धमतरी: देश में कोरोना पॉजिटिव मरीजों की संख्या में लगातार वृद्धि होने के चलते गृह मंत्रालय ने ऑटो, टैक्सी और बस परिवहन सेवा भी पूरी तरह से बंद करने का निर्देश दिए थे. इसके 65 दिन बाद परिवहन सेवा शुरू करने की इजाजत मिलते ही ऑटो चालकों की खुशी की लहर दौड़ गई है. ऑटो चालक यात्रियों को परिवहन सेवा का लाभ पहुंचाने के अलावा सामान को एक स्थान से दूसरे स्थान तक पहुंचाने में लोगों की मदद कर रहे हैं. ताकि उनकी दिनभर की मजदूरी निकल सके.
आटो चालाकों का कहना है कि उनके हालात भूखमरी के जैसे होने लगे थे, लेकिन अब काम मिलने लगेगा तो कुछ हद तक राहत होगी. लॉकडाउन में मिली छूट के बाद आम लोगों के साथ टैक्सी चालकों को भी बस सेवा का इंतजार है. बसों में रोजाना हजारों लोग सफर करते हैं. 80 फीसदी ऑटो चालक अपनी कमाई के लिए बस यात्रियों पर निर्भर हैं. फिलहाल जरूरी काम के लिए आने-जाने वालों के कारण इन्हें थोड़ी बहुत कमाई हो रही है.
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बता दें कि कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए सरकार ने बीते दो महीने से ज्यादा वक्त से देश में लॉकडाउन है. जिससे ज्यादातर दिहाड़ी मजदूर परेशान थे, वहीं उन लोगों को भी काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा था, जो ऑटो चलाकर अपना गुजारा करते थे. लॉकडाऊन के कारण ऑटो चालकों का कामकाज भी बुरी तरह से प्रभावित हुआ है. हालांकि अब अनुमति मिलने के बाद भी इन्हें बहुत ज्यादा राहत की उम्मीद नहीं है .बहरहाल यात्रियों की संख्या कम होने से ऑटो की किश्त और किराया पटाना भी इनके लिए मुश्किल हो गया है.