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इस पंप से पेट्रोल भरवाओ, नकद भुगतान पर छूट पाओ

धमतरी में सरकारी विभागों पर पेट्रोल का 80 लाख रुपए बकाया है. परेशान पेट्रोल पंप संचालक ने मजबूरी में इनामी योजना शुरू कर दी है.

Petrol pump  owner upset with government borrowing in dhamtari
सरकारी उधार से परेशान संचालक
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Published : Dec 17, 2019, 7:27 PM IST

Updated : Dec 17, 2019, 11:45 PM IST

धमतरी : सरकारी उधार के बोझ में लदे पेट्रोल पंप संचालक को अपने व्यापार का तरीका बदलना पड़ा. संचालक ने सरकार सहित सभी के लिए उधारी का खाता ही बंद कर दिया है और लोगों को नकद खरीदी के लिए प्रेरित करने के लिए इनामी योजना शुरू कर दी.

सरकारी विभागों पर पेट्रोल का 80 लाख रुपए बकाया

गाड़ियों के पीछे धमतरी इंटर प्राइजेस के मालिक अब्दुल रहमान की ओर से दिया गया विज्ञापन साफ तौर पर देखा जा सकता है. इस विज्ञापन में पेट्रोल-डीजल की नगदी खरीदी पर इनाम और छूट दिए जाने की बात लिखी गई है.

अब्दुल रहमान ये काम खुशी से नहीं बल्कि मजबूरी में कर रहे हैं. दरअसल इस पेट्रोल पंप से सरकार के 18 विभाग तेल खरीदते हैं, लेकिन इनमें से किसी ने बीते एक साल से तेल का रुपया नहीं चुकाया. सरकार को इस पेट्रोल पंप को 80 लाख रूपए देना है.

इन विभागों का इतना है बकाया

  • उधार के खाते में सबसे ज्यादा नगर निगम का 22 लाख रुपए बकाया हैं.
  • बीते विधानसभा चुनाव, फिर लोकसभा चुनाव के निर्वाचन शाखा पर एक लाख रुपए बकाया हैं.
  • खाद्य विभाग पर डेढ़ लाख रुपए बकाया हैं.
  • जिला रजिस्ट्रार कार्यालय पर 25 हजार रुपए बकाया हैं.
  • शहर विकास विभाग पर 40 हजार रुपए बकाया हैं.
  • स्वच्छ भारत मिशन के एक लाख बकाया हैं.
  • पीएचई पर 2 लाख रुपए का उधार है.
  • सिंचाई विभाग पर 10 लाख रुपए की उधारी है.
  • जिला पंचायत के 2 लाख रुपए बकाया हैं.

संचालक ने बताया कि 'बीते डेढ़ साल में इन विभागों को खत लिख-लिख कर रुपए मांगे गए, लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला'. जब उधार की रकम एक करोड़ के पास पहुंच गई तो अपना व्यापार बचाने के लिए पेट्रोल पंप संचालक ने उधार का खाता ही बंद कर दिया और इनामी योजना शुरू कर दी.

चुनावी माहौल में भाजपा इस मुद्दे पर सरकार को कंगाल बोल कर तंज तस कही है वही कांग्रेस इस मामले में जानकारी नहीं होने की बात कह रही है.

धमतरी : सरकारी उधार के बोझ में लदे पेट्रोल पंप संचालक को अपने व्यापार का तरीका बदलना पड़ा. संचालक ने सरकार सहित सभी के लिए उधारी का खाता ही बंद कर दिया है और लोगों को नकद खरीदी के लिए प्रेरित करने के लिए इनामी योजना शुरू कर दी.

सरकारी विभागों पर पेट्रोल का 80 लाख रुपए बकाया

गाड़ियों के पीछे धमतरी इंटर प्राइजेस के मालिक अब्दुल रहमान की ओर से दिया गया विज्ञापन साफ तौर पर देखा जा सकता है. इस विज्ञापन में पेट्रोल-डीजल की नगदी खरीदी पर इनाम और छूट दिए जाने की बात लिखी गई है.

अब्दुल रहमान ये काम खुशी से नहीं बल्कि मजबूरी में कर रहे हैं. दरअसल इस पेट्रोल पंप से सरकार के 18 विभाग तेल खरीदते हैं, लेकिन इनमें से किसी ने बीते एक साल से तेल का रुपया नहीं चुकाया. सरकार को इस पेट्रोल पंप को 80 लाख रूपए देना है.

इन विभागों का इतना है बकाया

  • उधार के खाते में सबसे ज्यादा नगर निगम का 22 लाख रुपए बकाया हैं.
  • बीते विधानसभा चुनाव, फिर लोकसभा चुनाव के निर्वाचन शाखा पर एक लाख रुपए बकाया हैं.
  • खाद्य विभाग पर डेढ़ लाख रुपए बकाया हैं.
  • जिला रजिस्ट्रार कार्यालय पर 25 हजार रुपए बकाया हैं.
  • शहर विकास विभाग पर 40 हजार रुपए बकाया हैं.
  • स्वच्छ भारत मिशन के एक लाख बकाया हैं.
  • पीएचई पर 2 लाख रुपए का उधार है.
  • सिंचाई विभाग पर 10 लाख रुपए की उधारी है.
  • जिला पंचायत के 2 लाख रुपए बकाया हैं.

संचालक ने बताया कि 'बीते डेढ़ साल में इन विभागों को खत लिख-लिख कर रुपए मांगे गए, लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला'. जब उधार की रकम एक करोड़ के पास पहुंच गई तो अपना व्यापार बचाने के लिए पेट्रोल पंप संचालक ने उधार का खाता ही बंद कर दिया और इनामी योजना शुरू कर दी.

चुनावी माहौल में भाजपा इस मुद्दे पर सरकार को कंगाल बोल कर तंज तस कही है वही कांग्रेस इस मामले में जानकारी नहीं होने की बात कह रही है.

Intro:धमतरी में सरकारी उधार के भारी बोझ में लदे पेट्रोल पंप संचालक को अपने व्यापार का तरीका ही बदल देना पड़ा.एक तरफ सरकार सहित सभी के लिये उधार का खाता ही बंद कर दिया तो लोगो को नगदी खरीदी के लिये प्रेरित करने के लिये इनामी योजना शुरू कर दी.

Body:धमतरी के बीचो बीच सबसे पुराने फ्यूल स्टेशनो में से एक है धमतरी इंटर प्राईजेस यहां के मालिक अब्दुल रहमान.आज कल गाड़ियो में स्टीकर चिपकाते देखे जा सकते है.ये स्टीकर विज्ञापन है जिसमें पेट्रोल डीजल की नगदी खरीदी पर.इनाम और छूट दिये जाने की बातें लिखी है.अब्दुल रहमान ये सब खुशी से नहीं बल्कि मजबूरी में कर रहे है.दरअसल इस पेट्रोल पंप से सरकार के 18 विभाग तेल खरीदते है लेकिन इनमें से किसी ने बीते एक साल से तेल का पैसा ही नहीं चुकाया.आज सरकार इस पेट्रोल पंप को 80 लाख रूपय की देनदार है.

उधार के खाते में सबसे ज्यादा नगर निगम का 22 लाख रूपय बकाया है.बीते विधान सभा चुनाव फिर लोक सभा चुनाव के निर्वाचन शाखा पर एक लाख रूपये,खाद्य विभाग पर डेढ़ लाख रूपए जिला रजिस्ट्रार कार्यालय पर 25 हजार रूपये,शहर विकास विभाग पर 40 हजार रूपये,स्वच्छ भारत मिशन के एक लाख,पीएचई पर 2 लाख,सिंचाई विभाग पर 10 लाख,जिला पंचायत पर 2 लाख,बीते एक डेढ़ साल से इन विभागो को खत लिख लिख कर पैसे मांगे गए लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला.जब उधार की रकम एक करोड़ के पास पहुंच गई तो अपना व्यापार बचाने के लिये पेट्रोल पंप संचालक ने उधार का खाता ही बंद कर दिया और इनामी योजना शुरू कर दी.

व्यापार में उधार पर ब्याज भी लिया जाता है अगर 80 लाख का एक साल का ब्याज भी जोड़ दिया जाए तो शायद ये रकम दोगुनी हो जाएगी लेकिन यहां ब्याज छोड़िये मूल धन ही सरकार नहीं दे पा रही है.जिला प्रशासन भी. जब तक सरकार से पैसा नहीं आएगा तब तक आश्वासन ही दे सकता है.

इधर चुनावी माहौल में भाजपा इस मुद्दे पर सरकार को कंगाल बोल कर तंज तस कही है तो कांग्रेस इस मामले में जानकारी ही नहीं होने की बात कह रही है.

Conclusion:चुनाव है तो सियासत तो होगी ही लेकिन सरकार के विभागो में तेल का खर्च भारी भरकम होता है.अगर विभाग सही समय पर बिल का भुगतान नहीं हुआ तो आने वाले समय में शायद ही कोई व्यापारी सरकार को उधार देने का साहस कर पाएगा.

बाईट-1 अब्दुल रहमान, पेट्रोल पंप संचालक(कुर्सी में चश्मा पहने हुए)
बाईट-2 रजत बंसल, कलेक्टर धमतरी(कुर्सी में बैठे)
बाईट-3 बृजमोहन अग्रवाल,नेता भाजपा(गाड़ी के ऊपर)
बाईट-4 मोहन मरकाम, पीसीसी अध्यक्ष

रामेश्वर मरकाम,ईटीवी भारत,धमतरी

Last Updated : Dec 17, 2019, 11:45 PM IST
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