धमतरी: जहां कुछ लोग दूसरों के जान के दुश्मन बन जाते हैं. वहीं एक ओर धमतरी का मगौद गांव है, जहां आज तक एक भी FIR दर्ज नहीं हुई है. शायद यह प्रदेश का पहला गांव है, जहां किसी भी कार्रवाई के लिए लोग पुलिस के पास नहीं जाते हैं. गांव के बड़े बुजुर्ग ही आपस में बैठकर मामला सुलझा लेते हैं. आजादी से लेकर अब तक इस गांव का कोई भी विवाद थाने में दर्ज नहीं हुआ है. यह गांव वाकई पूरे प्रदेश के लिए मिसाल है.
देते हैं अनोखी सजा
गांव के लोग काफी जागरूक हैं. कोई भी व्यक्ति यहां शराब पीकर हंगामा करते नहीं दिखेगा. मारपीट हो या जमीन विवाद, किसी भी मामले में थाने या कोर्ट-कचहरी की नौबत नहीं आती. हर मामला मिल-जुलकर सुलझा लिया जाता है. गलती होने के दौरान दोषी व्यक्ति से जो जुर्माना लिया जाता है और उसे सार्वजनिक कार्यों या गरीब की मदद में खर्च किया जाता है. गांव के लोग सदियों से आपसी भाईचारे और सौहार्द का संदेश दे रहे हैं.
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मूलभूत सुविधाओं की कमी
धमतरी जिले का कासरवाही ग्राम पंचायत के आश्रित गांव मगौद की दूरी जिला मुख्यालय से 55 किलोमीटर है. इस गांव में 50 से ज्यादा घर और करीब दो सौ की आबादी है. बहरहाल, गांव के ग्रामीण आज भी मूलभूत सुविधाओं के लिए तरस रहे हैं. गांव में स्कूल बदहाल है. गांव में जाने के लिए कच्ची सड़क नहीं है.