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रबी सीजन में किसानों ने दिखाई धान की फसल में रुचि - धान की फसल

धमतरी जिले में किसान रबी सीजन में भी धान की फसल की तैयारी कर रहे हैं. इस बार जिले में धान की बंपर पैदावार हुई है. वहीं सिंचाई को लेकर भी पर्याप्त व्यवस्था है, लिहाजा किसान दलहन-तिलहन की जगह धान की पैदावार करने में जुटे हुए हैं.

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किसानों ने दिखाई रुचि
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Published : Feb 7, 2021, 10:01 PM IST

Updated : Feb 7, 2021, 10:33 PM IST

धमतरी : जिले में खरीफ फसल के बाद अब रबी फसल की तैयारी जोरों पर है. हालांकि पिछले साल की तुलना में इस बार धान की फसल ज्यादा रकबे पर हुई. वहीं सिंचाई को लेकर भी किसानों के पास पर्याप्त व्यवस्था है. लिहाजा किसान दलहन और तिलहन को छोड़कर जिले में धान की फसल दो बार ले रहे है ताकि उन्हें धान की फसल से उन्हे मुनाफा अधिक मिल सके.

धान की फसल में किसानों की रुचि

जिले के बड़े रकबे में किसान हर साल गर्मी में धान की फसल बोते हैं. क्योंकि हर साल किसानों को बांधों के जरिए पर्याप्त पानी मिलता है. ऐसे में अधिकांश किसानों ने बांध के पानी के भरोसे अपने खेतों में रोपा लगाया है. वहीं कई किसान अपने कृषि पंप के साधन से खेतों में सिंचाई कर रहे हैं. यही वजह है कि इन दिनों किसान और मजदूर रबी धान फसल लेने में व्यस्त हैं. बोर से सिंचाई करने वाले किसानों के खेतों में भी तेजी से रोपाई का दौर जारी है.

पढ़ें : यह तीन काम नहीं करा सकी तो छोड़ दूंगी राजनीति : रेणुका सिंह

लक्ष्य 30 हजार हेक्टेयर

कृषि विभाग की माने तो इस बार रबी फसल के बोनी का लक्ष्य 30 हजार हेक्टेयर रखा गया है. लेकिन 31 हजार 528 हेक्टेयर में किसानों ने धान का फसल लिया है. अन्य रबी फसलों को मिलाकर कुल लक्ष्य 79 हजार 135 हेक्टेयर में से किसानों ने महज 59 हजार 323 हेक्टेयर में ही फसल लगाई है. इसके अलावा इस बार दलहन और तिलहन बोआई में कमी आई है. मसलन पिछले वर्ष किसानों ने 19 हजार 830 हेक्टेयर में दलहन और 2 हजार 72 हेक्टेयर में तिलहन की फसल ली गई थी, जो अब घटकर 17 हजार 375 हेक्टेयर में दलहन और तिलहन 2 हजार हेक्टेयर हो गई है.

तिलहन पर असर

बहरहाल सिंचाई सुविधाओं के कारण किसानों ने दलहन और तिलहन के बजाए धान के फसल को ज्यादा महत्व दिया है. सरकार की बेरूखी और विभागों की उदासीनता के चलते इसका दलहन तिलहन की खेती पर भी असर पड़ रहा है.

धमतरी : जिले में खरीफ फसल के बाद अब रबी फसल की तैयारी जोरों पर है. हालांकि पिछले साल की तुलना में इस बार धान की फसल ज्यादा रकबे पर हुई. वहीं सिंचाई को लेकर भी किसानों के पास पर्याप्त व्यवस्था है. लिहाजा किसान दलहन और तिलहन को छोड़कर जिले में धान की फसल दो बार ले रहे है ताकि उन्हें धान की फसल से उन्हे मुनाफा अधिक मिल सके.

धान की फसल में किसानों की रुचि

जिले के बड़े रकबे में किसान हर साल गर्मी में धान की फसल बोते हैं. क्योंकि हर साल किसानों को बांधों के जरिए पर्याप्त पानी मिलता है. ऐसे में अधिकांश किसानों ने बांध के पानी के भरोसे अपने खेतों में रोपा लगाया है. वहीं कई किसान अपने कृषि पंप के साधन से खेतों में सिंचाई कर रहे हैं. यही वजह है कि इन दिनों किसान और मजदूर रबी धान फसल लेने में व्यस्त हैं. बोर से सिंचाई करने वाले किसानों के खेतों में भी तेजी से रोपाई का दौर जारी है.

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लक्ष्य 30 हजार हेक्टेयर

कृषि विभाग की माने तो इस बार रबी फसल के बोनी का लक्ष्य 30 हजार हेक्टेयर रखा गया है. लेकिन 31 हजार 528 हेक्टेयर में किसानों ने धान का फसल लिया है. अन्य रबी फसलों को मिलाकर कुल लक्ष्य 79 हजार 135 हेक्टेयर में से किसानों ने महज 59 हजार 323 हेक्टेयर में ही फसल लगाई है. इसके अलावा इस बार दलहन और तिलहन बोआई में कमी आई है. मसलन पिछले वर्ष किसानों ने 19 हजार 830 हेक्टेयर में दलहन और 2 हजार 72 हेक्टेयर में तिलहन की फसल ली गई थी, जो अब घटकर 17 हजार 375 हेक्टेयर में दलहन और तिलहन 2 हजार हेक्टेयर हो गई है.

तिलहन पर असर

बहरहाल सिंचाई सुविधाओं के कारण किसानों ने दलहन और तिलहन के बजाए धान के फसल को ज्यादा महत्व दिया है. सरकार की बेरूखी और विभागों की उदासीनता के चलते इसका दलहन तिलहन की खेती पर भी असर पड़ रहा है.

Last Updated : Feb 7, 2021, 10:33 PM IST
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