाबाजारी का विरोध

ये मांगें भी हैं शामिल: छत्तीसगढ़ किसान यूनियन ने मुख्यमंत्री से मांग की है कि कृषि उपज मंडी में लग रहा मंडी शुल्क वापस लिया जाये. किसानों को तत्काल यूरिया, डीएपी उपलब्ध कराने के साथ ही खाद पर हो रही कालाबाजारी रोकी जाए. नकली खाद पर भी रोक लगाने और बिजली कटौती बंद करने के साथ लो वोल्टेज की समस्या दूर करने की मांग भी इसमें शामिल है.

किसानों ने गिनाईं समस्याएं: किसानों का कहना है, "कृषि मोटर कभी भी बिजली कटौती की वजह से बंद हो जाते हैं. किसानों को सोसायटियों में जैविक खाद खरीदने की बाध्यता भी खत्म की जाए. 1 नवंबर से समर्थन मूल्य में धान खरीदी की घोषणा की जाए. किसानों का एक मुश्त धान खरीदा जाए. इसके अलावा समर्थन मूल्य के बढ़े हुए दर पर अंतर की राशि बढ़ाए जाने और किसानों को अंतर की राशि एकमुश्त देने की मांग की गई है. राजीव गांधी न्याय योजना से किसानों की प्रति एकड़ 488 रुपए 40 पैसे की गई कटौती राशि को वापस किसानों के खाते में डाला जाए. किसानों को शीघ्र राहत देकर निराकरण नहीं किया गया तो उग्र आंदोलन किया जाएगा. जिसकी जवाबदारी शासन-प्रशासन की रहेगी."

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किसानों की उग्र आंदोलन की चेतावनी: छत्तीसगढ़ किसान यूनियन के प्रदेश संयोजक लीलाराम साहू ने बताया " मंडी शुल्क को पूरे देश में सरकार ने खत्म कर दिया है. लेकिन छत्तीसगढ़ की सरकार ने मंडी शुल्क लगाया है. यह किसानों की जेब से ही जाएगा. प्रदेश में खाद की कालाबाजारी हो रही है. जिस खाद को कोई पूछता भी नहीं था, उसका भी रेट बढ़ा दिया गया है. छत्तीसगढ़ सरकार किसानों को लूट रही है, जिसके लिए किसान आंदोलन करेंगे."

किसान यूनियन जिलाध्यक्ष घना राम साहू ने कहा, "लगातार अभी खेती का काम चल रहा है, लेकिन बिजली कटौती के चलते खेती किसानी में दिक्कतें हो रहीं हैं. किसानों की संपूर्ण उपज की खरीदी होनी चाहिए." वहीं संयुक्त कलेक्टर ऋषिकेश तिवारी का कहना है, "छत्तीसगढ़ किसान यूनियन से आवेदन मिला है. ज्यादातर मांगें प्रदेश स्तर पर हैं, जिसे आगे भेज दिया जाएगा. जिले स्तर पर जो मांग की गई है, उसके लिए प्रशासन द्वारा प्रयास किया जाएगा."

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