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सीतानदी घूमर झरना को लेकर प्रशासन उदासीन, खूबसूरती पर लगा बदइंतजामी का दाग - सीतानदी में जलप्रपात

धमतरी से करीब 120 किलोमीटर दूर सीतानदी अभ्यारण में बसा हुआ है सीतानदी घूमर झरना, जो आज भी सैलानियों के पहुंच से कोसों दूर है. तकरीबन 50 फीट ऊंचाई से नीचे की ओर गिरते इस झरने को देखने से मन आनंदित हो उठता है. लेकिन शासन-प्रशासन की अनदेखी की वजह से यह प्राकृतिक स्थल उपेक्षित है.

sitanadi waterfall in dhamtari
सीतानदी घूमर जलप्रपात
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Published : Aug 30, 2020, 5:24 PM IST

Updated : Aug 30, 2020, 7:35 PM IST

धमतरी: जिला मुख्यालय से 120 किलोमीटर दूर सीतानदी अभ्यारण के घने जंगलों में स्थित सीतानदी घूमर नाम का प्राकृतिक झरना लोगों के आकर्षण का केन्द्र बना हुआ है. घने जंगल में चट्टानों के बीच से गिरता ये झरना प्रकृति का सुंदर नजारा पेश करता है. लेकिन अफसोस कि प्रशासन ने इस मनमोहक स्थल को न संवारने का प्रयास किया और न ही यहां पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए कोई कदम उठाए. यही वजह है कि प्रकृति की ये सौगात सैलानियों की पहुंच से कोसों दूर है.

सीतानदी घूमर झरना को लेकर प्रशासन उदासीन

सीतानदी घूमर झरना सीतानदी अभ्यारण क्षेत्र में होने की वजह से कई सैलानियों की पहुंच से कोसो दूर है. यहां तक पहुंचने के लिए कच्चे रास्तों से करीब 3 किलोमीटर का सफर तय करना पड़ता है. इसके बाद जो मनमोहक नजारा सामने दिखाई देता है, उससे पूरी थकान छूमंतर हो जाती है. प्रकृति की गोद में बसे इस स्थल में नरहरा वाटरफॉल की झलक दिखती है. स्थानीय लोग बताते हैं कि यहां सिर्फ राज्य से ही नहीं बल्कि देश-विदेश से भी लोग आते हैं. लेकिन आवागमन की सुविधा नहीं होने की वजह से यहां आने वाले लोगों को कई परेशानियों का सामना करना पड़ता है.

50 फीट की ऊंचाई से गिरता है घूमर झरना

तकरीबन 50 फीट ऊंचाई से नीचे की ओर गिरते इस झरने को देखने से मन आनंदित हो उठता है. बारिश के दिनों में बड़े-बड़े चट्टानों से होकर जब पानी कलरव करता है, तो इस जगह की सुंदरता में चार चांद लग जाते हैं. कहा जाता है कि भगवान राम अपने वनवास के दौरान छोटे भाई लक्ष्मण और पत्नी सीता के साथ इस इलाके से होकर गुजरे थे. इस दौरान यहां माता सीता ने अपने केश धोए थे और कहा जाता है कि तभी से इसका नाम सीतानदी पड़ गया.

पढ़ें- SPECIAL: रायगढ़ में भगवान राम की निशानी रामझरना बदहाल, कायाकल्प की उठी मांग

पर्यटन विभाग की अनदेखी के बाद भी लोग यहां पहुंचते हैं. यह जगह एक अच्छा पिकनिक स्पॉट बन चुका है, जिसे सहजने और संवारने की जरूरत है. घूमर झरना और आसपास क्षेत्र में पर्यटन की अपार संभावनाएं मौजूद हैं, लेकिन सुविधाओं के अभाव में यह खूबसूरत स्थल अभी तक पर्यटकों की पहुंच से दूर और उपेक्षित है. अगर सुविधाएं मुहैया करा दी जाए तो यहां हजारों सैलानी रोजाना पहुंचेंगे.

धमतरी: जिला मुख्यालय से 120 किलोमीटर दूर सीतानदी अभ्यारण के घने जंगलों में स्थित सीतानदी घूमर नाम का प्राकृतिक झरना लोगों के आकर्षण का केन्द्र बना हुआ है. घने जंगल में चट्टानों के बीच से गिरता ये झरना प्रकृति का सुंदर नजारा पेश करता है. लेकिन अफसोस कि प्रशासन ने इस मनमोहक स्थल को न संवारने का प्रयास किया और न ही यहां पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए कोई कदम उठाए. यही वजह है कि प्रकृति की ये सौगात सैलानियों की पहुंच से कोसों दूर है.

सीतानदी घूमर झरना को लेकर प्रशासन उदासीन

सीतानदी घूमर झरना सीतानदी अभ्यारण क्षेत्र में होने की वजह से कई सैलानियों की पहुंच से कोसो दूर है. यहां तक पहुंचने के लिए कच्चे रास्तों से करीब 3 किलोमीटर का सफर तय करना पड़ता है. इसके बाद जो मनमोहक नजारा सामने दिखाई देता है, उससे पूरी थकान छूमंतर हो जाती है. प्रकृति की गोद में बसे इस स्थल में नरहरा वाटरफॉल की झलक दिखती है. स्थानीय लोग बताते हैं कि यहां सिर्फ राज्य से ही नहीं बल्कि देश-विदेश से भी लोग आते हैं. लेकिन आवागमन की सुविधा नहीं होने की वजह से यहां आने वाले लोगों को कई परेशानियों का सामना करना पड़ता है.

50 फीट की ऊंचाई से गिरता है घूमर झरना

तकरीबन 50 फीट ऊंचाई से नीचे की ओर गिरते इस झरने को देखने से मन आनंदित हो उठता है. बारिश के दिनों में बड़े-बड़े चट्टानों से होकर जब पानी कलरव करता है, तो इस जगह की सुंदरता में चार चांद लग जाते हैं. कहा जाता है कि भगवान राम अपने वनवास के दौरान छोटे भाई लक्ष्मण और पत्नी सीता के साथ इस इलाके से होकर गुजरे थे. इस दौरान यहां माता सीता ने अपने केश धोए थे और कहा जाता है कि तभी से इसका नाम सीतानदी पड़ गया.

पढ़ें- SPECIAL: रायगढ़ में भगवान राम की निशानी रामझरना बदहाल, कायाकल्प की उठी मांग

पर्यटन विभाग की अनदेखी के बाद भी लोग यहां पहुंचते हैं. यह जगह एक अच्छा पिकनिक स्पॉट बन चुका है, जिसे सहजने और संवारने की जरूरत है. घूमर झरना और आसपास क्षेत्र में पर्यटन की अपार संभावनाएं मौजूद हैं, लेकिन सुविधाओं के अभाव में यह खूबसूरत स्थल अभी तक पर्यटकों की पहुंच से दूर और उपेक्षित है. अगर सुविधाएं मुहैया करा दी जाए तो यहां हजारों सैलानी रोजाना पहुंचेंगे.

Last Updated : Aug 30, 2020, 7:35 PM IST
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