धमतरी : जनपद पंचायत में करीब 1 साल से चल रहा सियासी खींचतान शुक्रवार को अविश्वास प्रस्ताव पास होने के बाद खत्म हो गया. सभी 25 सदस्यों ने इसमे मतदान किया. जिसमें 23 प्रस्ताव के पक्ष में और 2 वोट विरोध में पड़े. इसी के साथ गुंजा साहू को अध्यक्ष का पद छोड़ना पड़ा. जबकि उपाध्यक्ष अवनेंद्र साहू ने मतदान से पहले ही धमतरी कलेक्टर को अपना इस्तीफा सौंप दिया था. इस तरह से जनपद के अध्यक्ष और उपाध्यक्ष दोनों ने ही अपनी कुर्सी गंवा दी है.
क्या है जनपद पंचायत का गणित : बता दें कि जनपद के 25 सदस्यों में से 13 बीजेपी समर्थित है. जबकि 12 कांग्रेस समर्थित हैं. जनपद पंचायत में अध्यक्ष कांग्रेस और उपाध्यक्ष बीजेपी का था. इन दोनों के खिलाफ 19 सदस्यों ने अविश्वास प्रस्ताव लाया. 19 लोगों में बीजेपी और कांग्रेसी दोनों शामिल थे. इसलिए इस प्रस्ताव का पास होना लगभग तय माना जा रहा था.
क्यों गई दोनों की कुर्सी : भाजपा और कांग्रेस दोनों अपने सदस्यों को समझाने के लिए बैठकें बुलाते रहे. लेकिन बागी सदस्य बीते 4 दिन तक अज्ञातवास पर रहे और पार्टी की बैठकों से दूरी बनाए रखी. 10 फरवरी को सभी एक साथ स्थानीय मंगल भवन में इकट्ठे हुए और रैली की शकल में जनपद पहुंचे और मतदान में हिस्सा लिया. बागियों ने आरोप लगाया कि अध्यक्ष और उपाध्यक्ष ने मिलकर बाकी सदस्यों से भेदभाव किया. 15वें वित्त आयोग की राशि के आवंटन को लेकर भी भेदभाव किया गया.
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कौन बनेगा अगला अध्यक्ष : वहीं पद गंवाने के बाद पूर्व अध्यक्ष और उपाध्यक्ष ने तमाम आरोपों को गलत बताया और अपनी हार स्वीकार की.अब कायदों के मुताबिक नए अध्यक्ष और उपाध्यक्ष का चुनाव आगामी 7 दिनों में करना है. माना जा रहा है कि धमतरी जनपद में कब्जे के लिए अब बीजेपी और कांग्रेस के बीच सियासी रेस शुरू होगी.