धमतरी : सरकारी उधार के बोझ में लदे पेट्रोल पंप संचालक को अपने व्यापार का तरीका बदलना पड़ा. संचालक ने सरकार सहित सभी के लिए उधारी का खाता ही बंद कर दिया है और लोगों को नकद खरीदी के लिए प्रेरित करने के लिए इनामी योजना शुरू कर दी.
गाड़ियों के पीछे धमतरी इंटर प्राइजेस के मालिक अब्दुल रहमान की ओर से दिया गया विज्ञापन साफ तौर पर देखा जा सकता है. इस विज्ञापन में पेट्रोल-डीजल की नगदी खरीदी पर इनाम और छूट दिए जाने की बात लिखी गई है.
अब्दुल रहमान ये काम खुशी से नहीं बल्कि मजबूरी में कर रहे हैं. दरअसल इस पेट्रोल पंप से सरकार के 18 विभाग तेल खरीदते हैं, लेकिन इनमें से किसी ने बीते एक साल से तेल का रुपया नहीं चुकाया. सरकार को इस पेट्रोल पंप को 80 लाख रूपए देना है.
इन विभागों का इतना है बकाया
- उधार के खाते में सबसे ज्यादा नगर निगम का 22 लाख रुपए बकाया हैं.
- बीते विधानसभा चुनाव, फिर लोकसभा चुनाव के निर्वाचन शाखा पर एक लाख रुपए बकाया हैं.
- खाद्य विभाग पर डेढ़ लाख रुपए बकाया हैं.
- जिला रजिस्ट्रार कार्यालय पर 25 हजार रुपए बकाया हैं.
- शहर विकास विभाग पर 40 हजार रुपए बकाया हैं.
- स्वच्छ भारत मिशन के एक लाख बकाया हैं.
- पीएचई पर 2 लाख रुपए का उधार है.
- सिंचाई विभाग पर 10 लाख रुपए की उधारी है.
- जिला पंचायत के 2 लाख रुपए बकाया हैं.
संचालक ने बताया कि 'बीते डेढ़ साल में इन विभागों को खत लिख-लिख कर रुपए मांगे गए, लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला'. जब उधार की रकम एक करोड़ के पास पहुंच गई तो अपना व्यापार बचाने के लिए पेट्रोल पंप संचालक ने उधार का खाता ही बंद कर दिया और इनामी योजना शुरू कर दी.
चुनावी माहौल में भाजपा इस मुद्दे पर सरकार को कंगाल बोल कर तंज तस कही है वही कांग्रेस इस मामले में जानकारी नहीं होने की बात कह रही है.