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सरपंच ने हड़पी विधवा महिला की जमीन, महिला दर दर की भटकने को मजबूर

धमतरी के मोहंदी गांव में सरपंच ने विधवा महिला से रोजगार दिलाने के नाम पर जमीन की ऋण पुस्तिका ले लिया और फर्जीवाड़ा कर जमीन का नामानंतरण करवा लिया.

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Published : Sep 28, 2019, 3:58 PM IST

सरपंच ने हड़पी विधवा महिला की जमीन

धमतरीः जिले में मनरेगा सहित दूसरी योजनाओं में रोजगार दिलाने के बहाने विधवा महिला से जमीन की ऋण पुस्तिका लेने और बाद में 0.13 हेक्टेयर जमीन हड़पने का मामला सामने आया है.

सरपंच ने हड़पी विधवा महिला की जमीन, महिला दर दर की भटकने को मजबूर
पीड़िता का कहना है कि, सरपंच ने उस जमीन को अपने नाम कराने के बाद वहां मोबाइल कंपनी का टॉवर लगाया है और बकायदा किराए की राशि वसूल कर रहा है. लेकिन पीड़िता अपना हक पाने के लिए दर-दर की ठोकरें खाने को मजबूर है.

फर्जीवाड़ा से जमीन को हड़पा
मोहंदी गांव में रहने वाली हीराबाई कंवर ने बताया कि पति की मौत बाद रोजगार के लिए सरपंच के झांसे में आकर उसने अपने जमीन की ऋण पुस्तिका दे दिया. जिसके बाद आरोपी ने फर्जीवाड़ा कर जमीन को अपने नाम करवा लिया और मोबाइल टॉवर लगाकर पिछले पांच महीने से किराए की राशि ले रहा है. पीड़िता ने बताया कि जब सरकारी योजना से मिलने वाले लाभ की जानकारी लेने के लिए पटवारी के पास गई तब उसे जमीन सरपंच के नाम होने की बात पता चली.

कलेक्टर की मंजूरी के बिना नामांतरण
नियम के मुताबिक आदिवासियों की जमीन खरीदने-बेचने के पहले कलेक्टर से अनुमति लेनी पड़ती है. लेकिन पीड़िता की जमीन खरीदने के पहले इस तरह की कोई कार्रवाई नहीं की गयी है. सरपंच का कहना है कि गलती से जमीन उसके नाम पर चढ़ गया है और उसने पीड़िता से कभी ऋण पुस्तिका नही लिया है. लेकिन अब कलेक्टर से अनुमति लेकर जमीन की रजिस्ट्री कराई जाएगी.

जिला प्रशासन से शिकायत
पीड़ित महिला को न्याय दिलाने के लिए गांव के कुछ लोगों ने इसकी शिकायत जिला प्रशासन और पुलिस से की है. हालांकि पुलिस तरफ से अभी तक कोई कार्रवाई की गई है. वही जमीन होने के बावजूद पीड़िता को अपने हक के लिए भटकना पड़ रहा है.

धमतरीः जिले में मनरेगा सहित दूसरी योजनाओं में रोजगार दिलाने के बहाने विधवा महिला से जमीन की ऋण पुस्तिका लेने और बाद में 0.13 हेक्टेयर जमीन हड़पने का मामला सामने आया है.

सरपंच ने हड़पी विधवा महिला की जमीन, महिला दर दर की भटकने को मजबूर
पीड़िता का कहना है कि, सरपंच ने उस जमीन को अपने नाम कराने के बाद वहां मोबाइल कंपनी का टॉवर लगाया है और बकायदा किराए की राशि वसूल कर रहा है. लेकिन पीड़िता अपना हक पाने के लिए दर-दर की ठोकरें खाने को मजबूर है.

फर्जीवाड़ा से जमीन को हड़पा
मोहंदी गांव में रहने वाली हीराबाई कंवर ने बताया कि पति की मौत बाद रोजगार के लिए सरपंच के झांसे में आकर उसने अपने जमीन की ऋण पुस्तिका दे दिया. जिसके बाद आरोपी ने फर्जीवाड़ा कर जमीन को अपने नाम करवा लिया और मोबाइल टॉवर लगाकर पिछले पांच महीने से किराए की राशि ले रहा है. पीड़िता ने बताया कि जब सरकारी योजना से मिलने वाले लाभ की जानकारी लेने के लिए पटवारी के पास गई तब उसे जमीन सरपंच के नाम होने की बात पता चली.

कलेक्टर की मंजूरी के बिना नामांतरण
नियम के मुताबिक आदिवासियों की जमीन खरीदने-बेचने के पहले कलेक्टर से अनुमति लेनी पड़ती है. लेकिन पीड़िता की जमीन खरीदने के पहले इस तरह की कोई कार्रवाई नहीं की गयी है. सरपंच का कहना है कि गलती से जमीन उसके नाम पर चढ़ गया है और उसने पीड़िता से कभी ऋण पुस्तिका नही लिया है. लेकिन अब कलेक्टर से अनुमति लेकर जमीन की रजिस्ट्री कराई जाएगी.

जिला प्रशासन से शिकायत
पीड़ित महिला को न्याय दिलाने के लिए गांव के कुछ लोगों ने इसकी शिकायत जिला प्रशासन और पुलिस से की है. हालांकि पुलिस तरफ से अभी तक कोई कार्रवाई की गई है. वही जमीन होने के बावजूद पीड़िता को अपने हक के लिए भटकना पड़ रहा है.

Intro:कोर्ट के आदेशों के बावजूद गैर आदिवासियों द्वारा आदिवासियों की भूमि हड़पने का खेल बदस्तूर जारी है मामला धमतरी जिले के मोहन्दी गांव है यहां मनरेगा सहित अन्य कामों में रोेजगार दिलाने के बहाने सरपंच ने आदिवासी बेवा महिला से पहले तो ऋण पुस्तिका ले लिया बाद इसके महिला की जमीन ही हड़प ली.वही इस जमीन में मोबाईल कंपनी का टाॅवर लगवाकर बकायदा किराए की राशि वसूल कर रहा है जबकि महिला अपना हक पाने के लिए दर दर की ठोकरे खाने को मजबूर है. 

Body:मोहंदी गांव में रहने वाली बेसहारा हीराबाई कंवर के पति हीरालाल कंवर का गांव में ही कभी जमीन हुआ करता था.पति के मौत बाद सरपंच ने 0.13 हेक्टेयर जमीन बिना कलेक्टर की मंजूरी और किसी भी प्रकार की विधिवत कार्यवाही किए इस भूमि को फर्जीवाड़ा कर अपने नाम पर चढ़ा लिया और अब वहां एक मोबाइल कंपनी का टॉवर लगाकर पिछले पांच साल से बकायदा किराए की राशि ले रहा है.बताया जा रहा है कि आदिवासी महिला सरपंच के षडयंत्र को समझ नहीं पाई और वह अपनी ऋण पुस्तिका,भू अधिकार पत्र सरपंच को दे दिया जिसके बाद उन्हें शासकीय मदों से मिलने वाली राशि का इंतजार था.लेकिन उसे किसी प्रकार शासकीय सहयोग नहीं मिल पाया.तब कही जाकर पता चला कि हीराबाई के नाम पर जो जमीन था उसे सरपंच द्वारा बिना किसी नामांतरण और कलेक्टर की मंजूरी लिये बिना अपने नाम से चढ़ा लिया गया है जबकि नियम के मुताबिक आदिवासी की जमीन बेचने से पूर्व कलेक्टर से अनुमति लेना पड़ती है, जो नहीं ली गई है.इस तरह सरपंच मिलीभगत से महिला के जमीन का मालिक बन बैठा है.इधर सरपंच का कहना है कि त्रुटिवश नाम चढ़ गया है और वह उस जमीन खरीद भी चुका है कलेक्टर से अनुमति लेकर जमीन की रजिस्ट्री कराई जाएगी.

Conclusion:बहरहाल पीड़ित महिला को न्याय दिलाने गांव के कुछ लोगों ने इसकी शिकायत जिला प्रशासन और पुलिस से की है हालांकि पुलिस तरफ से अभी तक कोई कार्रवाई नही हो पाई है तो वही जमीन होते हुए भी महिला को अपने हक के लिए भटकना पड़ रहा है.

बाईट_01 हीराबाई कंवर,पीड़ित महिला
बाईट_02 कोमल यदु,पूर्व सरपंच मोहन्दी
बाईट_03 श्रवण साहू,सरपंच मोहन्दी
बाईट_04 रजत बंसल,कलेक्टर धमतरी

रामेश्वर मरकाम,ईटीवी भारत,धमतरी





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