ETV Bharat / state

मजदूरी कर मां ने अपनी बेटियों को बनाया बाल बैडमिंटन की नेशनल खिलाड़ी

धमतरी के कुरूद ब्लॉक के परखंदा गांव में रहनी वाली दो मांओं ने खुद संघर्ष कर अपनी बेटियों को नेशनल लेवल की बैडमिंटन खिलाड़ी बनाया है. बाल बैडमिंटन की नेशनल खिलाड़ी भूमिका और टिकेश्वरी के पिता नहीं हैं, लेकिन दोनों अपनी मां की मेहनत से अपने सपनों को जी रही है.

author img

By

Published : May 11, 2020, 2:47 PM IST

mothers-fulfill-their-daughters-dream
मदर्स डे पर इन माओं ने बेटियों के सपने को दी उड़ान

धमतरी: मां अपने आप में पूरा संसार होती है. मां को इंसान के रूप में भगवान का दर्जा दिया गया है. इस मातृ दिवस पर हम आपको ऐसी दो मांओं मिला रहे हैं, जिन्होंने अपने सपनों को त्याग कर अपनी बेटियों को नेशनल लेवल की बैडमिंटन खिलाड़ी बनाया और आज ये बेटियां अपने खेल से जिले और राज्य का नाम रोशन कर रही हैं.

मदर्स डे पर इन माओं ने बेटियों के सपने को दी उड़ान

कुरूद ब्लॉक के परखंदा गांव की इन दो माताओं ने आर्थिक स्थिति कमजोर होने के बाद भी अपनी बेटियों के सपने को पंख दिया है. बाल बैडमिंटन की नेशनल खिलाड़ी भूमिका और टिकेश्वरी के पिता नहीं हैं. दोनों अपनी मां की सहयोग से पढ़ाई और खेल में लगातार आगे बढ़ रही है और अपनी प्यारी मांओं का नाम ऊंचा कर रही है.

साल 2007 में हुआ था पति का निधन

परखंदा की रहने वाली भूमिका साहू की मां भेनुवती साहू बताती हैं, उनका पति बिजली विभाग में ठेकेदार थे, साल 2007 में उनके पति का निधन हो गया. इस दुखद घटना के बाद उनकी आर्थिक स्थिति काफी खराब हो चुकी थी. घर चलाने की मजबूरी आई तो उन्होंने सिलाई का काम शुरू किया. इसके बाद साल 2011 में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता के तौर पर काम कर बेटी के लिए स्पोर्ट्स किट खरीदा और अपनी बेटी के सपनों को उड़ान दी.

चाची 'मां': मजदूरी की, खाली पेट रही और इन बच्चों पर ममता लुटाती रही ये 'यशोदा'

घर की जरूरतों में कटौती कर खरीदा स्पोर्ट्स किट

बाल बैडमिंटन खिलाड़ी टिकेश्वरी की मां प्रमिला साहू ने बताती हैं, टिकेश्वरी जब 7 महीने की थी तभी उनके पति का निधन हो गया था. घर चलाने के लिए उन्हें मजदूरी करनी पड़ रही है, लेकिन बेटी को किसी चीज की कमी न हो इसके लिए वे घर की जरूरतों में कटौती कर पैसे बचाती है, ताकि बेटी के स्पोर्ट्स का सामान खरीदा जा सके.

धमतरी: मां अपने आप में पूरा संसार होती है. मां को इंसान के रूप में भगवान का दर्जा दिया गया है. इस मातृ दिवस पर हम आपको ऐसी दो मांओं मिला रहे हैं, जिन्होंने अपने सपनों को त्याग कर अपनी बेटियों को नेशनल लेवल की बैडमिंटन खिलाड़ी बनाया और आज ये बेटियां अपने खेल से जिले और राज्य का नाम रोशन कर रही हैं.

मदर्स डे पर इन माओं ने बेटियों के सपने को दी उड़ान

कुरूद ब्लॉक के परखंदा गांव की इन दो माताओं ने आर्थिक स्थिति कमजोर होने के बाद भी अपनी बेटियों के सपने को पंख दिया है. बाल बैडमिंटन की नेशनल खिलाड़ी भूमिका और टिकेश्वरी के पिता नहीं हैं. दोनों अपनी मां की सहयोग से पढ़ाई और खेल में लगातार आगे बढ़ रही है और अपनी प्यारी मांओं का नाम ऊंचा कर रही है.

साल 2007 में हुआ था पति का निधन

परखंदा की रहने वाली भूमिका साहू की मां भेनुवती साहू बताती हैं, उनका पति बिजली विभाग में ठेकेदार थे, साल 2007 में उनके पति का निधन हो गया. इस दुखद घटना के बाद उनकी आर्थिक स्थिति काफी खराब हो चुकी थी. घर चलाने की मजबूरी आई तो उन्होंने सिलाई का काम शुरू किया. इसके बाद साल 2011 में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता के तौर पर काम कर बेटी के लिए स्पोर्ट्स किट खरीदा और अपनी बेटी के सपनों को उड़ान दी.

चाची 'मां': मजदूरी की, खाली पेट रही और इन बच्चों पर ममता लुटाती रही ये 'यशोदा'

घर की जरूरतों में कटौती कर खरीदा स्पोर्ट्स किट

बाल बैडमिंटन खिलाड़ी टिकेश्वरी की मां प्रमिला साहू ने बताती हैं, टिकेश्वरी जब 7 महीने की थी तभी उनके पति का निधन हो गया था. घर चलाने के लिए उन्हें मजदूरी करनी पड़ रही है, लेकिन बेटी को किसी चीज की कमी न हो इसके लिए वे घर की जरूरतों में कटौती कर पैसे बचाती है, ताकि बेटी के स्पोर्ट्स का सामान खरीदा जा सके.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.