धमतरी/बिलासपुर/बेमेतरा : जगन्नाथ रथ यात्रा का महापर्व मंगलवार को धमतरी से लेकर बिलासपुर और बेमेतरा में भी धूमधाम से मनाया गया. धमतरी में महाप्रभु जगन्नाथ, बड़े भैय्या बलदाऊ और बहन सुभद्रा की धूमधाम से रथयात्रा निकाली गई. दोपहर को मठमंदिर चौक स्थित जगदीश मंदिर से यात्रा शुरू हुई. रथयात्रा मंदिर से निकल कर शहर के मुख्य मार्गों से होते हुए जनकपुरी पहुंची. बताया जाता है कि जगदीश मंदिर 116 साल पुराना है. वर्तमान मूर्ति 105 साल पुरानी है.
ऐतिहासिक रथ को भक्तों ने खींचा : महोत्सव के दौरान धार्मिक आयोजन किए गए हैं. सुबह जगदीश मंदिर में भक्तों की भारी भीड़ उमड़ने लगी. भक्त भगवान के दर्शन के लिए कतारबद्ध होकर अपनी बारी का इंतजार करते रहें. इसके बाद महाप्रभु को रथ में सवार कराया गया. फिर यात्रा निकाली गई, जो मठमंदिर चौक से चमेली चौक, कचहरी चौक से होते हुए जनकपुरी पहुंचकर संपन्न हुई. इस दौरान रथ पर सवार भगवान जगन्नाथ और उनके परिवार के भक्तों ने दर्शन किए और ऱथ को खींचकर पुण्य लाभ प्राप्त किया.
क्या है जगदीश मंदिर का इतिहास : आपको बता दें कि धमतरी में एक भक्त ने भगवान जगन्नाथ की छोटी प्रतिमा सन 1907-08 में बनवाई थी. जो करीब दस वर्षो तक स्थापित रही. फिर बाद में कुछ कारणवश मूर्ति को विसर्जित किया गया. इसके बाद 1918 में जनसहयोग से भगवान जगन्नाथ, बलदाऊ भैय्या और माता सुभद्रा की बड़ी प्रतिमा बनाकर विधिवत स्थापित की गई.
बिलासपुर विधायक ने गजपति के रूप में लगाई झाड़ू: बिलासपुर के रेलवे परिक्षेत्र स्थित जगन्नाथ मंदिर से भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा निकाली गई. उनके साथ भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा रथ में सवार कर मौसी मां के घर भेजा गया. इस दौरान बिलासपुर विधायक शैलेश पांडेय ने राजा गजपति के रूप में सोने की झाड़ू से मंडप और सड़क की सफाई की. रथयात्रा के दौरान भक्तों ने रस्सी से रथ खींच कर मनोकामना मांगी. बिलासपुर में निकली गुंडिचा रथ रेलवे परिक्षेत्र में भ्रमण कर मौसी मां के मंदिर चली गई. रथ को देखने के लिए और भगवान जगन्नाथ का आशीर्वाद पाने के लिए ओडिशा समाज के लोग और अन्य धर्मों के लोग पहुंचे थे.