धमतरी: पुलिस की लगातार कार्रवाई से बौखलाए नक्सली लोगों में दहशत फैलाने के लिए लगातार किसी न किसी कायराना करतूत को अंजाम देने में लगे हुए हैं. नक्सली लगातार पुलिस की नाक के नीचे मुखबिरी के शक में ग्रामीणों की हत्या कर रहे हैं.
नक्सलियों ने मुखबिरी के शक में रिसगांव क्षेत्र के करही ग्राम पंचायत के सरपंच पति नीरेश कुमार कुंजाम का अपहरण कर हत्या कर दिया है. नक्सलियों ने पहले मुखबिरी के शक में सरपंच पति का अपहरण किया था. इसके बाद धारदार हथियार से उसकी हत्या कर दी. इस वारदात के बाद इलाके में दशहत का माहौल है.
![Naxalites murdered sarpanch husband in suspicion of police informer in dhamtari](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/cg-dmt-sihawa-naxali-v-cgc10017_03112020135330_0311f_1604391810_199.jpg)
ग्रामीणों ने पुलिस को दी सूचना
मंगलवार की सुबह ग्रामीणों ने पास के ही गांव उजरावन के जंगल में सरपंच के पति नीरेश कुमार कुंजाम का शव देखा. इसके बाद ग्रामीणों ने इसकी सूचना पुलिस को दी. जानकारी मिलते ही मौके पर पहुंची पुलिस ने शव को अपने कब्जे में ले लिया है. पुलिस को शव के पास नक्सली पर्चा भी मिला है, जिसमें नक्सलियों ने सरपंच पति पर मुखबिरी का आरोप लगाया है. साथ ही कहा है कि सरपंच पति पुलिस से सांठगांठ कर उनके ऊपर हमले करा रहा था. फिलहाल पुलिस मामले की जांच में जुट गई है.
नक्सलियों ने दी चेतावनी
नक्सलियों ने चेतावनी दी है कि गांव का कोई भी व्यक्ति अगर मुखबिरी करता है तो उन्हें जन अदालत लगाकर सजा दी जाएगी. फिलहाल पुलिस ने घटना के बाद इलाके में सर्चिंग तेज कर दी है.
कुटरू में की थी एक सहायक आरक्षक की हत्या
कुटरू में एक सहायक आरक्षक की हत्या के बाद नक्सली लगातार आमजनों को मौत के घाट उतार रहे हैं. कहीं ग्रामीणों की पुलिस मुखबिरी के नाम पर हत्या तो कहीं रोड बनाने पर ठेकेदारों की हत्या की जा रही है. बीते एक महीने के अंदर जिले में ग्रामीणों की हत्या की भयावह तस्वीर लगातार सामने आ रही है. इस हिंसा को जुड़ूम के पहले दौर के हिंसा के रूप में देखा जा रहा है. घटना के बाद क्षेत्र में दहशत का माहौल बना हुआ है, जिसकी वजह से लोग गांव से बाहर नहीं जा पा रहे हैं. नक्सलियों की कायराना करतूत के बाद ग्रामीणों में दहशत बना हुआ है. प्रदेश में आए दिन पुलिस मुखबिरी के शक पर नक्सली ग्रामीणों की हत्या कर रहे हैं.
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5 साल में नक्सली हिंसा में 1000 लोगों की गई जान
पिछले 5 साल में प्रदेशभर में नक्सली हिंसा में 1000 लोगों की जान जा चुकी है. इनमें 314 आम लोग भी शामिल हैं. इनका नक्सल आंदोलन से कोई लेना-देना नहीं था. वहीं 220 जवान शहीद हुए हैं, साथ ही 466 नक्सली भी मुठभेड़ में मारे गए हैं.