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धमतरी: यहां निजी नहीं सरकारी स्कूल में दाखिले की होड़, ये है वजह

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Published : May 12, 2019, 4:13 PM IST

सरकारी स्कूल में हो रही पढ़ाई और गतिविधियों से खुश होकर बच्चों के पालक अपने बच्चों को निजी स्कूल से निकाल सरकारी स्कूलों में भर्ती करा रहे हैं.

सरकारी स्कूल में दाखिले की होड़

धमतरी: आमतौर पर देखा जाता हा कि पेरेंट्स अपने बच्चों को मोटी फीस देकर निजी स्कूलों में दाखिला कराते है ताकि उनके बच्चे को अच्छी शिक्षा मिल सके, लेकिन जिले में इन दिनों कुछ अलग ही नजारा देखने को मिल रहा है. यहां पेरेंट्स अपने बच्चों को निजी स्कूलों से निकालकर सरकारी स्कूल में भर्ती करा रहे हैं. इसके पीछे कारण है स्कूलों में बेहतर शिक्षा के साथ विभिन्न गतिविधियों का संचालन होना.

सरकारी स्कूल में दाखिले की होड़

नए शिक्षण सत्र के लिए जिले के शासकीय प्राथमिक शाला मुजगहन में प्रवेश की तैयारियां चल रही है. विद्यालय के शिक्षक गांव सहित आस-पास क्षेत्रों में जनसंपर्क कर छात्रों को स्कूल लाने के लिए पालकों से लगातार मुलाकात कर रहे हैं और अपने स्कूल गतिविधियों को पालकों के सामने रख रहे हैं. स्कूल में पढ़ाई के स्तर और गतिविधियों से खुश होकर अन्य बच्चों के पालक अब खुद आगे आकर अपने बच्चों को निजी स्कूल से निकाल सरकारी स्कूलों में भर्ती करा रहे हैं.

सरकारी स्कूल में करीब 21 नए एडमिशन
बताया जा रहा है प्राथमिक शाला मुजगहन में पिछले साल कक्षा पहली से पांचवीं तक छात्रों की संख्या 138 थी, जिसमें से 26 विद्यार्थी प्राइवेट स्कूल से आए थे और इस बार भी तकरीबन 21 बच्चों का एडमिशन इस सरकारी स्कूल में हुआ है. जाहिर है कि पालक इस स्कूल के गतिविधियों से बेहद खुश है और शायद यही वजह है कि वे अपने बच्चों को सरकारी स्कूल में भर्ती करा रहे है.

बच्चों का हो रहा मानसिक और शैक्षणिक ग्रोथ
पालकों का कहना है कि वे उनके बच्चे पहले निजी स्कूल में पढ़ते थे लेकिन इतनी मोटी रकम देने के बाद भी पढ़ाई का स्तर सामान्य रहा. जबकि सरकारी स्कूल में इससे अच्छी पढ़ाई हो रही है इसके अलावा बच्चों में मानसिक और शैक्षणिक ग्रोथ भी बढ़ रहा है साथ ही पैसों की बचत भी हो रही है. स्कूल शिक्षकों का कहना है कि पिछले 4 सालों से स्कूल में विभिन्न गतिविधियों का संचालन किया जा रहा है. उनका कहना है कि वे लगातार गांव में सर्वे करते हैं और पालकों को स्कूल में हो रहे तमाम गतिविधियों की जानकारी देते है. लिहाजा लोग अब स्वेच्छा से अपने बच्चों को स्कूल में भर्ती करा रहे हैं.

जिला शिक्षा अधिकारी ने बताया कि बच्चों को शिक्षा गुणवत्ता देना शासन की मंशा है और शिक्षा विभाग इसके लिए लगातार प्रयास कर रही है. जिस तरह से बच्चे सरकारी स्कूल में दाखिला ले रहे है वह टीचर की मेहनत और शासन से मिलने वाली सुविधाओं का नतीजा है. सरकारी स्कूलों में सभी सुविधाएं निःशुल्क मिलती है जिससे पालकों पर आर्थिक भार नहीं पड़ता, जिसे अब पालक समझ रहे हैं.

धमतरी: आमतौर पर देखा जाता हा कि पेरेंट्स अपने बच्चों को मोटी फीस देकर निजी स्कूलों में दाखिला कराते है ताकि उनके बच्चे को अच्छी शिक्षा मिल सके, लेकिन जिले में इन दिनों कुछ अलग ही नजारा देखने को मिल रहा है. यहां पेरेंट्स अपने बच्चों को निजी स्कूलों से निकालकर सरकारी स्कूल में भर्ती करा रहे हैं. इसके पीछे कारण है स्कूलों में बेहतर शिक्षा के साथ विभिन्न गतिविधियों का संचालन होना.

सरकारी स्कूल में दाखिले की होड़

नए शिक्षण सत्र के लिए जिले के शासकीय प्राथमिक शाला मुजगहन में प्रवेश की तैयारियां चल रही है. विद्यालय के शिक्षक गांव सहित आस-पास क्षेत्रों में जनसंपर्क कर छात्रों को स्कूल लाने के लिए पालकों से लगातार मुलाकात कर रहे हैं और अपने स्कूल गतिविधियों को पालकों के सामने रख रहे हैं. स्कूल में पढ़ाई के स्तर और गतिविधियों से खुश होकर अन्य बच्चों के पालक अब खुद आगे आकर अपने बच्चों को निजी स्कूल से निकाल सरकारी स्कूलों में भर्ती करा रहे हैं.

सरकारी स्कूल में करीब 21 नए एडमिशन
बताया जा रहा है प्राथमिक शाला मुजगहन में पिछले साल कक्षा पहली से पांचवीं तक छात्रों की संख्या 138 थी, जिसमें से 26 विद्यार्थी प्राइवेट स्कूल से आए थे और इस बार भी तकरीबन 21 बच्चों का एडमिशन इस सरकारी स्कूल में हुआ है. जाहिर है कि पालक इस स्कूल के गतिविधियों से बेहद खुश है और शायद यही वजह है कि वे अपने बच्चों को सरकारी स्कूल में भर्ती करा रहे है.

बच्चों का हो रहा मानसिक और शैक्षणिक ग्रोथ
पालकों का कहना है कि वे उनके बच्चे पहले निजी स्कूल में पढ़ते थे लेकिन इतनी मोटी रकम देने के बाद भी पढ़ाई का स्तर सामान्य रहा. जबकि सरकारी स्कूल में इससे अच्छी पढ़ाई हो रही है इसके अलावा बच्चों में मानसिक और शैक्षणिक ग्रोथ भी बढ़ रहा है साथ ही पैसों की बचत भी हो रही है. स्कूल शिक्षकों का कहना है कि पिछले 4 सालों से स्कूल में विभिन्न गतिविधियों का संचालन किया जा रहा है. उनका कहना है कि वे लगातार गांव में सर्वे करते हैं और पालकों को स्कूल में हो रहे तमाम गतिविधियों की जानकारी देते है. लिहाजा लोग अब स्वेच्छा से अपने बच्चों को स्कूल में भर्ती करा रहे हैं.

जिला शिक्षा अधिकारी ने बताया कि बच्चों को शिक्षा गुणवत्ता देना शासन की मंशा है और शिक्षा विभाग इसके लिए लगातार प्रयास कर रही है. जिस तरह से बच्चे सरकारी स्कूल में दाखिला ले रहे है वह टीचर की मेहनत और शासन से मिलने वाली सुविधाओं का नतीजा है. सरकारी स्कूलों में सभी सुविधाएं निःशुल्क मिलती है जिससे पालकों पर आर्थिक भार नहीं पड़ता, जिसे अब पालक समझ रहे हैं.

Intro:आमतौर पालक अपने बच्चों को मोटी फीस देकर निजी स्कूलों में दाखिला कर आते है ताकि बच्चे को अच्छी शिक्षा मिल सके.लेकिन छत्तीसगढ़ के धमतरी में इन दिनों कुछ अलग माजरा देखने को मिल रहा है यहां उल्टे ही निजी स्कूलों से बच्चों को निकालकर पालक अब सरकारी स्कूल में भर्ती करा रहे है.इसके पीछे इन स्कूलों में बेहत्तर शिक्षा के साथ विभिन्न गतिविधियाँ का संचालन होना है.मौजूदा स्थिति में पालक अब स्वयं होकर सरकारी स्कूल की ओर रुख कर रहे है और निजी स्कूलों से बच्चों को लाकर दाखिला करा रहे है.


Body:बता दे कि नए शिक्षण सत्र के लिए जिले के शासकीय प्राथमिक शाला मुजगहन में प्रवेश की तैयारियां चल रही है.विद्यालय के शिक्षक गांव सहित आसपास क्षेत्रों में जनसंपर्क कर छात्रों को स्कूल लाने पालकों से लगातार मुलाकात कर रहे है और अपने स्कूल गतिविधियों को पालकों के सामने रख रहे है.पालक स्कूल में पढ़ाई के स्तर और गतिविधियों से खुश होकर अन्य बच्चों के पालक अब खुद होकर अपने बच्चों को स्कूल में भर्ती करा रहे है.

बताया जा रहा है प्राथमिक शाला मुजगहन में पिछले साल कक्षा पहली से पांचवी तक संख्या 138 में 26 विद्यार्थी प्राइवेट स्कूल से आए थे और इस बार भी तकरीबन 21 बच्चों का एडमिशन इस सरकारी स्कूल में हुआ है.जाहिर है कि पालक इस स्कूल के गतिविधियों से बेहद खुश है और शायद यही वजह है कि वे अपने बच्चों को सरकारी स्कूल में भर्ती करा रहे है.

पालकों का कहना है कि वे उसके बच्चे पहले निजी स्कूल में पढ़ते थे लेकिन इतनी मोटी रकम देने के बाद भी पढ़ाई का स्तर सामान्य रहा और जबकि सरकारी स्कूल में इससे अच्छी पढ़ाई हो रही है इसके अलावा बच्चों में मानसिक और शैक्षणिक ग्रोथ भी बढ़ रहा है साथ ही पैसों की बचत भी हो रही है.

बाईट_मनीषा गोस्वामी,पालक

स्कूल शिक्षकों का कहना है कि पिछले 4 सालों से स्कूल में नवाचार सहित विभिन्न गतिविधियों का संचालन किया जा रहा है. इसी वजह से गांव में पाठकों का विश्वास जगा है वे लोगों की मानसिकता को तोड़ने में कामयाब हुए है.मौजूदा वक्त में पालक स्कूल की गतिविधियों से प्रसन्न है जबकि निजी स्कूलों में पैसा देने के बाद भी पढ़ाई इतनी अच्छी नहीं होती.उनका कहना है कि वह लगातार गांव में सर्वे करते हैं और पालकों को स्कूल में हो रहे तमाम गतिविधियों की जानकारी देते है.लिहाजा लोग अब स्वेच्छा से अपने बच्चों को स्कूल में भर्ती करा रहे है.

बाईट_दीनबन्धु साहू,स्कूल टीचर

इधर जिला शिक्षा अधिकारी का कहना है कि बच्चों को शिक्षा गुणवत्ता देना शासन की मंशा है और शिक्षा विभाग इसके लिए लगातार प्रयास कर रही है.जिस तरह ही बच्चे सरकारी स्कूल में दाखिला ले रहे है वह टीचर की मेहनत और शासन से मिलने वाली सुविधाओं का नतीजा है.सरकारी स्कूलों में सभी चीजें निःशुल्क मिलती है जिससे पालकों को आर्थिक भार नहीं पड़ता जिसे अब पालक समझ रहे है.वही पालकों की अपेक्षा के मुताबिक सरकारी शिक्षकों उपलब्ध है.

बाईट_टी.के.साहू,जिला शिक्षाधिकारी धमतरी


Conclusion:बहरहाल निजी स्कूलों में अच्छी पढ़ाई की सोच रखकर चलने वालों लोगो के लिए इस तरह के स्कूल मिसाल है.उम्मीद है कि टीचरों और शासन के इस तरह प्रयास से अन्य सरकारी स्कूलों का स्तर ऊँचा होगा.

रामेश्वर मरकाम धमतरी
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