धमतरी : जंगलों को आग से बचाना वन विभाग के लिए एक बड़ी चुनौती साबित हो रहा है. जंगल की आग के लिए वन विभाग के पास सैटेलाइट अलार्म सिस्टम है, लेकिन इसके बावजूद वन विभाग का आग पर कोई काबू दिखाई नहीं दे रहा है. इस संबंध में वन विभाग के डीएफओ अमिताभ वाजपेयी से बातचीत की गई.
बातचीत में उन्होंने दावा किया है कि, 'सभी 117 बीट में फायर वाचर हैं, जैसे ही आग की सूचना मिलती है पूरी टीम हरकत में आ जाती है'. बता दें कि 2018 में फरवरी से जून के बीच आगजनी की 358 घटनाएं हुई थीं, जिसमें कुल 504 हेक्टेयर जंगल आग की चपेट में आया था. वहीं इस साल 2019 में कुल 125 आग लगने की घटनाएं सामने आई हैं, जिससे कुल 214 हेक्टेयर जंगल प्रभावित हुआ है.
8 परिक्षेत्र और 117 बीट में बटा है जंगल
धमतरी वनमंडल के आंकड़े देखें तो जंगल कुल 1400 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है. वन विभाग ने इस पूरे इलाके को 8 परिक्षेत्र और 117 बीट में बांटा है. यहां के जंगल अपने शानदार साल पेड़ों के लिए जाने जाते हैं. साल के आलावा यहां सागौन, बीजा जैसी इमारती लकड़ी देने वाले पेड़ बड़ी संख्या में हैं. ऐसे में जंगल में आग लगने पर कीमती पेड़ों के साथ-साथ जानवरों को भी नुकसान पहुंच रहा है.
बहरहाल वन विभाग के डीएफओ आग लगने पर तुरंत कार्रवाई की बात कह रहे हैं, लेकिन आंकड़ों को देखा जाए तो ऐसा होता दिख नहीं रहा है.