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धमतरीः शिक्षाकर्मियों की फर्जी भर्ती मामले में प्रशासन ने दिए जांच के आदेश

जिले में साल 2005 से 2007 में हुई शिक्षाकर्मी भर्ती प्रकिया में व्यापक पैमाने पर अनिमियता देखी गई थी. कुछ आरटीआई कार्यकर्ताओं ने दस्तावेज के सहारे इस भर्ती में फर्जीवाड़े को उजागर किया था.

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Published : Apr 29, 2019, 11:59 PM IST

Updated : Apr 30, 2019, 10:17 AM IST

शिक्षाकर्मियों की फर्जी भर्ती मामले में प्रशासन ने दिए जांच के आदेश

धमतरीः शिक्षाकर्मियों की फर्जी भर्ती मामले में एक बार फिर जांच में तेजी आ गई है. इसकी जिम्मेदारी अपर कलेक्टर की अध्यक्षता में अधिकारियों को सौंपी गई है. प्रशासन ने मामले से जुड़े दस्तावेजों को खंगालना शुरू कर दिया है.

बता दें कि जिले में साल 2005 से 2007 में हुई शिक्षाकर्मी भर्ती प्रकिया में कुछ अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों के सरंक्षण में व्यापक पैमाने पर अनियमितता देखी गई थी. कुछ आरटीआई कार्यकर्ताओं ने दस्तावेज के सहारे इस भर्ती में फर्जीवाड़े को उजागर किया था.

इसकी जांच सीआईडी और लोकसेवा आयोग में भी हुई थी, लेकिन आयोग में इसकी जांच अभी भी लंबित है. हालांकि मामले में लोकसेवा आयोग द्वारा की गई जांच में 10 लोगों के खिलाफ कार्रवाई की गई थी.

प्रशासन कर रहा जांच
इधर मामले की गंभीरता को देखते हुए जिला प्रशासन ने भी इसकी अलग से जांच शुरू कर दी है. प्रशासन की जांच समिति द्वारा शिक्षाकर्मियों की अंकसूची, बीएड, डीएड, खेलकूद और अनुभव प्रमाण पत्र की जांच की जा रही है.

धमतरीः शिक्षाकर्मियों की फर्जी भर्ती मामले में एक बार फिर जांच में तेजी आ गई है. इसकी जिम्मेदारी अपर कलेक्टर की अध्यक्षता में अधिकारियों को सौंपी गई है. प्रशासन ने मामले से जुड़े दस्तावेजों को खंगालना शुरू कर दिया है.

बता दें कि जिले में साल 2005 से 2007 में हुई शिक्षाकर्मी भर्ती प्रकिया में कुछ अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों के सरंक्षण में व्यापक पैमाने पर अनियमितता देखी गई थी. कुछ आरटीआई कार्यकर्ताओं ने दस्तावेज के सहारे इस भर्ती में फर्जीवाड़े को उजागर किया था.

इसकी जांच सीआईडी और लोकसेवा आयोग में भी हुई थी, लेकिन आयोग में इसकी जांच अभी भी लंबित है. हालांकि मामले में लोकसेवा आयोग द्वारा की गई जांच में 10 लोगों के खिलाफ कार्रवाई की गई थी.

प्रशासन कर रहा जांच
इधर मामले की गंभीरता को देखते हुए जिला प्रशासन ने भी इसकी अलग से जांच शुरू कर दी है. प्रशासन की जांच समिति द्वारा शिक्षाकर्मियों की अंकसूची, बीएड, डीएड, खेलकूद और अनुभव प्रमाण पत्र की जांच की जा रही है.

Intro:साल 2005 और 2007 के बीच जिला पंचायत और जनपद पंचायत के माध्यम से हुई शिक्षाकर्मियों की भर्ती मामले में एक बार फिर जांच में तेजी आ गई है.इस मामले की जिम्मेदारी अपर कलेक्टर की अध्यक्षता में अधिकारियों की टीम को सौंपी गई है.यह टीम अब दस्तावेजों को खंगालना शुरू कर दिया है.


Body:धमतरी जिले में बड़ी संख्या में लोगों ने फर्जी दस्तावेजों के सहारे शिक्षाकर्मी की नौकरी हासिल कर लिया है बता दें कि जिले में 2005 से 2007 हुई शिक्षाकर्मी वर्ग 1,वर्ग 2,वर्ग 3 भर्ती प्रक्रिया में कुछ अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों के सरंक्षण में व्यापक पैमाने पर अनिमियता की गई थी.कुछ आरटीआई कार्यकर्ताओं ने दस्तावेज के सहारे इस भर्ती में फर्जीवाड़े का उजागर किया था.इसके बाद यह मामला धमतरी के साथ ही पूरे छत्तीसगढ़ में सुर्खियों में बना रहा.इसकी जांच सीआईडी और लोकसेवा आयोग में भी हुई लेकिन आयोग में इसकी जांच अभी भी लंबित है.इधर मामले की गंभीरता को देखते हुए जिला प्रशासन भी इसकी अलग से जांच शुरू कर दिया है.

इस भर्ती प्रक्रिया में कुछ अधिकारी और जनप्रतिनिधियों के सरंक्षण में भारी अनियमितता बरती गई.अधिकांश जनप्रतिनिधि राजनीतिक दलों से जुड़े हुए थे लिहाजा सरकार से उनका जुड़ाव होने के कारण यह मामला ठंडे बस्ते में चला गया.हालांकि इस बीच आयोग के जांच बाद फर्जी अंकसूची के जरिए शिक्षाकर्मी नौकरी पाने वाले शिक्षा कर्मी वर्ग 3 के तकरीबन 10 लोगों के खिलाफ कार्रवाई भी हुई पर यह मामला अभी कोर्ट में है.

गौरतलब है कि जिले में शिक्षाकर्मी फर्जी डिग्री के मामले में धमतरी जनपद पंचायत में 14 पदों की जांच लंबित है.इसी तरह नगरी में 40 और मगरलोड में 160 फर्जी दस्तावेजों के सहारे नौकरी कर रहे है.इनमें से 15 मामले न्यायालीन प्रकिया में है. वही नगरी ब्लाक के 5 शिक्षाकर्मियों को जेल की हवा खानी पड़ी है.

बाईट...कन्हैया वाधवानी,आरटीआई कार्यकर्ता
बाईट...रजत बंसल,कलेक्टर धमतरी


Conclusion:बहरहाल जिला प्रशासन की जांच समिति द्वारा शिक्षाकर्मियों के अंकसूची बीएड,डीएड,खेलकूद और अनुभव प्रमाण पत्र की जांच की जा रही है अब देखना होगा कि कौन कौन इस मामले में संलिप्त है और कब तक इसका उजागर हो पाता है.

रामेश्वर मरकाम धमतरी
Last Updated : Apr 30, 2019, 10:17 AM IST
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