धमतरी: गरीब परिवारों को एक अदद आशियाना मिल सके इसे लेकर प्रधानमंत्री आवास योजना की शुरूआत की गई थी. लेकिन धमतरी में इस योजना का मकसद चकनाचूर होता दिख रहा है. क्योंकि इस योजना में पंचायत अधिकारियों की मनमानी से लोग परेशान हैं. एक गरीब परिवार का आरोप है कि पंचायत अधिकारियों की मनमानी की वजह से उसे इस योजना का लाभ नहीं मिल पाया.
दरअसल मामला कुरूद ब्लॉक के बगदेही गांव का है यहां रहने वाले करण ढीमर और उनका परिवार मजदूरी कर अपना जीवन गुजर-बसर करते हैं. घर मिट्टी से बना हुआ है और काफी जर्जर हालात में है. बरसात के दिनों में इन्हें काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. जर्जर हालात में होने की वजह से यह मकान कई बार धसकते रहा है. कुछ दिन पहले इनका मिट्टी का मकान धंस गया था. जिसमें परिवार के लोग बाल-बाल बचे. लिहाजा इस परिवार ने पक्के आवास के लिए पंचायत से गुहार लगाई. इसके अलावा प्रशासन से प्रधानमंत्री योजना आवास योजना का लाभ दिलाने की मांग की लेकिन इस परिवार की फरियाद पंचायत अधिकारियों ने नहीं सुनी. जिसकी वजह से इन्हें खेत बेचकर घर बनाने को मजबूर होना पड़ा.
खेत बेचकर घर बनाने को मजबूर हितग्राही
गरीबी में जी रहे इस परिवार की जब सारी उम्मीदें टूट गई तो उन्हें अपनी आजीविका का एकमात्र साधन यानि खेत को बेचना पड़ा. और उससे मिले पैसे से घर बनवाने को मजबूर होना पड़ा. पीड़ित परिवार का आरोप है कि पंचायत के अधिकारी उन पर लगातार अपने मौजूदा घर को छोड़कर दूसरी जगह पर मकान बनाने का दवाब डाल रहे हैं. और परिवार मौजूदा जगह पर ही पक्का मकान बनाना चाहता है.
नहीं मिल रहा गरीबों को लाभ
इस परिवार का कहना है कि पंचायत भवन नजदीक होने के कारण उन्हें वहां से हटाए जाने के लिए पंचायत लगातार दबाव बना रही है. और शायद इसी वजह से उन्हें योजना का लाभ नहीं दिया जा रहा है. उनका कहना है कि दूसरी जगह मकान बनाने पर पंचायत प्रतिनिधि उन्हें आवास योजना का लाभ दिलाने की बात कह रहे है. फिलहाल इस मामले में पंचायत प्रतिनिधि ने कुछ कहने से इनकार कर दिया है. तो वहीं जिला प्रशासन जांच के बाद उचित कार्रवाई का भरोसा दिला रहे हैं. एक तरफ प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ ऐसे लोगों को भी दिया जा रहा है जो घर से संपन्न हैं. जिनके पास सारी सुविधा उपलब्ध है तो, वहीं दूसरी ओर कई गरीब परिवारों को पंचायत प्रतिनिधियों की मनमानी के चलते केंद्र सरकार की इस महत्वाकांक्षी योजना से वंचित होना पड़ रहा है.