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धमतरी: बच्चों के निवाले पर कांटा मार रहे शिक्षक और रसोइया, अभिभावकों ने की शिकायत - मध्याह्न भोजन

छत्तीसगढ़ सरकार एक ओर जहां शिक्षा को बढ़ाने के लिए करोड़ों रुपये पानी में बहा रही है, ताकि बच्चों का भविष्य उज्जवल हो, लेकिन शिक्षा विभाग में जिम्मेदारों की लापरवाही के कारण सरकारी योजनाएं धूल चाट रही हैं. कोरोना काल में बच्चों को सूखा राशन दिया जाना था, लेकिन जिम्मेदारों ने बच्चों के निवाला पर कांटा मार दिया.

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बच्चों के निवाले पर कांटा मार रहे शिक्षक और रसोइया
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Published : Nov 8, 2020, 2:35 AM IST

Updated : Nov 8, 2020, 6:11 AM IST

धमतरी: छत्तीसगढ़ सरकार एक ओर जहां शिक्षा को बढ़ाने के लिए करोड़ों रुपये पानी में बहा रही है, ताकि बच्चों का भविष्य उज्जवल हो, लेकिन अछोटा गांव के प्राथमिक शाला में बच्चों के निवाला पर कांटा मारने का मामला सामने आया है. कोरोना संक्रमण के कारण अभी शासकीय सहित निजी स्कूल महीनों से बंद हैं. ऐसे में शासकीय स्कूल में पढने वाले प्राथमिक और मीडिल स्कूल के बच्चों को शासन-प्रशासन के निर्देशन में स्कूल में बुलाकर तीन महीने का सूखा राशन दिया जाना है, लेकिन बच्चों को मिलने वाले राशन पर डाका डाला जा रहा है.

बच्चों के निवाले पर कांटा मार रहे शिक्षक और रसोइया

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मामला प्राथमिक शाला अछोटा का है. जंहा अभिभावकों का आरोप है कि मध्याह्न भोजन के लिए तय मात्रा से बच्चों को कम राशन दिया जा रहा था. वहीं शिकायत के बाद शिक्षा विभाग की टीम जांच के लिए स्कूल पहुंची, तो जांच के बाद जिला प्रशासन कार्रवाई की बात कह रही है.

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अभिभावकों ने किया शिक्षकों के खिलाफ हंगामा

बता दें कि राशन वितरण करने वाले महिला स्व सहायता समूह और शिक्षकों पर आरोप लगा है. छात्रों के परिजनों ने बच्चों को कोरोना काल में कम राशन देने का आरोप लगाया है. इसे लेकर अभिभावकों ने महिला स्व सहायता समूह और शिक्षकों के खिलाफ हंगामा भी किया था. अभिभावकों के हंगामे के बाद शिक्षा विभाग की टीम जांच के लिए स्कूल पहुंची, जिसके बाद राशन वितरण कर रहे स्व सहायता समूह की रसोईया ने पूरा राशन वितरण किया. फिलहाल जिम्मेदारों पर कार्रवाई की बात कही जा रही है.

धमतरी: छत्तीसगढ़ सरकार एक ओर जहां शिक्षा को बढ़ाने के लिए करोड़ों रुपये पानी में बहा रही है, ताकि बच्चों का भविष्य उज्जवल हो, लेकिन अछोटा गांव के प्राथमिक शाला में बच्चों के निवाला पर कांटा मारने का मामला सामने आया है. कोरोना संक्रमण के कारण अभी शासकीय सहित निजी स्कूल महीनों से बंद हैं. ऐसे में शासकीय स्कूल में पढने वाले प्राथमिक और मीडिल स्कूल के बच्चों को शासन-प्रशासन के निर्देशन में स्कूल में बुलाकर तीन महीने का सूखा राशन दिया जाना है, लेकिन बच्चों को मिलने वाले राशन पर डाका डाला जा रहा है.

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मामला प्राथमिक शाला अछोटा का है. जंहा अभिभावकों का आरोप है कि मध्याह्न भोजन के लिए तय मात्रा से बच्चों को कम राशन दिया जा रहा था. वहीं शिकायत के बाद शिक्षा विभाग की टीम जांच के लिए स्कूल पहुंची, तो जांच के बाद जिला प्रशासन कार्रवाई की बात कह रही है.

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बता दें कि राशन वितरण करने वाले महिला स्व सहायता समूह और शिक्षकों पर आरोप लगा है. छात्रों के परिजनों ने बच्चों को कोरोना काल में कम राशन देने का आरोप लगाया है. इसे लेकर अभिभावकों ने महिला स्व सहायता समूह और शिक्षकों के खिलाफ हंगामा भी किया था. अभिभावकों के हंगामे के बाद शिक्षा विभाग की टीम जांच के लिए स्कूल पहुंची, जिसके बाद राशन वितरण कर रहे स्व सहायता समूह की रसोईया ने पूरा राशन वितरण किया. फिलहाल जिम्मेदारों पर कार्रवाई की बात कही जा रही है.

Last Updated : Nov 8, 2020, 6:11 AM IST
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