धमतरी: जिले के मगरलोड और केरेगांव थाना के फुटहामुड़ा के जंगलों में जुआरियों का जमावड़ा लगा रहता है. इतना ही नहीं ये जुआरी किसी भी तरह के खतरे से बचने के लिए मुखबिर तैनात रखते हैं जो इन्हें समय समय पर सूचित करते रहते हैं. ऐसे में लगातार बढ़ रहे फड़ों से पुलिस प्रशासन के काम पर कई सवाल खड़े कर रहे हैं.
जुआरियों का गढ़
जिला बीते कुछ महीनों से जुआरियों का गढ़ बन चुका है. यहां घने जंगलों के बीच जुआरियों के फड़ लगते हैं. सूत्रों के मुताबिक जुआ फड़ों को संचालित करने वाले भी राजिम इलाके के हैं. इन फड़ों में शौकीनों के लिए शराब सिगरेट और मिनरल वाटर की भी सुविधा रहती है.
हजारों रुपए की एंट्री फीस
फड़ के संचालक यहां आने वाले लोगों से सुरक्षा और सुविधा के नाम पर हजारों रुपए की एंट्री फीस लेते हैं. जिसकी बाजी चलती है उसे बतौर इनाम मोटी रकम अदा करनी पड़ती है. खास बात ये कि ये फड़ कई बार तो 24 घंटे भी लगातार चलते हैं. रोजाना यहां 52 परी और जोकर के पीछे लाखों रुपए दांव पर लगते हैं.
जिम्मेदारों की मिलीभगल
धमतरी में बीते कई साल से जुआ लगभग बैन था. लेकिन करीब 6 महीनों से फिर बड़े फड़ सजने लगे हैं. दबी जुबान में ये चर्चा जरूर है कि जुआ चलाने वालों को जिम्मेदारों ने खुद हरि झंडी दे रखी है. उसके एवज में मोटी रकम का लेनदेन किया जाता है. जिसका बंटवारा रैंक और पद के हिसाब से होता है. दिखावे के नाम पर छोटी-मोटी कार्रवाई भी होती है.
बड़े अफसरों ने नोट के बंडलों से अपनी निष्ठा का सौदा किया हुआ है. इसलिए जुआ खेलने वालों के खिलाफ कोई बड़ी कार्रवाई नहीं की जाती और जुआ बेधड़क चलता है.