धमतरी: धमतरी से रायपुर के बीच बड़ी रेल लाइन बिछाने का काम जारी (Dhamtari Raipur big rail line laying case) है. ये लाइन धमतरी के विकास के सफर में एक मील का पत्थर साबित हो सकती है. लेकिन इस विकास की कीमत 70 से अधिक परिवारों को सड़क पर आकर चुकानी पड़ रही है.
पीड़ितों की निगम से गुहार: दरअसल, धमतरी में 70 परिवार ऐसे हैं, जो रेलवे की खाली पड़ी जमीन पर बरसों से रह रहे थे. लेकिन बड़ी लाइन का काम शुरू होने के बाद रेलवे अपनी जमीन से कब्जे खाली करवा रहा है. अब इन परिवारों के पास ऐसी कोई जगह नहीं है जहां ये जाकर बस सके. इतने पैसे भी नहीं कि जमीन खरीद कर घर बना सके. मजदूरी करने वाले इन लोगों ने सरकार से व्यवस्थापन की मांग की थी. सरकार ने भी इनके लिए एक अटल आवास का निर्माण करवाने का काम शुरू किया था. जो ठेकेदार के भाग जाने से अधर में अटका पड़ा है. आगे बरसात है और रेलवे के अफसर लगातार जमीन छोड़ने का दबाव बना रहे हैं. पीड़ित लोगों ने एक बार फिर से निगम से मदद की गुहार लगायी है.
पीड़ितों को सता रहा ये डर: इस कड़ी में बुधवार को रेलवे प्रभावित पीड़ित परिवार बड़ी संख्या में नगर निगम पहुंचे और महापौर से मदद की गुहार लगायी. मीडिया से बातचीत के दौरान पीड़ित परिवारों ने बताया कि बंद ए.एच.पी. का काम शुरू कराकर स्टेशन पारा वासियों का जल्द से जल्द व्यवस्थापन अतिआवश्यक है. बारिश का मौसम शुरू होने वाला है. स्टेशन पारा में सभी झुग्गी-झोपड़ी बनाकर रहते हैं. रेलवे प्रशासन बार-बार नोटिस देकर जगह खाली करने की बात कह रहा है. ऐसी स्थिति में लोग अपने परिवार लेकर कहां जाये यह चिंता सभी वार्ड वासियों को सता रहा है.
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नये आयुक्त के पदभार का इंतजार: इस विषय में निगम के सभापति का कहना है कि नये आयुक्त ने पदभार नहीं लिया है. महापौर किसी काम के सिलसिले में रायपुर गये हैं. रेलवे प्रभावित परिवार से आयुक्त और महापौर से क्या बात हुई है. यह उन्हें नहीं पता है. फिलहाल रेलवे प्रभावित परिवार को कहा गया है कि आयुक्त और महापौर आने के बाद उनसे मुलाकत किया जाये.