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छत्तीसगढ़ का मगौद गांव, जहां आज तक नहीं हुई है FIR, मिलती है अनोखी सजा - मगौद गांव

मामूली बात पर थाने में FIR दर्ज कराना लोगों के लिए आम बात है. ऐसे में धमतरी के मगरलोड क्षेत्र का मगौद गांव मिसाल पेश कर रहा है, जहां आज तक किसी ने थाने में जाकर FIR दर्ज नहीं कराई है.

FIR फ्री गांव
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Published : Aug 17, 2019, 1:31 PM IST

Updated : Aug 17, 2019, 3:21 PM IST

धमतरी: जहां कुछ लोग दूसरों के जान के दुश्मन बन जाते हैं. वहीं एक ओर धमतरी का मगौद गांव है, जहां आज तक एक भी FIR दर्ज नहीं हुई है. शायद यह प्रदेश का पहला गांव है, जहां किसी भी कार्रवाई के लिए लोग पुलिस के पास नहीं जाते हैं. गांव के बड़े बुजुर्ग ही आपस में बैठकर मामला सुलझा लेते हैं. आजादी से लेकर अब तक इस गांव का कोई भी विवाद थाने में दर्ज नहीं हुआ है. यह गांव वाकई पूरे प्रदेश के लिए मिसाल है.

वीडियो

देते हैं अनोखी सजा
गांव के लोग काफी जागरूक हैं. कोई भी व्यक्ति यहां शराब पीकर हंगामा करते नहीं दिखेगा. मारपीट हो या जमीन विवाद, किसी भी मामले में थाने या कोर्ट-कचहरी की नौबत नहीं आती. हर मामला मिल-जुलकर सुलझा लिया जाता है. गलती होने के दौरान दोषी व्यक्ति से जो जुर्माना लिया जाता है और उसे सार्वजनिक कार्यों या गरीब की मदद में खर्च किया जाता है. गांव के लोग सदियों से आपसी भाईचारे और सौहार्द का संदेश दे रहे हैं.

पढ़ें- ये है छत्तीसगढ़ का फ्रेंडशिप डे, इस खास अंदाज में मनाई जाती है भोजली

मूलभूत सुविधाओं की कमी
धमतरी जिले का कासरवाही ग्राम पंचायत के आश्रित गांव मगौद की दूरी जिला मुख्यालय से 55 किलोमीटर है. इस गांव में 50 से ज्यादा घर और करीब दो सौ की आबादी है. बहरहाल, गांव के ग्रामीण आज भी मूलभूत सुविधाओं के लिए तरस रहे हैं. गांव में स्कूल बदहाल है. गांव में जाने के लिए कच्ची सड़क नहीं है.

धमतरी: जहां कुछ लोग दूसरों के जान के दुश्मन बन जाते हैं. वहीं एक ओर धमतरी का मगौद गांव है, जहां आज तक एक भी FIR दर्ज नहीं हुई है. शायद यह प्रदेश का पहला गांव है, जहां किसी भी कार्रवाई के लिए लोग पुलिस के पास नहीं जाते हैं. गांव के बड़े बुजुर्ग ही आपस में बैठकर मामला सुलझा लेते हैं. आजादी से लेकर अब तक इस गांव का कोई भी विवाद थाने में दर्ज नहीं हुआ है. यह गांव वाकई पूरे प्रदेश के लिए मिसाल है.

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देते हैं अनोखी सजा
गांव के लोग काफी जागरूक हैं. कोई भी व्यक्ति यहां शराब पीकर हंगामा करते नहीं दिखेगा. मारपीट हो या जमीन विवाद, किसी भी मामले में थाने या कोर्ट-कचहरी की नौबत नहीं आती. हर मामला मिल-जुलकर सुलझा लिया जाता है. गलती होने के दौरान दोषी व्यक्ति से जो जुर्माना लिया जाता है और उसे सार्वजनिक कार्यों या गरीब की मदद में खर्च किया जाता है. गांव के लोग सदियों से आपसी भाईचारे और सौहार्द का संदेश दे रहे हैं.

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मूलभूत सुविधाओं की कमी
धमतरी जिले का कासरवाही ग्राम पंचायत के आश्रित गांव मगौद की दूरी जिला मुख्यालय से 55 किलोमीटर है. इस गांव में 50 से ज्यादा घर और करीब दो सौ की आबादी है. बहरहाल, गांव के ग्रामीण आज भी मूलभूत सुविधाओं के लिए तरस रहे हैं. गांव में स्कूल बदहाल है. गांव में जाने के लिए कच्ची सड़क नहीं है.

Intro:धमतरी:- मामूली बात पर थाने में एफआईआर दर्ज करा दी जाती है.जमीन विवाद में कई पीढ़ियां कोर्ट-कचहरी में चक्कर काटती रह जाती है.ऐसे में धमतरी के मगरलोड क्षेत्र के मगौद गांव नजीर पेश कर रहा है.आजादी से लेकर अब तक इस गांव के किसी भी विवाद का थाने में एफआईआर दर्ज नहीं हुआ है.गांव की एकता की दाद देनी होगी कि वह आज भी अपने विवाद खुद सुलझा लेता है.
Body:धमतरी जिले का कासरवाही ग्राम पंचायत के आश्रित गांव मगौद की दूरी जिला मुख्यालय से 55 किलोमीटर है.इस गांव में 50 से ज्यादा घर और करीब दो सौ की आबादी है.बाहर से देखने में यह गांव बिल्कुल सामान्य है लेकिन आज भी यहां ग्रामीण मूलभूत सुविधाओं के लिए तरस रहे है.बदहाल स्कूल और गांव में जाने के लिए कच्ची सड़क यही इस गांव की तस्वीर है.वक्त जरूर बदला लेकिन इस गांव की रवायत नहीं बदली.गांव के लोग सदियों से आपसी भाईचारे और सौहार्द का संदेष देते आ रहे है.यही वजह है कि इस गांव से आज तक कोई भी मामला थाने तक नही पहुंचा है.अगर कोई विवाद होता भी है तो गांव के पटेल,पंच-सरपंच और गांव के बड़े बुजुर्ग आपस मे ही सुलझा लेते है.

हालांकि यहां लोग सामान्य लोगों की तरह जीवन यापन करते है लेकिन उनके विचार जानकर चौक जायेंगे.चाहे वह युवा हो या फिर बुजुर्ग हो सबका आत्मविश्वास प्रेरित करता है. गांव के लोग काफी सजग है कोई व्यक्ति यहां शराब पीकर हंगामा करता नहीं दिखेगा.मारपीट हो या जमीन विवाद थाना या कोर्ट-कचहरी कोई नहीं जाता.गांव की बात गांव में ही रहे इसके लिए गांववाले बैठते है और मिलजुलकर उसे सुलझा लेते है.इस दौरान दोषी व्यक्ति से जो जुर्माना लिया जाता है उसे सार्वजनिक कार्यों या गरीब की मदद में खर्च किया जाता है.
Conclusion:बहरहाल इन्ही खासियतों के चलते गांव में भी काफी बदलाव हुआ है तो आसपास इलाके के लिए यह गांव मिसाल बन गया है.

बाइट...दयाराम कुंजाम ग्रामीण( सफेद बनियान पहना हुआ)

बाइट...राजेन्द्र नेताम( मुंडा,मूंछ वाला व्यक्ति)
बाइट...सुरेंद्र नेताम (टोपी पहना हुआ व्यक्ति)
बाइट...के.पी.चन्देल.एडिशनल एस पी धमतरी( वर्दी पहना हुआ)

अभिमन्यु नगारची कुरुद
Last Updated : Aug 17, 2019, 3:21 PM IST
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