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धमतरी: शहर का एतिहासिक गांधी मैदान बना पार्किंग का अड्डा, हो रही अवैध वसूली

शहर के एतिहासिक गांधी मैदान में अवैध पार्किंग हो रही है, नगर निगम की ओर से लाखों रुपये खर्च करने के बावजूद मैदान व्यवस्थित नहीं हुआ है. पार्किंग के नाम पर यहां अवैध वसूली भी हो रही है. मैदान की दुर्दशा से स्थानीय नागरीकों में खासा नाराजगी है.

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Published : Jul 28, 2019, 3:19 PM IST

मैदान में अवैध पार्किंग

धमतरी: तमाम आंदोलनों का गवाह रहा धमतरी का गांधी मैदान अव्यवस्था के चलते अपनी दुर्दशा की तस्वीर बयां कर रहा है. गांधी जी के आंदोलनों का गवाह रहा ये मैदान आजकल सिर्फ अवैध पार्किंग के लिए काम आ रहा है. इतना ही नहीं पार्किंग के नाम पर यहां अवैध वसूली भी जारी है.

धमतरी का गांधी मैदान पार्किंग में तब्दील हो गया है

1996 में रायपुर से अलग होकर बने धमतरी जिले का ये गांधी मैदान हर तरह के आंदोलनों का गवाह रहा है. चाहे वो राजनीतिक आंदोलन हो या किसी संगठन का या किसी समाज का, इस मैदान ने सभी तरह के संघर्षों को अपनी मिट्टी दी है, अपना मंच दिया है. आजादी के आंदोलन के दौरान महात्मा गांधी जब धमतरी आए थे, तो इसी मंच से उन्होंने लोगों में आजादी की चिंगारी फूंकी थी. ये सबसे बड़ी वजह है जो इस मंच को ऐतिहासिक बनाती है और मैदान के नाम के पीछे भी यही वजह है.

मैदान को खास बनाता है इसका लोकेशन

इस मैदान के खास होने की वजह इसका लोकेशन है. शहर के बीचों बीच इस मैदान के चारों ओर कोतवाली थाना, एसडीएम कार्यालय, तहसील कार्यालय, पोस्टआफिस, नगर निगम और मुख्य बाजार हैं. यहां लोगों को पहुंचना सहज होता है, लेकिन, कुछ वक्त पहले प्रशासन ने इसे धरना स्थल हटा कर दूसरी जगह शिफ्ट कर दिया.

निगम ने कराया मैदान का किया गया सौंदर्यीकरण

गांधी मैदान को व्यवस्थित करने के उदेश्य से इसका सौंदर्यीकरण किया गया. करीब 50 लाख की लागत से हुए सौंदर्यीकरण से कोई फायदा नहीं हुआ. लाखों खर्च कर यहां टाईल्स, रेलिंग, खूबसूरत प्रवेश द्वार लगाया गया ताकि मैदान व्यवस्थित हो जाए, यहां अपने वाहन खड़े कर रहे है. मैदान का सौंदर्यीकरण करने का उदेश्य था कि 'लोगों को शहर के सांस्कृतिक कार्यक्रमों के लिए अच्छी और व्यवस्थित जगह मिल सके. आम लोग इसे निगम और प्रशासन की लापरवाही और जनता की पैसों की बर्बादी बता रहे हैं.

एसडीएम ने पार्किंग रोकने की बात कही

इस मामले में एसडीएम ने कहा कि 'यहां वाहन खड़ा करने से रोका जाएगा. वहीं बीजेपी इस मामले में राजनीति करते हुए, 'सरकार के खिलाफ आंदोलन करने की बात कह रही है'.

अवैध पार्किंग स्थल में तब्दील हुआ मैदान

प्रशासन की ओर से विरासत को संजोकर रखने में ढिलाई बरती जा रही है और शायद यही वजह है कि गांधी मैदान अवैध पार्किंग स्थल में तब्दील हो चुका है.

धमतरी: तमाम आंदोलनों का गवाह रहा धमतरी का गांधी मैदान अव्यवस्था के चलते अपनी दुर्दशा की तस्वीर बयां कर रहा है. गांधी जी के आंदोलनों का गवाह रहा ये मैदान आजकल सिर्फ अवैध पार्किंग के लिए काम आ रहा है. इतना ही नहीं पार्किंग के नाम पर यहां अवैध वसूली भी जारी है.

धमतरी का गांधी मैदान पार्किंग में तब्दील हो गया है

1996 में रायपुर से अलग होकर बने धमतरी जिले का ये गांधी मैदान हर तरह के आंदोलनों का गवाह रहा है. चाहे वो राजनीतिक आंदोलन हो या किसी संगठन का या किसी समाज का, इस मैदान ने सभी तरह के संघर्षों को अपनी मिट्टी दी है, अपना मंच दिया है. आजादी के आंदोलन के दौरान महात्मा गांधी जब धमतरी आए थे, तो इसी मंच से उन्होंने लोगों में आजादी की चिंगारी फूंकी थी. ये सबसे बड़ी वजह है जो इस मंच को ऐतिहासिक बनाती है और मैदान के नाम के पीछे भी यही वजह है.

मैदान को खास बनाता है इसका लोकेशन

इस मैदान के खास होने की वजह इसका लोकेशन है. शहर के बीचों बीच इस मैदान के चारों ओर कोतवाली थाना, एसडीएम कार्यालय, तहसील कार्यालय, पोस्टआफिस, नगर निगम और मुख्य बाजार हैं. यहां लोगों को पहुंचना सहज होता है, लेकिन, कुछ वक्त पहले प्रशासन ने इसे धरना स्थल हटा कर दूसरी जगह शिफ्ट कर दिया.

निगम ने कराया मैदान का किया गया सौंदर्यीकरण

गांधी मैदान को व्यवस्थित करने के उदेश्य से इसका सौंदर्यीकरण किया गया. करीब 50 लाख की लागत से हुए सौंदर्यीकरण से कोई फायदा नहीं हुआ. लाखों खर्च कर यहां टाईल्स, रेलिंग, खूबसूरत प्रवेश द्वार लगाया गया ताकि मैदान व्यवस्थित हो जाए, यहां अपने वाहन खड़े कर रहे है. मैदान का सौंदर्यीकरण करने का उदेश्य था कि 'लोगों को शहर के सांस्कृतिक कार्यक्रमों के लिए अच्छी और व्यवस्थित जगह मिल सके. आम लोग इसे निगम और प्रशासन की लापरवाही और जनता की पैसों की बर्बादी बता रहे हैं.

एसडीएम ने पार्किंग रोकने की बात कही

इस मामले में एसडीएम ने कहा कि 'यहां वाहन खड़ा करने से रोका जाएगा. वहीं बीजेपी इस मामले में राजनीति करते हुए, 'सरकार के खिलाफ आंदोलन करने की बात कह रही है'.

अवैध पार्किंग स्थल में तब्दील हुआ मैदान

प्रशासन की ओर से विरासत को संजोकर रखने में ढिलाई बरती जा रही है और शायद यही वजह है कि गांधी मैदान अवैध पार्किंग स्थल में तब्दील हो चुका है.

Intro:धमतरी के तमाम आंदालनो के गवाह रहा है गांधी मैदान.गांधी जी भी जब यहां आए तो इसी मंच से भाषण दिया था.इसी कारण नाम भी गांधी मैदान पड़ा.गांधी मैदान जिसको 50 लाख खर्च कर निगम ने सुंदर और व्यवस्थित बनवाया.ताकि यहां सांस्कृतिक कार्यक्रम हो सके लेकिन निर्माण के बाद से ही ये जगह सिर्फ अवैध पार्किग के काम आ रही है.इतना ही नहीं यहां पार्किंग के लिये अवैध वसूली भी जारी है.


Body:धमतरी 1996 में रायपुर से अलग होकर जिला बना तब से आज तक यहां का गांधी मैदान हर तरह के आंदोलनो का गवाह रहा है.चाहे वो राजनीतिक आंदोलन हो या किसी संगठन का या किसी समाज का इस मैदान ने सभी तरह के संघर्षो को अपनी मिट्टी दी है अपना मंच दिया है आजादी के आंदोलन के दौरान महात्मा गांधी जब धमतरी आए थे तो इसी मंच से लोगो में आजादी की चिंगारी फूंकी थी.ये सबसे बड़ी वजह है जो इस मंच को ऐतिहासिक बनाती है.इसी मंच से जिले के कई बड़े नेता भाषण देकर राजनीतिक कैरियर की उंची उड़ान भर रहे है जिसमें पूर्व मंत्री अजय चंद्राकर भी शामिल है.इस मैदान के खास होने की वजह इसका लोकेशन है.शहर के बीचों बीच इस मैदान के चारो तरफ कोतवाली थाना एसडीएम कार्यालय,तहसील कार्यालय,पोस्टआफिस, नगर निगम और मुख्य बाजार फैले हुए है.यहां लोगो को पहुंचना सहज होता है लेकिन कुछ वक्त पहले प्रशासन ने इस जगह से धरना स्थल को हटा कर दूसरी जगह शिफ्ट कर दिया और गांधी मैदान का सौंदर्यीकरण किया गया.जमीन पर टाईल लगाई गई ताकि कीचड़ न हो.चारों तरफ रैलिंग लगाई गई ताकि आवारा पशु और अवैध पार्किंग न हो सके.खूबसूरत प्रवेश द्वार भी लगाए गए है. कुल 50 लाख नगर निगम के कोटे से खर्च हुए.उद्देश्य ये कि शहर के सांस्कृतिक कार्यक्रमो के लिये अच्छा और व्यवस्थित जगह मिल सके लेकिन आज इस मैदान पर जमाने भर की गाड़ियां खड़ी रहती है.मंच पर आवारा कुत्ते आराम फरमाते दिखते है और कुछ लोग यहां पार्किंग करने वालो से शुल्क वसूली भी कर रहे है.बस वही उपयोग नहीं हो पाया है जिसके लिये ये सब कुछ किया गया है आम लोग इसके पीछे निगम और प्रशासन की लापरवाही और जनता की पैसे की बर्बादी की मिसाल कह रहे है.

तमाम सवालो के साथ जब हम धमतरी के एसडीएम से मुखातिब हुए तब कम से कम उन्होने यहां अवैध पार्किंग रोकने की बात कही.वही अब भाजपा इस मामले में सरकार के खिलाफ आंदोलन करने की बात कह रही है.


Conclusion:विरासतो के लिये यहां संवेदनशीलता और् सम्मान की कमी तो साफ नजर आती ही है. जनता के पैसो का दुरूपयोग भी साथ में हो ही रहा है इसे रोकने के लिये सरकारी संस्थाओ के साथ जनप्रतिनिधियो को भी आगे आने जरूरी है.

बाईट...शरद लोहाना,नेता कांग्रेस
बाईट..भागेश बैद, स्थानीय नागरिक
बाईट...रामू रोहरा,जिलाध्यक्ष बीजेपी 
बाईट...योगिता देवांगन ,एसडीएम धमतरी

रामेश्वर मरकाम,ईटीवी भारत,धमतरी
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