धमतरी: केंद्र सरकार ने किसानों को राहत देने के लिए पीएम किसान सम्मान निधि योजना की शुरुआत की है. इसके तहत एक साल में अलग-अलग किस्तों के जरिए किसानों के खातों में 6 हजार जमा कराए जा रहे हैं, लेकिन इन दिनों धमतरी जिले के कई किसानों को इस योजना का लाभ नहीं मिल रहा है. कोरोना काल में किसानों को इस योजना से बड़ी उम्मीदें हैं, लेकिन सरकारी सिस्टम की लापरवाही के कारण किसानों को इसके लिए अब भटकना पड़ रहा है.
दरअसल, धमतरी जिले में इस योजना के लिए तकरीबन 1 लाख 2 हजार किसानों का पंजीयन किया गया था. वहीं इन सभी किसानों को लाभ देने का लक्ष्य भी रखा गया है, लेकिन विडंबना है कि अबतक जिले में 92 हजार किसानों को ही इसका लाभ दिया गया है. योजना से वंचित अधिकांश किसानों ने कई बार फॉर्म जमा कराया और सरकारी दफ्तरों के चक्कर भी लगाए, लेकिन जानकारी के अभाव में किसानों को अभी भी भटकने को मजबूर होना पड़ रहा है. इतना करने के बाद भी उन्हें इस योजना का लाभ नहीं मिल रहा है.
जमीन के दस्तावेजों का सत्यापन करते समय सामने आई थी कई त्रुटी
बताया जा रहा है कि यह योजना पहले भू-अभिलेख शाखा और राजस्व विभाग द्वारा संचालित किया जा रहा था. जिसके तहत पटवारी जमीन के दस्तावेजों का सत्यापन करते थे, लेकिन इस दौरान कई त्रुटियां सामने आई. इस वजह से किसानों को इसका लाभ नहीं मिल पाया. अब योजना कृषि विभाग को दिया गया है. वहीं कृषि विभाग इन त्रुटियों को ठीक कर किसानों को लाभ दिलाने की बात कह रहा है. बहरहाल कई खामियों की वजह से किसानों को इस योजना का लाभ पहुंचाने में दिक्कतें आ रही है. वहीं योजना का लाभ नहीं मिलने से किसान काफी मायूस हैं.
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क्या है योजना
केंद्र सरकार की यह योजना किसानों की आर्थिक स्थिति को मजबूत करने की ओर एक कदम है. इसके तहत देश के करोड़ों किसानों ने अपना पंजीयन कराया है. इस स्कीम के तहत पंजीकृत किसानों के खाते में केंद्र सरकार सालाना 6 हजार रुपए देती है.
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गौरतलब है कि यह योजना 24 फरवरी 2019 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा लांच की गई थी. पहले यह योजना सिर्फ उन किसानों के लिए थी, जो दो हेक्टेयर या उससे कम जमीन के मालिक थे, लेकिन मई 2019 में मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल की शुरुआत में ही यह योजना सभी किसानों के लिए खोल दी गई थी. अंतरिम बजट में सरकार ने इसके लिए 20,000 करोड़ रुपये आवंटित किए थे.