धमतरी: छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर पर किसका कब्जा होगा और यहां का महापौर कौन होगा इसकी रस्साकशी तेज हो गई है. हालांकि रायपुर के 6 निर्दलीय पार्षदों ने जिस तरह से मुख्यमंत्री से मिलकर कांग्रेस को समर्थन की घोषणा की है, उसके बाद कांग्रेस के पास कुल 40 पार्षद हो जाते हैं. जो बहुमत के आंकड़े से 4 ज्यादा है. लेकिन इसके बावजूद कांग्रेसियो में ही फूट की आशंका खत्म नहीं हुई है. शायद यही वजह है कि पार्टी ने अपने सभी पार्षदों को रायपुर से बाहर धमतरी के गंगरेल बांध के पास होटल में शिफ्ट कर दिया गया था. अब देर शाम कांग्रेस पार्षद धमतरी से लौट आए हैं. मेयर चुनने के लिए आज फिर रात को कांग्रेस पार्षदों की बैठक होगी. एक निजी होटल में सभी कांग्रेसी पार्षद रोके गए हैं. मेयर चुनाव के कांग्रेसी पर्यवेक्षक बैजनाथ चंद्राकर बैठक लेने पहुंचे हैं. विधायक सत्यनारायण शर्मा विकास उपाध्याय और बैजनाथ चंद्राकर की मौजूदगी में पार्षदों की बैठक होगी.
शनिवार की रात सभी 34 कांग्रेसी पार्षद दो बसो में सवार होकर गंगरेल के बरदिहा रिसॉर्ट पहुंचे हैं. इनके देखरेख के लिये कांग्रेस हाई कमान ने वरिष्ठ नेता सत्यनारायण शर्मा, रायपुर विधायक विकास उपाध्याय को जिम्मा सौंपा है. कई पार्षदों के साथ उनका परिवार भी पहुंचा है. इस तरह से कुल 50 लोगों का दल धमतरी में डेरा डाले हुए थे.
महापौर के लिए कोई रायशुमारी नहीं: पार्षद
हमने कुछ पार्षदों से बात की तो सभी ने कहा कि 'महापौर के लिये हमसे कोई रायशुमारी नहीं की गई है'. जैसा पार्टी का निर्णय होगा वही सभी को मान्य होगा. इधर नेताओं ने दावा किया है कि रायपुर में भी जगदलपुर और राजनांदगांव की तरह भाजपा हमसे मात खाएगी.