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धमतरी: पहले चीन के सामानों ने छीना रोजगार, अब गोबर के दीये से कुम्हार परेशान

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Published : Nov 2, 2020, 5:32 PM IST

Updated : Nov 2, 2020, 7:14 PM IST

इस साल 14 नवंबर को दिवाली मनाई जाएगी. जिसके लिए महज कुछ दिन बचे हैं. लेकिन शहर के कुम्हारों का कहना है कि प्रदेश सरकार गोबर से बने दीये का प्रचार ज्यादा कर रही है. जिससे मिट्टी के दीये बनाने वाले लोगों को नुकसान हो रहा है. साथ ही कुम्हारों के जीवन पर भारी असर देखने को मिल रहा है.

potters upset with cow dung Diya in dhamtari
गोबर के दीये से परेशान कुम्हार

धमतरी: महज कुछ दिन के बाद ही दिवाली है. इस दिवाली के त्योहार से कुम्हारों को बहुत उम्मीदें होती हैं. कुम्हार दिवाली के लिए दिन रात दीया बनाने में जुटे हुए हैं. लेकिन इस बार बाजार में गोबर के दीये आने से कुम्हारों की उम्मीद टूट गई है. वजह है कि लोग गोबर से बने दीयों को ज्यादा पसंद कर रहे हैं. दूसरी तरफ सरकार भी गोबर से बने दीयों को उपयोग में लाने के लिए लोगों को प्रेरित कर रही है. कुम्हार बताते हैं कि पहले सब कुछ ठीक था. कुम्हार अपने काम में मस्त थे, उन्हें उम्मीद थी कि हर बार की तरह इस बार भी वे अच्छी कमाई कर लेंगे. लेकिन ऐसा होता नहीं दिख रहा है.

गोबर के दीये से कुम्हार परेशान

कुम्हारों को साल भर इस पर्व का इंतजार रहता है. वे मिट्टी के दीये बनाकर इस पर्व में आमदनी की बाट जोहते हैं. लेकिन इस साल सब कुछ उम्मीद के मुताबिक नहीं हो रहा है. कोरोना की मार से परेशान कुम्हारों को पहले गणेश पूजा में नुकसान उठाना पड़ा अब दिवाली में भी नुकसान के हालात बन रहे हैं. शहर के कुम्हार गगन कुम्भकार बताते हैं कि अब दिवाली का त्योहार पास है, जिसके लिए शासन की तरफ से गोबर के दिए बनवाए जा रहे हैं. उसे शासन स्तर पर प्रचार-प्रसार और प्रोत्साहित किया जा रहा है. जिससे कुम्हार परिवार पहले चाइनीज दीयों से परेशान थे. अब गोबर के दीए बनने से रोजी-रोटी का संकट बढ़ रहा है. जिले के लगभग सभी कुम्हार परिवार केवल कुम्हार से जुड़े अपने पैतृक व्यवसाय पर आश्रित हैं.

पढ़ें- बिलासपुर: इस दिवाली गोबर और मिट्टी के दीयों से रोशन होगा घर और आंगन


छत्तीसगढ़ सरकार छीन रही रोजगार-कुम्हार

कुम्हार मिट्टी के बर्तन बनाकर अपने परिवार का भरण पोषण करते हैं. आज के परिवेश में जब से स्टील एल्यूमीनियम के बर्तन बनने शुरू हुए हैं, तब से कुम्हारों का पैतृक व्यवसाय विलुप्ति के कगार पर पहुंच गया है. केवल फेस्टिव सीजन में ही कुम्हारों को कुछ कमाई हो जाती है. कुम्हारों ने छत्तीसगढ़ सरकार पर आरोप लगाया है कि वह गोबर के दीये को बढ़ावा देकर उनकी कमाई को प्रभावित करने का काम कर रहे हैं.

potters upset with cow dung Diya in dhamtari
मिट्टी से बनी मूर्ति

सरकार से कुम्हारों ने की इंतजाम की मांग

छत्तीसगढ़ कुंभकार समाज सरकार से मांग करती है कि गोबर से निर्मित दीयों की अपेक्षा कुम्हारों की तरफ से बनाए गए मिट्टी के दीयों का इस्तेमाल ज्यादा से ज्यादा करने की बात की जाए. ताकि उनके द्धारा बनाए गए दीये बिक सके.

कुम्हारों से कोई रोजगार नहीं छीन रहा-कलेक्टर

इस संबंध में धमतरी कलेक्टर जय प्रकाश मौर्य ने कहा कि मार्केट में डिमांड के अनुसार गोबर से बनाए गए सामग्री को प्रोत्साहित किया जा रहा है. कुम्हारों के पास अन्य और भी एक्टिविटी रहती है. कलेक्टर ने कुम्हारों को भरोसा दिलाया की उनसे कोई उनका रोजगार नहीं छीन रहा है.

धमतरी: महज कुछ दिन के बाद ही दिवाली है. इस दिवाली के त्योहार से कुम्हारों को बहुत उम्मीदें होती हैं. कुम्हार दिवाली के लिए दिन रात दीया बनाने में जुटे हुए हैं. लेकिन इस बार बाजार में गोबर के दीये आने से कुम्हारों की उम्मीद टूट गई है. वजह है कि लोग गोबर से बने दीयों को ज्यादा पसंद कर रहे हैं. दूसरी तरफ सरकार भी गोबर से बने दीयों को उपयोग में लाने के लिए लोगों को प्रेरित कर रही है. कुम्हार बताते हैं कि पहले सब कुछ ठीक था. कुम्हार अपने काम में मस्त थे, उन्हें उम्मीद थी कि हर बार की तरह इस बार भी वे अच्छी कमाई कर लेंगे. लेकिन ऐसा होता नहीं दिख रहा है.

गोबर के दीये से कुम्हार परेशान

कुम्हारों को साल भर इस पर्व का इंतजार रहता है. वे मिट्टी के दीये बनाकर इस पर्व में आमदनी की बाट जोहते हैं. लेकिन इस साल सब कुछ उम्मीद के मुताबिक नहीं हो रहा है. कोरोना की मार से परेशान कुम्हारों को पहले गणेश पूजा में नुकसान उठाना पड़ा अब दिवाली में भी नुकसान के हालात बन रहे हैं. शहर के कुम्हार गगन कुम्भकार बताते हैं कि अब दिवाली का त्योहार पास है, जिसके लिए शासन की तरफ से गोबर के दिए बनवाए जा रहे हैं. उसे शासन स्तर पर प्रचार-प्रसार और प्रोत्साहित किया जा रहा है. जिससे कुम्हार परिवार पहले चाइनीज दीयों से परेशान थे. अब गोबर के दीए बनने से रोजी-रोटी का संकट बढ़ रहा है. जिले के लगभग सभी कुम्हार परिवार केवल कुम्हार से जुड़े अपने पैतृक व्यवसाय पर आश्रित हैं.

पढ़ें- बिलासपुर: इस दिवाली गोबर और मिट्टी के दीयों से रोशन होगा घर और आंगन


छत्तीसगढ़ सरकार छीन रही रोजगार-कुम्हार

कुम्हार मिट्टी के बर्तन बनाकर अपने परिवार का भरण पोषण करते हैं. आज के परिवेश में जब से स्टील एल्यूमीनियम के बर्तन बनने शुरू हुए हैं, तब से कुम्हारों का पैतृक व्यवसाय विलुप्ति के कगार पर पहुंच गया है. केवल फेस्टिव सीजन में ही कुम्हारों को कुछ कमाई हो जाती है. कुम्हारों ने छत्तीसगढ़ सरकार पर आरोप लगाया है कि वह गोबर के दीये को बढ़ावा देकर उनकी कमाई को प्रभावित करने का काम कर रहे हैं.

potters upset with cow dung Diya in dhamtari
मिट्टी से बनी मूर्ति

सरकार से कुम्हारों ने की इंतजाम की मांग

छत्तीसगढ़ कुंभकार समाज सरकार से मांग करती है कि गोबर से निर्मित दीयों की अपेक्षा कुम्हारों की तरफ से बनाए गए मिट्टी के दीयों का इस्तेमाल ज्यादा से ज्यादा करने की बात की जाए. ताकि उनके द्धारा बनाए गए दीये बिक सके.

कुम्हारों से कोई रोजगार नहीं छीन रहा-कलेक्टर

इस संबंध में धमतरी कलेक्टर जय प्रकाश मौर्य ने कहा कि मार्केट में डिमांड के अनुसार गोबर से बनाए गए सामग्री को प्रोत्साहित किया जा रहा है. कुम्हारों के पास अन्य और भी एक्टिविटी रहती है. कलेक्टर ने कुम्हारों को भरोसा दिलाया की उनसे कोई उनका रोजगार नहीं छीन रहा है.

Last Updated : Nov 2, 2020, 7:14 PM IST
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