धमतरी: प्रदेश में धान खरीदी अंतिम चरण में है, लेकिन धमतरी जिले में धान का उठाव सही मात्रा में नहीं हो पा रहा है. ऐसे में धान खरीदी केंद्रों में धान रखने की जगह नहीं बच पा रही है. इसकी वजह से किसानों को धान खरीदी में कई तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. वहींं धान का उठाव नहीं होने के कारण अब समितियां वैकल्पिक व्यवस्थाओं से काम चलाने के लिए मजबूर हैं.
समिति प्रबंधक हैं परेशान
जिले में लगभग सभी खरीदी केन्द्रों में धीमे उठाव के कारण समिति प्रबंधकों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. जिले के खरेंगा, माकरादोना, कुण्डेल, तरसीवा, भखारा, कुरूद जैसे कई बड़े केन्द्रों में पैर रखने की जगह भी नहीं है. सिंगपुर खरीदी केन्द्र में धान रखने की जगह नहीं होने से समिति को एक मिनी स्टेडियम में धान खरीदी करनी पड़ रही है. इस मामले में कलेक्टर का कहना है कि शासन की ओर से अलॉटमेंट आने के बाद खरीदी केन्द्रों से हर दिन 5000 डीओ काटे जा रहे हैं, वहीं धान के उठाव में भी पहले से तेजी आई है.
बेमेतरा जिले में अब तक सिर्फ 32 फीसदी धान का उठाव
अधिकांश खरीदी केंद्रों में धान रखने की जगह नहीं
राज्य सरकार ने 1 दिसंबर से धान खरीदी की शुरुआत की थी. शुरुआती दौर में एक महीने तक धान का उठाव नहीं हो पाया. अधिकांश समितियों में जाम की स्थिति निर्मित हो गई. इसे लेकर समिति प्रबंधकों को भी राजधानी में प्रदर्शन करना पड़ा था. इसके बाद उठाव की प्रक्रिया शुरू हुई, लेकिन जिस तेजी से धान का उठाव होना चाहिए, वैसा खरीदी केंद्रों में देखने को नहीं मिला. अभी की स्थिति पर नजर डालें, तो जिले के अधिकांश खरीदी केंद्रों में धान रखने की जगह नहीं है.
बहरहाल, धान का उठाव नहीं होने के कारण समितियों को धान खरीदी सहित रखरखाव को लेकर भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. ऐसे में जब तक धान उठाव नहीं होगा, तब तक स्थिति और खराब हो सकती है.