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समय बेसमय बिजली गुल होने से किसानों की नहीं हो पा रही रोपाई-बुआई

धमतरी जिले के किसान बिजली की आंख मिचौली से परेशान है.बार-बार बिजली बंद होने से किसान रोपाई, बुआई नहीं कर पा रहे है. अधिकारी मेंटेनेंस की बात कहकर मामले से पल्ला झाड़ने की कोशिश कर रहे हैं.

Farmers of Dhamtari are troubled by electricity problem
बिजली बंद की समस्या से जूझ रहे धमतरी के किसान
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Published : Jan 11, 2021, 7:46 PM IST

Updated : Jan 11, 2021, 7:56 PM IST

धमतरी: धमतरी जिला कृषि के क्षेत्र में अग्रणी जिला है. यहां दोनों सीजन में धान की बंपर पैदावारी होती है. इसके बावजूद इन दिनों यहां के किसान परेशान है. दरअसल किसान बिजली की समस्या से जूझ रहे है. खेतों में किसान रोपाई और बुआई का काम कर रहे है, लेकिन इसके लिए किसानों को पर्याप्त पानी नहीं मिल पा रहा है. खरीफ के सीजन में मानसून के भरोसे खेती हो जाती है. रबी सीजन में किसान पंप और बोर के भरोसे रहते है. जिले में बिजली की आंख मिचोली किसानों की खेती पर भारी पड़ रही है.किसानों का कहना है कि यही हाल रहा तो वे बर्बाद हो जाएंगे.

बिजली गुल होने से किसानों की नहीं हो पा रही रोपाई-बुआई

बिजली समस्या से जिले के किसान खासे परेशान है. बिजली को लेकर सबसे ज्यादा परेशानी ग्रामीण क्षेत्रों में है. जहां बिजली कटौती और बार-बार खराबी आ जाने से लोगों में नाराजगी देखने को मिल रही है.बिजली की समस्या का असर खेती-किसानी पर भी पड़ रहा है.ग्रामीणों की शिकायत है कि बिजली बंद होने से कृषि पंप और बोर से पानी नहीं निकल रहा है इससे सिंचाई कार्य प्रभावित हो रहे है.

कृषि पंपों का नियमित संचालन नहीं

Farmers of Dhamtari are troubled by electricity problem
जिले में बिजली की समस्या

जिले में सिंचाई का प्रमुख साधन नदी और नहर है.इसके अलावा कृषि पंप और बोर से भी आवश्यकतानुसार सिंचाई कार्य किया जाता है, लेकिन यहां कई गांव में बिजली कटौती, लाइन फॉल्ट सहित लो वोल्टेज की समस्या आम हो गई है.इसके कारण कृषि पंप का नियमित रूप से संचालन नहीं पा रहा है.

पढ़ें: बैगा विस्थापितों का दर्द: खेती तो छूटी ही, कोई रोजगार भी नहीं

बिजली के भरोसे किसान

जिले के सभी विकास खंडों में सैकड़ों किसानों ने धान और सब्जी की खेती के लिए कृषि पंप से सिंचाई के लिए बिजली कनेक्शन लिया है.हालांकि खरीफ फसल के लिए मानसून की बारिश के पानी पर निर्भर रहते है लेकिन गर्मी में यहां के किसानों को कृषि पंपों के भरोसे रहना पड़ता है. बार-बार बिजली गुल होने से पंप या बोर से पानी लेना मुश्किल हो जाता है.

वर्तमान में फसलों को पानी की जरूरत

मौजूदा वक्त में फसलों को सिंचाई की बेहद आवश्यकता है. किसानों ने बुआई कर दी है उनके खेतों में बीज अंकुरण के साथ खेतों में फसल निकल आई. किसानों का कहना है कि समय पर पानी नहीं मिलने से बोआई कार्य पिछड़ रहा है जो रोपाई 20 दिन में तैयार हो जाती थी अब महीनेभर में भी नहीं हो पा रही है.इसके अलावा खेत भी जल्दी सूखने और दरारें भी पड़ने लगी है.

शाम 5 बजे से लेकर 11 बजे तक निर्धारित कटौती

शासन ने शाम 5 बजे से रात 11 बजे तक विद्युत कटौती निर्धारित की है, लेकिन जिले में इसका कही पालन होता नहीं दिख रहा है.किसानों का कहना है कि कभी भी पंप लाइन को बंद कर दिया जाता है. इस सिलसिले में किसानों ने कई बार विद्युत विभाग को अवगत कराया, पर कोई फायदा नहीं हुआ.

पढ़ें: किसान आंदोलन मामले में दो चरणों में हो सकता है सुप्रीम कोर्ट का फैसला

'मेंटेनेंस के चलते बिजली बंद'

बिजली विभाग के अधिकारियों का कहना है कि कृषि कार्य को देखते हुए विभाग लगातार प्रयास कर रहा है कि कहीं बिजली बंद ना हो और किसानों को किसी भी प्रकार की समस्या ना हो.अधिकारियों का कहना है कि लाइन तभी बंद रहती है जब कहीं मेंटेनेंस कार्य चल रहा होता है इसके अलावा ट्रांसफार्मर फेल की समस्या होती है उसे बदलने के लिए कई बार लाइन बंद करना पड़ता है.

बहरहाल यदि फसलों को पर्याप्त पानी नहीं मिला तो फसलें सूखने लगेगी और उसका असर फसल के उत्पादन पर भी पड़ेगा. किसानों को आर्थिक नुकसान उठाने की नौबत आन पड़ेगी. इसके अलावा आम लोगों पर भी इसका असर पड़ेगा.

धमतरी: धमतरी जिला कृषि के क्षेत्र में अग्रणी जिला है. यहां दोनों सीजन में धान की बंपर पैदावारी होती है. इसके बावजूद इन दिनों यहां के किसान परेशान है. दरअसल किसान बिजली की समस्या से जूझ रहे है. खेतों में किसान रोपाई और बुआई का काम कर रहे है, लेकिन इसके लिए किसानों को पर्याप्त पानी नहीं मिल पा रहा है. खरीफ के सीजन में मानसून के भरोसे खेती हो जाती है. रबी सीजन में किसान पंप और बोर के भरोसे रहते है. जिले में बिजली की आंख मिचोली किसानों की खेती पर भारी पड़ रही है.किसानों का कहना है कि यही हाल रहा तो वे बर्बाद हो जाएंगे.

बिजली गुल होने से किसानों की नहीं हो पा रही रोपाई-बुआई

बिजली समस्या से जिले के किसान खासे परेशान है. बिजली को लेकर सबसे ज्यादा परेशानी ग्रामीण क्षेत्रों में है. जहां बिजली कटौती और बार-बार खराबी आ जाने से लोगों में नाराजगी देखने को मिल रही है.बिजली की समस्या का असर खेती-किसानी पर भी पड़ रहा है.ग्रामीणों की शिकायत है कि बिजली बंद होने से कृषि पंप और बोर से पानी नहीं निकल रहा है इससे सिंचाई कार्य प्रभावित हो रहे है.

कृषि पंपों का नियमित संचालन नहीं

Farmers of Dhamtari are troubled by electricity problem
जिले में बिजली की समस्या

जिले में सिंचाई का प्रमुख साधन नदी और नहर है.इसके अलावा कृषि पंप और बोर से भी आवश्यकतानुसार सिंचाई कार्य किया जाता है, लेकिन यहां कई गांव में बिजली कटौती, लाइन फॉल्ट सहित लो वोल्टेज की समस्या आम हो गई है.इसके कारण कृषि पंप का नियमित रूप से संचालन नहीं पा रहा है.

पढ़ें: बैगा विस्थापितों का दर्द: खेती तो छूटी ही, कोई रोजगार भी नहीं

बिजली के भरोसे किसान

जिले के सभी विकास खंडों में सैकड़ों किसानों ने धान और सब्जी की खेती के लिए कृषि पंप से सिंचाई के लिए बिजली कनेक्शन लिया है.हालांकि खरीफ फसल के लिए मानसून की बारिश के पानी पर निर्भर रहते है लेकिन गर्मी में यहां के किसानों को कृषि पंपों के भरोसे रहना पड़ता है. बार-बार बिजली गुल होने से पंप या बोर से पानी लेना मुश्किल हो जाता है.

वर्तमान में फसलों को पानी की जरूरत

मौजूदा वक्त में फसलों को सिंचाई की बेहद आवश्यकता है. किसानों ने बुआई कर दी है उनके खेतों में बीज अंकुरण के साथ खेतों में फसल निकल आई. किसानों का कहना है कि समय पर पानी नहीं मिलने से बोआई कार्य पिछड़ रहा है जो रोपाई 20 दिन में तैयार हो जाती थी अब महीनेभर में भी नहीं हो पा रही है.इसके अलावा खेत भी जल्दी सूखने और दरारें भी पड़ने लगी है.

शाम 5 बजे से लेकर 11 बजे तक निर्धारित कटौती

शासन ने शाम 5 बजे से रात 11 बजे तक विद्युत कटौती निर्धारित की है, लेकिन जिले में इसका कही पालन होता नहीं दिख रहा है.किसानों का कहना है कि कभी भी पंप लाइन को बंद कर दिया जाता है. इस सिलसिले में किसानों ने कई बार विद्युत विभाग को अवगत कराया, पर कोई फायदा नहीं हुआ.

पढ़ें: किसान आंदोलन मामले में दो चरणों में हो सकता है सुप्रीम कोर्ट का फैसला

'मेंटेनेंस के चलते बिजली बंद'

बिजली विभाग के अधिकारियों का कहना है कि कृषि कार्य को देखते हुए विभाग लगातार प्रयास कर रहा है कि कहीं बिजली बंद ना हो और किसानों को किसी भी प्रकार की समस्या ना हो.अधिकारियों का कहना है कि लाइन तभी बंद रहती है जब कहीं मेंटेनेंस कार्य चल रहा होता है इसके अलावा ट्रांसफार्मर फेल की समस्या होती है उसे बदलने के लिए कई बार लाइन बंद करना पड़ता है.

बहरहाल यदि फसलों को पर्याप्त पानी नहीं मिला तो फसलें सूखने लगेगी और उसका असर फसल के उत्पादन पर भी पड़ेगा. किसानों को आर्थिक नुकसान उठाने की नौबत आन पड़ेगी. इसके अलावा आम लोगों पर भी इसका असर पड़ेगा.

Last Updated : Jan 11, 2021, 7:56 PM IST
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