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अंडा देने को तो तैयार सरकार, लेकिन नहीं बढ़ाया फंड

भूपेश सरकार ने मध्यान्ह भोजन के मेन्यू में बदलाव करते हुए बच्चों को अंडा देने का आदेश जारी किया है. लेकिन जिले में नए मेनू के साथ फंड में कोई बदलाव नहीं किया गया है. इसके साथ ही आंगनबाड़ी केंद्रों के माध्यम से गर्भवती और शिशुवती माताओं को भी सुपोषण दिए जाने का ऐलान किया गया है.

मध्यान्ह भोजन का मेन्यू बदला लेकिन फंड नही
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Published : Sep 27, 2019, 2:52 PM IST

धमतरीः मीड-डे मिल योजना के तहत सभी सरकारी स्कूलों के प्राथमिक और मीडिल क्लास में पढ़ने सभी बच्चों को मध्यान्ह भोजन दिया जाता है. जिससे बच्चों में कुपोषण की वजह से होने वाली बीमारियों का रोकथाम किया जा सके.

मध्यान्ह भोजन का मेन्यू बदला लेकिन फंड नही

राज्य सरकार ने हाल ही में मध्यान्ह भोजन के मेनू में बदलाव करते हुए बच्चों को अंडा देने का आदेश जारी किया है. लेकिन जिले में नए मेनू के साथ फंड में कोई बदलाव नहीं किया गया है. इसके साथ ही भूपेश सरकार ने आंगनबाड़ी केंद्रों के माध्यम से गर्भवती महिलाओं के साथ शिशुवती माताओं को भी सुपोषण दिए जाने का ऐलान किया है.

सीएम सुपोषण योजना की शुरुआत
कलेक्टर रजत बंसल ने बताया कि जिले में 2 अक्टूबर से सीएम सुपोषण योजना की शुरुआत की जा रही है. जिसके तहत जिले के अलग-अलग जगहों का निरीक्षण कर पांइट आउट किया गया है. जिससे उन क्षेत्रों में गर्भवती और शिशुवती माताओं को अंडा, दूध या सोयाबिन जैसे सप्लिमेंट पोषक आहार दिए जाएंगे.

फंड जारी नहीं किया गया
सरकारी स्कूलों के बच्चो को मध्यान्ह भोजन में अंडा परोसने का मामला भले ही वर्तमान में सियासी मुद्दा बना है. लेकिन पहली बार इसका आदेश 2016 में भाजपा शासन के दौरान दिया गया था. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के हवाले से सभी जिला प्रशासन को स्कूलों में अंडा, दूध या अन्य पोषण युक्त आहार दिया जाने का आदेश जारी किया था. प्रदेश की नई सरकार ने इस फैसले को एक बार फिर लागू किया है, लेकिन अभी तक फंड जारी नहीं किया है.

पढ़ेः-Exciusive: सुनिए उपचुनाव के नतीजे देख क्या बोले मंत्री कवासी लखमा

इधर अंडे पर सियासत का दौर जारी है. कांग्रेस जहां इसमें चुनाव जीतने का फंडा देखती है, तो भाजपा विचारों का सम्मान करने की बात करती है. सरकारी अंडे से बच्चों का पोषण होगा या नहीं ये पता नहीं लेकिन नेता अपनी राजनीति की सेहत जरूर दुरूस्त करने की फिराक में है.

धमतरीः मीड-डे मिल योजना के तहत सभी सरकारी स्कूलों के प्राथमिक और मीडिल क्लास में पढ़ने सभी बच्चों को मध्यान्ह भोजन दिया जाता है. जिससे बच्चों में कुपोषण की वजह से होने वाली बीमारियों का रोकथाम किया जा सके.

मध्यान्ह भोजन का मेन्यू बदला लेकिन फंड नही

राज्य सरकार ने हाल ही में मध्यान्ह भोजन के मेनू में बदलाव करते हुए बच्चों को अंडा देने का आदेश जारी किया है. लेकिन जिले में नए मेनू के साथ फंड में कोई बदलाव नहीं किया गया है. इसके साथ ही भूपेश सरकार ने आंगनबाड़ी केंद्रों के माध्यम से गर्भवती महिलाओं के साथ शिशुवती माताओं को भी सुपोषण दिए जाने का ऐलान किया है.

सीएम सुपोषण योजना की शुरुआत
कलेक्टर रजत बंसल ने बताया कि जिले में 2 अक्टूबर से सीएम सुपोषण योजना की शुरुआत की जा रही है. जिसके तहत जिले के अलग-अलग जगहों का निरीक्षण कर पांइट आउट किया गया है. जिससे उन क्षेत्रों में गर्भवती और शिशुवती माताओं को अंडा, दूध या सोयाबिन जैसे सप्लिमेंट पोषक आहार दिए जाएंगे.

फंड जारी नहीं किया गया
सरकारी स्कूलों के बच्चो को मध्यान्ह भोजन में अंडा परोसने का मामला भले ही वर्तमान में सियासी मुद्दा बना है. लेकिन पहली बार इसका आदेश 2016 में भाजपा शासन के दौरान दिया गया था. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के हवाले से सभी जिला प्रशासन को स्कूलों में अंडा, दूध या अन्य पोषण युक्त आहार दिया जाने का आदेश जारी किया था. प्रदेश की नई सरकार ने इस फैसले को एक बार फिर लागू किया है, लेकिन अभी तक फंड जारी नहीं किया है.

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इधर अंडे पर सियासत का दौर जारी है. कांग्रेस जहां इसमें चुनाव जीतने का फंडा देखती है, तो भाजपा विचारों का सम्मान करने की बात करती है. सरकारी अंडे से बच्चों का पोषण होगा या नहीं ये पता नहीं लेकिन नेता अपनी राजनीति की सेहत जरूर दुरूस्त करने की फिराक में है.

Intro:सरकार ने मध्यान्ह भोजन में अंडा देने के आदेश तो जारी कर दिये है लेकिन इसके लिये धमतरी में कोई अलग से फंड नहीं दिया जा रहा है.इसके लिये पहले से जो प्रति छात्र राशि आवंटित हो रही है उसी मद से अंडे का प्रबंध किया जा रहा है.हालांकि अंडा वितरण के संबंध में कोई आंकड़ा जिला प्रशासन के पास नही है लेकिन नेता इस मामले में अपनी राजनीति का पोषण जरूर कर रहे है.

Body:सरकारी स्कूलो के बच्चो को मध्यान्ह भोजन में अंडा परोसने का मामला भले ही आज सियासी मुद्दा हो लेकिन बता दें कि ये आदेश पहली बार 2016 में भाजपा शासन के दौरान ही दिये गए थे.सुप्रीम कोर्ट के आदेश के हवाले से सभी जिला प्रशासन को ये आदेश दिया गया था. जिसमें साफ लिखा है कि बच्चो को उचित पोषण देने के लिये अंडा या दूध या इनके समकक्ष आहार दिया जाए. प्रदेश की नई सरकार ने इसी फैसले को ऐलानिया लागू किया और इसी से विवाद उठा.धमतरी में स्कूलो की समितियो को ये सुविधा दी गई है कि बच्चो या उनके पालको की सहमति से ही उन्हे अंडा परोसा जाए.इस मामले मे ताजा आदेश बस इतना ही है कि स्कूल में अंडा परोसने और पकाने को शाकाहारी भोजन से बिल्कुल अलग रखा जाए.तो एक बात यहां साफ है कि अंडा पहले से ही मध्यान्ह भोजन के मेनु का वैकल्पिक अंग है.रही बात इसके लिये फंड की तो यहां सरकार एक भी पैसा अंडे के नाम पर अलग से जारी नहीं करती जो राशि प्रति छात्र पहले से जारी हो रही है उसी में अंडे का प्रबंध करने का आदेश है.

मध्यान्ह भोजन के खर्च की व्यवस्था सरकार प्रति छात्र के हिसाब से करती है जिस जिले में जितने छात्र है उतनी राशि शिक्षा विभाग को जारी की जाती है जहां से ये समितियो के खाते में जाती है.प्राथमिक शाला के बच्चो के लिये 4 रूपये 82 पैसे प्रति छात्र, प्रतिदिन जारी होते है.इसमें से 2 रूपये 21 पैसे राज्य शासन और बाकी 2 रूपये 61 पैसे केंद्र शासन वहन करती है.वहीं मिडिल स्कूलो के लिये ये राशि 6 रूपये 51 पैसे मात्र है जिसमें से 2 रूपय 60 पैसे राज्य शासन और बाकी 3 रूपये 91 पैसे केंद्र शासन देता है.ये भी बताना महत्वपूर्ण है कि इसी राशि से मध्यान्ह भोजन को पकाने के लिये ईंधन बर्तन,मसाला,दूध,पापड़,सोयाबीन बड़ी,अंडा,दाल, सब्जी वगैरह खरीदना होता है वही चावल प्राथमिक शाला में 100  ग्राम प्रति ग्राम प्रतिदिन और मिडिल में 150 ग्राम प्रतिदिन के हिसाब से अलग से जारी होता है.अब अंडे को मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान में भी लिया जा रहा है जिसमें महिला एवं बाल विकास विभाग के जरिये आंगनबाड़ी के बच्चो को अंडा परोसा जाएगा.इस अभियान की शुरूआत धमतरी में 2 अक्टूबर से होगी. कलेक्टर सहित जिला प्रशासन के अधिकारी अपने वेतन का हिस्सा इसके लिये दे रहे है.

Conclusion:इधर अंडे पर सियासत का दौर जारी है कांग्रेस जहां इसमें चुनाव जीतने का फंडा देखती है तो भाजपा विरोधियो के विचारो का सम्मान करने की बात करती है.फिलहाल अंडा अगर परोसा जा भी रहा है तो दूरदराज के वन क्षेत्रीय गांवो में परोसा जा रहा है.आशंका है कि जब ये शहरी क्षेत्र के स्कूलो में शुरू होगा तब इस पर बवाल भी होगा और सियासत भी होगी.सरकारी अंडे से बच्चो का पोषण होगा या नहीं ये पता नहीं लेकिन नेता अपनी राजनीति की सेहत जरूर दुरूस्त करने की फिराक में है.

बाईट_01 रजत बंसल,कलेक्टर धमतरी
बाईट_02 चुन्नी लाल साहू,सांसद महासमुंद लोकसभा
बाईट_03 कवासी लखमा,मंत्री छग शासन

रामेश्वर मरकाम,ईटीवी भारत,धमतरी

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